बीएमसी के डीन वर्मा और डॉक्टर सुमित रावत से मांगा स्पष्टीकरण,सेम्पल हुई देरी, गैरहाजिर चार डॉक्टर्स का वेतन रोका , कमिश्रर की कार्यवाई
डॉ सुमित रावत, सहप्राध्यापक, माइक्रो वायरोलॉजी, बीएमसी को सैम्पल भेजने में हुए विलम्ब पर 3 दिवस में देना होगा स्पष्टीकरण
सागर । सागर संभाग कमिश्नर श्री जे के जैन ने डॉ . सुमित रावत, सहप्राध्यापक, माइक्रो वायरोलॉजी, बुंदेलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय सागर को सैम्पल भेजने में हुए विलम्ब के संबंध में स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश जारी किए है।
उल्लेखनीय है कि 22 जून 2020 की रात्रि एवं दिनांक 23 जून 2020 की प्रातः को बुदेलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय सागर में कोरोना परीक्षण हेतु 1497 सैम्पल एकत्रित होकर जांच हेतु संग्रहीत थे। बुदेलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय के लैब प्रभारी होने के नाते स्वयं डॉ . सुमित रावत, द्वारा अथवा अधिष्ठाता के माध्यम से सैम्पल अधिक होने के आधार पर सैम्पलों को भोपाल भिजवाए जाने हेतु कार्यवाही की जानी चाहिए थी। उक्त कार्यवाही न किये जाने के परिणाम स्वरूप दिनांक 23 जून 2020 की प्रातः आयुक्त चिकित्सा शिक्षा का दूरभाष पर इस संबंध में संदेश प्राप्त हुआ ।
इसके आधार पर कमिश्नर श्री जेके जैन द्वारा डॉ . सुमित रावत को 23 जून 2020 को लगभग 12 बजे यह निर्देशित किया गया कि सैम्पल जांच हेतु तत्काल भोपाल पहुंचाये। इसके बाद निरंतर समय-समय पर पूरे दिन भर आपको अतिरिक्त सैम्पल भोपाल भिजवाने हेतु बताया जाता रहा। डॉ. सुमित रावत द्वारा मात्र आश्वासन दिया जाता रहा और अंतः सैम्पल देर शाम सागर से रवाना किये गये, जो कि वहां 23 जून की रात्रि 11 बजे पहुंच सके। डॉ . सुमित रावत का यह कृत्य उनके द्वारा अपने कर्तव्यों में न केवल लापरवाही एवं उदासीनता दर्शाता है, बल्कि गंभीर परिस्थिति में सैम्पल के परीक्षण को लेकर डॉ . सुमित रावत, संवेदनशीलता भी प्रकट करता है। आप अवगत ही हैं कि आपदा प्रबंधन अधिनियम के अंतर्गत कर्तव्यों से विमुखता आपराधिक कार्यवाही भी आकर्षित करती है, इसके बावजूद आपके द्वारा वांछित लगनशीलता एवं उत्तरदायी बोध से अपने कर्तव्यों का निर्वहन न किया जाना घोर आपत्तिजनक है । इस संबंध में आप अपनी स्थिति स्पष्ट करें कि क्यों न आपके विरूद्ध समुचित कार्यवाही की जाये ? तीन दिवस में समाधानकारक उत्तर प्राप्त न होने की स्थिति में डॉ . सुमित रावत के विरुद्ध आगामी कार्यवाही की जावेगी ।
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डॉ आरएस वर्मा, प्रभारी अधिष्ठाता बीएमसी को सैम्पल भेजने में हुए विलम्ब पर 3 दिवस में देना होगा स्पष्टीकरण
सागर। सागर संभाग कमिश्नर श्री जेके जैन ने डॉ आरएस वर्मा, प्रभारी अधिष्ठाता, बुंदेलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय को सैम्पल भेजने में हुए विलम्ब के संबंध में स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है।
