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ऑनलाइन शिक्षा वर्तमान समय की आवश्यकता : प्रो. डी.पी सिंह

ऑनलाइन शिक्षा वर्तमान समय की आवश्यकता : प्रो. डी.पी सिंह
★ एलएमएस शिक्षा की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम : प्रो. जे.पी. सिंह जूरेल  
★ विश्वविद्यालय को अत्याधुनिक बनाना मुख्य ध्येय : प्रो. आर.पी.तिवारी 

सागर  ।डॉक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर में लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम का विधिवत शुभारम्भ हुआ. सागर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एवं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष प्रो. धीरेन्द्र पाल सिंह ने सोमवार को  लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम का ऑनलाइन उद्घाटन किया. उद्घाटन करते हुए प्रो. सिंह ने कहा कि कोरोना से उपजे संकट में शिक्षा का आधुनिकीकरण हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है, जिसके द्वारा देश में उन्नत एवं गुणवत्तापूर्ण अध्ययन-अध्यापन एवं आधुनिक शोध के साथ वैश्विक ज्ञान की आधारभूत संरचनाएं विकसित की जा सकेंगी. सागर विश्वविद्यालय इस संकट काल में भी अनवरत अकादमिक गतिविधियाँ संचालित कर रहा है जो अपने आप में अनूठा है. इस ऐतिहासिक क्षण में यह देश का ऐसा तीसरा विश्वविद्यालय बन गया है जहाँ ऑनलाइन लर्निंग मैनेजमेंट विधिवत शुरू किया गया है. उन्होंने कहा कि शिक्षकों को मानव संसाधन विकास केन्द्रों के माध्यम से दिए जाने वाले विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों को भी ऑनलाइन संचालित किये जाने की रूपरेखा बन रही है जिससे शिक्षकों को नवीनतम एवं अद्यतन ज्ञान एवं तकनीक की जानकारी प्राप्त हो सकेगी.

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एलएमएस शिक्षा की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम : प्रो. जे.पी. सिंह जूरेल  

यूजीसी-इन्फ्लिबिनेट के निदेशक प्रो. जे.पी.सिंह जूरेल ने लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम को शिक्षा का एक आधुनिक एवं क्रांतिकारी कदम बताते हुए कहा कि यह एक नवाचारी शुरुआत है जिसका फायदा देश के उच्च शिक्षा संस्थानों को मिलेगा. इसके माध्यम से विभिन्न विषयों की शिक्षा ऑनलाइन माध्यम से दी जा सकेगी जिसमें विद्यार्थी और शिक्षक दोनों की सहभागिता सुनिश्चित हो सकेगी. कोरोना संकट के कारण शिक्षा में पैदा होने वाली चुनौती को दूर करने में भी यह बहुत हद तक कारगर सिद्ध होगा. यह सिस्टम ई-पीजी पाठशाला पर उपलब्ध सामग्री के माध्यम से संचालित होगा. इसके अगले चरण में 'स्वयं' तथा अन्य प्लेटफ़ॉर्म पर मौजूद पाठ्य सामग्रियों को भी विद्यार्थियों के लिए सुलभ कराया जाएगा. 

पढ़े : सागर:  किल कोरोना अभियान के सर्वे हेतु प्रशिक्षण, गैरहाजिर सीएमओ को नोटिस

विश्वविद्यालय को अत्याधुनिक बनाना मुख्य ध्येय : प्रो. आर.पी.तिवारी

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर.पी. तिवारी ने स्वागत वक्तव्य में कहा कि डॉक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय को अत्याधुनिक बनाना हमारा मुख्य उद्देश्य है और इन्फ्लिबिनेट-लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम इसी दिशा में किया गया एक प्रयास है जो आज विधिवत शुरू होने जा रहा है. उन्होंने बताया कि इस कोरोना महामारी की चुनौती के समय में भी विश्वविद्यालय अपनी अकादमिक प्रतिबद्धताओं के प्रति लगातार सक्रिय है और विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण और आधुनिक विधियों के माध्यम से शिक्षा देने के लिए तत्पर है. समारोह के अंत में विश्वविद्यालय के कुलसचिव कर्नल राकेश मोहन जोशी ने सभी अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया और आश्वस्त किया कि अत्याधुनिक शिक्षा संसाधनों के माध्यम से    विश्वविद्यालय नए कीर्तिमान स्थापित करेगा. उन्होंने लॉक डाउन के दौरान उच्च शिक्षण संस्थाओं द्वारा आयोजित किये जाने वाले ऑनलाइन संगोष्ठी और कार्यशालाओं की मान्यता को लेकर व्याप्त संशय को लेकर यूजीसी द्वारा आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान किये जाने का भी निवेदन किया.
 
लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम के समन्वयक डॉ. अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि जल्द ही शिक्षकों और विद्यार्थियों के लिए इस सिस्टम के चरणबद्ध प्रशिक्षण की व्यवस्था की जायेगी जिससे शिक्षक स्वनिर्मित पाठ्य सामग्री इस प्लेटफ़ॉर्म पर अपलोड कर सकेंगे और विद्यार्थी इस पूरे सिस्टम का लाभ ले सकेंगे.  समारोह का संचालन विश्वविद्यालय के संयुक्त कुलसचिव श्री संतोष सोहगौरा ने किया.   

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