फोरेंसिक जांच से न्यायिक प्रक्रिया को सहयोग मिलता है : डॉ जी के गोस्वामी, ज्वाईंट डायरेक्टर सीबीआई
सागर । अपराधशास्त्र एवं आपराधिक न्याय प्रशासन पर केन्द्रित ई-सिम्पोजियम के प्रथमचरण के साथ तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ । पहले दिन सी बी आई के ज्वाइंट डायरेक्टर डाॅ जी के गोस्वामी ने "यौन अपराधों में फोरेंसिक अन्वेषण" विषय पर बेहतरीन व्याख्यान दिया । उन्होंने अपराधशास्त्र के ऐतिहासिक विकासक्रम पर प्रकाश डालते हुए कहा फोरेंसिक जांच से न्यायिक प्रक्रिया को सहयोग मिलता है ।
अध्यक्षीय उदबोधन में नेशनल लाॅ यूनिवर्सिटी जबलपुर के कुलपति प्रो बलराज चौहान ने कहा कि कुशल प्रशिक्षित अधिकारियों से भूमिका अपराधिक न्याय प्रशासन बेहतर होता है ।
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कार्यक्रम के संयोजक भारतीय अपराधशास्त्र परिषद् के उपाध्यक्ष प्रो दिवाकर सिंह राजपूत ने कहा कि अपराधशास्त्र एवं आपराधिक न्याय प्रशासन विषय का ज्ञान आदर्श समाज के निर्माण में सहयोगी भूमिका का निर्वहन करता है । डी ए वी कॉलेज वाराणासी के उप-प्राचार्य डॉ ए के मिश्रा ने स्वागत भाषण दिया। सहसंयोजक डाॅ मधु सिसोदिया ने आभार व्यक्त किया ।भारतीय अपराधशास्त्र परिषद् एवं डी ए वी कॉलेज वाराणासी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में प्रो अरविंद तिवारी
, प्रो आर एन मंगोली ,डॉ दीपकगुप्ता सहित देश के विभिन्न स्थानों से लोगों ने सहभागिता की।
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कल डीआईजी जेल छतीशगढ़ केके गुप्ता का होगा व्याख्यान
कल के व्याख्यान डाॅ के के गुप्ता डी आई जी जेल एवं श्री कल्याण एस पी पुलिस
भारतीय अपराधशास्त्र परिषद् एवं डी ए वी कॉलेज वाराणासी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में कल दो व्याख्यान होंगे। पहला व्याख्यान कल्याण एस पी आर्थिक अपराध विंग छत्तीसगढ़ और दूसरा व्याख्यान डाॅ के के गुप्ता डी आई जी जेल छत्तीसगढ़ का होगा । दोनों सिम्पोजियम की अध्यक्षता प्रो अरविंद तिवारी मुम्बई करेंगे।
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