उल्लेखनीय है कि दिनांक 22 जून 2020 की रात्रि एवं 23 जून 2020 की प्रातः को बुदेलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय सागर में कोरोना परीक्षण हेतु 1497 सैम्पल एकत्रित होकर जांच हेतु संग्रहीत थे । आपके द्वारा बुदेखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय में परीक्षण की क्षमता के मान से सैम्पल अधिक होने के आधार पर इन सैम्पलों को भोपाल भिजवाए जाने हेतु स्वयं कार्यवाही की जानी चाहिए थी । आपके द्वारा कार्यवाही न किये जाने की स्थिति में दिनांक 23 जून 2020 की प्रातः आयुक्त चिकित्सा शिक्षा का दूरभाष पर इस संबंध में संदेश प्राप्त हुआ । इसके आधार पर मेरे द्वारा आपको दिनांक 23 जून 2020 को लगभग 12 बजे यह निर्देशित किया गया कि सैम्पल जांच हेतु तत्काल भोपाल पहुंचाये । इसके बाद निरंतर समय - समय पर पूरे दिन भर आपको अतिरिक्त सैम्पल भोपाल भिजवाने हेतु बताया जाता रहा । आपके द्वारा मात्र आश्वासन दिया जाता रहा और अंततः सैम्पल देर शाम सागर से रवाना किये गये , जो कि वहां दिनांक 23 जून 2020 की रात्रि 11 बजे पहुंच सके । आपका यह कृत्य आपके द्वारा अपने कर्तव्यों में न केवल लापरवाही एवं उदासीनता दर्शाता है, बल्कि गभीर परिस्थिति में सैम्पल के परीक्षण को लेकर आपकी असंवेदनशीलता भी प्रकट करता है । आप अवगत ही हैं कि आपदा प्रबंधन अधिनियम के अंतर्गत कर्तव्यों से विमुखता आपराधिक कार्यवाही भी आकर्षित करती है, इसके बावजूद आपके द्वारा वांछित लगनशीलता एवं उत्तरदायी बोध से अपने कर्तव्यों का निर्वहन न किया जाना घोर आपत्तिजनक है । इस संबंध में आप अपनी स्थिति स्पष्ट करें कि क्यों न आपके विरूद्ध समुचित कार्यवाही की जावे ? तीन दिवस में समाधानकारक उत्तर प्राप्त न होने की स्थिति में आपके विरुद्ध आगामी कार्यवाही की जावेगी ।
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सागर । आयुक्त नगर पालिक निगम सागर को बुंदेलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय सागर के कोविड-19 वार्ड की व्यवस्थाओं की जांच हेतु निर्देशित किए जाने पर उनके द्वारा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी व जिला पंजीयक सागर के साथ दिनांक 25 जून 2020 को प्रातः 10 बजे निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में पाया गया कि रोस्टर के अनुसार प्रातः 8 बजे से 2 बजे तक जिन डॉक्टर्स की ड्यूटी थी, वे अपने कर्तव्य पर अनुपस्थित मिले। इसी प्रकार भर्ती मरीजांे को प्रातः 10 बजे तक चाय नाश्ता भी वितरित नहीं किया गया। नियत समय पर ड्यूटी डॉक्टर्स का न आना एवं चाय, नाश्ता आदि न दिया जाना गंभीर अनियमितता की श्रेणी में आता है। इससे स्पष्ट है कि अधिष्ठाता, बुदेलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय सागर द्वारा समुचित नियंत्रण एवं पर्यवेक्षण नहीं किया जा रहा है जिससे उनकी प्रशासनिक शिथिलता परिलक्षित होती है। अतः उपरोक्त स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए डॉ आरएस वर्मा, प्रभारी अधिष्ठाता बुंदेलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय सागर एवं चिकित्सा महाविद्यालय के डॉ सुलभ जैन, डॉ धर्मेन्द्र कनेरिया, डॉ हिमांशु सिंह, डॉ ऐश्वर्या चतुर्वेदी चिकित्सकों के वेतन आहरण पर सागर संभाग कमिश्नर श्री जेके जैन द्वारा आगामी आदेश तक रोक लगायी गई है। यह आदेश तत्काल प्रभावशील किया गया है ।
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