बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज ,सागर विश्वसनीयता पैदा करें, निजी चिकित्सालय कोरोना की गाइडलाइन के तहत इलाज कर सकते हैं : प्रभारी सचिव नितेश व्यास


बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज ,सागर विश्वसनीयता पैदा करें, निजी चिकित्सालय कोरोना की गाइडलाइन के तहत इलाज कर सकते हैं 
: प्रभारी सचिव नितेश व्यास

सागर ।  बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज अपनी विश्वसनीयता पैदा करें। साथ ही कोरोना संकट बड़ा है किंतु हमे इसे जीतना ही होगा। यदि निजी चिकित्सालय कोरोना की गाइडलाइन के तहत इलाज कर सकते हैं तो इसमें कोई बाध्यता नहीं। उक्त निर्देष नगरीय प्रशासन एवं विकास के प्रमुख सचिव एवं प्रभारी सचिव सागर  नितेश व्यास ने कमिश्नर कार्यालय के सभाकक्ष में गुरूवार को कोरोना वायरस के रोकथाम नियंत्रण के लिए किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की। आयोजित बैठक में उन्होंने कहा कि कोरोना संकट बड़ा अवश्य है किंतु हमारी इच्छा शक्ति से पराजित करने के लिए हमें हर संभव प्रयास करने होंगे। इसके लिए आपका साथ हमें चाहिए।
उन्होंने कहा कि सागर का डेथ रेट प्रदेश के डेथ रेट के बराबर है बहुत अच्छी बात है किंतु मृत्यु दर अधिक होने के कारण चिंता बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि अभी सागर में 115 एक्टिव केस हैं। उन्होंने कहा कि इन केसों को हमें और अधिक नहीं बढ़ने देना है इसके लिए ठोस रणनीति बनानी होगी। उन्होंने कहा कि होम क्वारंटाईन किए गए व्यक्तियों को सख्ती से घर पर ही रोकने होगा। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि हमें किसी भी स्थिति में कोरोना का इलाज करते हुए बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में ही उसको स्वस्थ कर बुंदेलखंड के व्यक्तियों में विश्वास पैदा करना होगा।
उन्होंने निर्देश दिए कि कोरोना केयर सेंटर के प्रभारी को पूरी सतर्कता के साथ काम करने की आवश्यकता है और प्रतिदिन भर्ती मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण कराएं। उन्होंने मृत्यु दर अधिक होने के कारणों की समीक्षा करते हुए जानकारी प्राप्त की। जानकारी लेने पर पाया गया कि अधिकतर व्यक्तियों की मृत्यु हार्ट, बीमारी किडनी, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, हाइपरटेंशन जैसे रोगों से अधिक हुई है। आज दिनांक तक 22729 सैंपल लिए गए हैं जो कि अच्छा है और इसको बनाए रखने के लिए हमें निरंतर कार्य करना होगा।
उन्होंने 435 रिजेक्ट सैंपल की पुनः जांच कराने के भी आदेश दिए। उन्होंने सागर में होम कोरेन्टाईन व्यक्तियों की सतत निगरानी के लिए आरआरटी टीम पुलिस विभाग, साईबर सेल, स्मार्ट सिटी कमांड कंट्रोल सेंटर में बने कंट्रोल रूम की सतत मॉनिटरिंग की भी प्रशंसा की उन्होंने फर्स्ट कांटेक्ट डाटा जो अभी तक 6 हजार लिया गया। उसकी जिओ ट्रेक के माध्यम से सतत निगरानी करने के प्रयास की सराहना की।
प्रमुख सचिव श्री व्यास ने नगर निगम क्षेत्र, मकरोनिया एवं केंट क्षेत्र के प्रत्येक वार्ड में टीमों के गठन के माध्यम से जो सर्वे कराया जा रहा है वह सभी जिलों में करने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कोरोना केयर सेंटर में भर्ती मरीजों को वीडियो कॉल के माध्यम से टेली मेडिसन एवं योग कराने के निर्णय को भी सही बताया।


