हौसलों से बड़ी दिव्यांगता नहीं : दिव्यांग शुभी खरे
सागर । यदि हौसले बुलंद हो तो कोई भी बीमारी बड़ी नहीं हो सकती और न ही हौसलों से बड़ी दिव्यांगता। साथ में परिवार का भी साथ मिल जाए तो हर ख्वाहिश पूरी हो सकती है। उक्त बात बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में कंटरजेंसी में कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटर दमोह निवासी सुश्री शुभी खरे ने कहीं । सुश्री खरे बताती है कि बचपन से ही मैं दोनो पैरों से दिव्यांग पैदा हुई तो सभी ने मुझे अच्छी दृष्टि से नही देखा पर मेरी माँ एवं पिता ने मुझे बहुत ही प्यार दिया और मेरी आत्मशक्ति को बढ़ाया मेरा हमेशा उत्साह बढ़ाया। मैं बड़ी होती गई मुझे डांस का बहुत ही शौक था तब मेरे माता पिता एवं बड़ी बहन ने पूरा सहयोग किया ओर मुझे डांस में प्रतियोगिता में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चैहान ने मध्यप्रदेश स्तर पर सम्मानित किया ।
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सुश्री खरे बताती है कि मुझे बचपन से ही डांस एवं स्टेनोग्राफर बनने का बहुत शौक था किंतु परिस्थितियों के कारण अपने मुकाम तक नहीं पहुंच पाई। लेकिन मेरे हौसलों एवं दृढ़ इच्छाशक्ति से बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी मिल गई। शुभी खरे कहती है की कभी भी इंसान को हार नहीं माननी चाहिए चाहे परिस्थितियां कैसी भी हो। बस हौसले, दृढ़इच्छाशक्ति, आत्मविश्वास और कठोर परिश्रम से सफलता जरूर मिलती है।
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