म.प्र. मानव तस्करी का महत्वपूर्ण रूट :अरुणा मोहन राव

म.प्र. मानव तस्करी का महत्वपूर्ण रूट :अरुणा मोहन राव

● मानव तस्करी  में आनलाइन मीडिया का प्रयोग और ओ.एस.आई.एन.टी. विषय पर  बेबीनार 

 

सागर।   पुलिस प्रशिक्षण शाला सागर में ''मानव र्दुव्यापार (मानव तष्करी) में आॅनलाइन मीडिया का प्रयोग और ओ.एस.आई.एन.टी.'' विषय पर दो दिवसीय बेबीनार का आयोजन पुलिस मुख्यालय के निर्देष पर एवं विशेष पुलिस महानिदेषक (प्रषिक्षण) श्रीमती अरूणा मोहन राव  एवं श्रीमती अनुराधा शंकर  (अति. पुलिस महानिदेषक) के मार्गदर्षन में किया गया।

 विषेश पुलिस महानिदेषक (प्रषिक्षण) श्रीमती अरूणा मोहन राव द्वारा बताया गया कि मानव र्दुव्यापार (मानव तष्करी) आतंकवाद और ड्रग्स के बाद विष्व में तीसरा सबसे ज्यादा घटित होने वाला अपराध है। इस अपराध का सबसे ज्यादा प्रभाव बच्चों पर पड़ने से इसे गंभीरता से लेने की आवष्यकता है, म.प्र. मानव तष्करी के अपराध का महत्वपूर्ण रूट (रास्ता) है इस अपराध से प्रभावित बच्चों को म.प्र. के रास्ते ही अपराधियों द्वारा दूसरे स्थानों पर पहुंचाया जाता है। इसलिए म.प्र. की पुलिस को इस आषय के प्रति विषेष रूप से सतर्क रहने की आवष्यकता है।
प्रथम सत्र में श्री वीरेन्द्र मिश्रा (निर्देषक, राष्ट्रीय सामाजिक संस्थान एन.आई.एस.डी.) जो पूर्व में मानव र्दुव्यवहार (मानव तष्करी) से संबंधित यूनाइटेड नेषन (संयुक्त राष्ट्र) के मिशन से जुडे़ रहे हैं, उनके द्वारा मानव र्दुव्यापार (मानव तष्करी) विष्व व्यापाी स्वरूप को बताया गया है, विष्व के कौन से देशो से बच्चों को उठाया जाता है तथा कौन से देश उपभोक्ता के रूप में इनका उपयोग करते हैं, तथा अन्य देषों से इस अपराध के तार कैसे जुड़े हुए हैं। इस पर विस्तार से बताया गया।

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 द्वितीय सत्र में श्री जितेन्द्रसिंह (एस.पी.साइबर इंदौर) द्वारा मानव व्यापार (मानव तष्करी) के अपराध में फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम के प्रयोग को बताया गया और कैसे संचार के माध्यमों ने इस आषय को और भयाभय बना दिया है इसे बताया गया तथा ओ.एस.आई.एम.ई.टी को विस्तार से बताया गया।
दूसरे दिन प्रथम सत्र में श्रीमती मधुमिता सेन गुप्त (काॅर्डिनेटर ''बचपन बचाओ आन्दोलन'') द्वारा मानव र्दुव्यापार के सामाजिक कारणों पर प्रकाश डाला और बताया कि पुलिस और न्यायालय द्वारा दाण्डित कार्यवाही के अलावा इस अपराध को रोकने के लिए समाज के गरीब, अषिक्षित तबके में जागरूकता का लाना बेहद जरूरी है।
 द्वितीय सत्र में श्रीमती सुतापा सान्याल (रिटायर पुलिस महानिदेषक उ.प्र.) जो उत्तर प्रदेष की पहली महिला डी.आई.जी. हैं, आपके द्वारा मानव र्दुव्यापार (मानव तष्करी) कि अपराध में पुलिस भूमिका एवं पुलिस द्वारा इस आषय की विवेचना में की जाने वाली सामान्य गलतियों पर विस्तार सेे बताया गया।
समापन सत्र में अति. पुलिस महानिदेषक (प्रषिक्षण) श्रीमती अनुराध शंकर  द्वारा पुलिस अधीक्षक पी.टी.एम. एवं उनकी टीम को कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु बधाई दी तथा बताया कि तकनीकी प्रयोग से ऐस प्रषिक्षण कार्यक्रम का लाभ म.प्र. के अलावा अन्य प्रदेष के पुलिस अधिकारीयों को प्राप्त हुआ इसके लिए पूरी टीम की प्रषंसा की।कार्यक्रम के समापन से पुलिस अधीक्षक (पी.टी.एस.) सागर श्री राजीव मिश्रा द्वारा कार्यक्रम के सभी व्याख्याताओ का आभार व्यक्त किया गया।

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इस कार्यक्रम में म.प्र. के विभिन्न जिलो से प्र.आ. से उप पुलिस अधीक्षक स्तर तक अधिकारी सम्मिलित रहे, इसके अलावा छत्तीसगढ़ पुलिस अधिकरी भी इसके सम्मिलित रहे एवं पुलिस अधिकारी व कर्मचारी द्वारा फील्ड में आने वाली परेषानियों को भी व्याख्याताओं से साझा किया तथा समाधान प्राप्त किये।
पुलिस अधीक्षक  द्वारा कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोगी रहे  शैलेन्द्र मार्टिन (उप पुलिस अधीक्षक)  अभिषेक बुन्देला (ए.डी.पी.ओ.)  अफरोज खान (निरीक्षक), श्री अमित गौतम (उप निरीक्षक),  दिनेष साहू (उप निरीक्षक), श्रीमती द्रोपदी साहू (सहा.उप निरीक्षक), आरक्षक अष्विनी घास, पवन, विकास की भी प्रषंसा हुई। कार्यक्रम के संबध मे जानकारी पुलिस प्रषिक्षण शाला में पदस्थ सहा.जिला अभियोजन अधिकारी अभिषेक बुन्देला द्वारा दी गई।

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