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सागर बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज अपने काम के माध्यम से अपनी विश्वसनीयता बुंदेलखंड के व्यक्तियों में पैदा करें और कोरोना सहित अन्य बीमारियों के इलाज के लिए अन्यत्र ना जाना पड़े ऐसा प्रयास किए जाएं। साथ ही यदि बुंदेलखंड की चिकित्सालय कोरोना संक्रमण की इलाज करना चाह रहे हैं तो उनको पूरी गाइडलाइन के तहत यह कार्य कर सकते हैं।
उन्होंने समीक्षा बैठक लेते हुए सागर मेडिकल कॉलेज में कोरोना पीड़ित व्यक्तियों की मृत्यु दर अधिक होने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि  जिसके लिए ठोस रणनीति तैयार करें कि किसी भी स्थिति में  किसी भी व्यक्ति की मौत ना हो पाए  इसके लिए शासन स्तर पर मदद करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि जब अति आवश्यक हो तब ही  संपूर्ण व्यवस्था वाली एंबुलेंस से ही रेफर करें बीएमसी की  कार्यों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आप लोग अपने कार्यों से विश्वास पैदा करें। जिससे  यहां व्यक्ति इलाज कराने के लिए निष्चिंत रूप से आ सके।
उन्होंने कहा कि बीएमसी में समस्त व्यवस्थाएं सुचारू रूप से संचालित होना चाहिए क्योंकि यह कॉलेज अब पुराना है और इसमें सभी डॉक्टर पैरामेडिकल स्टाफ अनुभवी है। स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त संचालक एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिए कि कोरोना केयर सेंटर एवं फीवर क्लीनिक का निरीक्षण करें और यह देंखे कि फीवर क्लीनिक के स्वास्थ्य परीक्षण के पष्चात किस व्यक्ति को बीएमसी में लाने की आवश्यकता है तो उसको तत्काल बीएमसी में भर्ती कराएं।

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उन्होंने कहा कि सैंपलिंग रेट अच्छा है किंतु इसको अभी और अधिक बढ़ाने पर बल दिया। उन्होंने साथ ही कहा कि प्रतिदिन सेंपलिंग करने वाली टीम की मानिटरिंग करें कि वह टीम सही सैंपलिंग कर रही है या नहीं क्योंकि इससे रिजेक्ट सेंपल होने की संभावना कम हो जाती है। उन्होंने कहा कि पहले हाईरिस्क वालों का परीक्षण करें। तत्पष्चात लो-रिष्क वालों का परीक्षण करें। उसके बाद फर्स्ट कांटेक्ट की मानिटरिंग करने के निर्देश दिए सैंपल रिजेक्ट रेट जो ज्यादा है। उसकी भी सेंपलिंग कराएं।
इस अवसर पर कमिश्नर श्री जे के जैन,  कलेक्टर श्री दीपक सिंह, पुलिस अधीक्षक श्री अमित सांघी, नगर निगम आयुक्त श्री आरपी अहिरवार,  जिला पंचायत सीईओ श्री इच्छित गढ़पाले, अपर कलेक्टर श्री अखिलेष जैन, नगर दण्डाधिकारी श्री पवन बारिया, एसडीएम सागर, क्षेत्रीय स्वास्थ्य संचालक डॉ.वीरेंद्र यादव,  बीएमसी के डीन डॉ आर एस वर्मा, जिला आयुष अधिकारी डॉ संजय खरे, सीएमएचओ डा. एमएस सागर, नगर निगम उपायुक्त डॉ प्रणय कमल खरे, महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्री भरत सिंह राजपूत, सिविल सर्जन डा. गायकवाड़, स्मार्ट सिटी सीइओ श्री राहुल सिंह राजपूत, सहित अन्य अधिकारी डॉक्टर मौजूद थे। 


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