तेंदूपत्ता पर मौसम की मार,गुणवत्ता हुई प्रभावित, बीड़ी/तेंदुपत्ता कारोबारियों को अब इसकी भी चिंता
सागर। मध्यप्रदेश में लाकडाउन के दौरान बड़ी मुश्किलों में तेंदूपत्ता संग्रहण का काम शुरू हुआ है। सोसल डिस्टेंस और गाएडलाईनो का पालन करते हुए इनका संग्रहण चल रहा है। काफी हद तक सरकार और इस काम मे जुटे लोगो को सफलता भी मिली। लेकिन बीच मे निसर्ग चक्रवात ने तेंदूपत्ता की क्वालटी पर असर डाला है। ऐसे में बीड़ी कारोबार पर गुणवत्ता का असर पड़ेगा। जिसके कारण घटिया माल बनने की आशंका बनी है। कुछ बीड़ी कारोबारी घटिया पत्ता को लेकर आशंकित है। । उधर ठेकेदारों का मानना है कि घटिया पत्ते की अलग से नीलामी हो । क्योंकि जिस रेट पर संग्रहन हुआ है। वही अच्छी गुणवत्ता के लिए हुआ है न कि घटिया क्वालटी के लिए। सरकार ने इसकी गुणवत्ता के साथ ही मौसम का ध्यान भी रखने की बात कही थी।
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ये थे गुणवत्ता को लेकर निःर्देश
मध्यप्रदेश राज्य लघु वनोपज (व्यापार एवं विकास) सहकारी संघ मर्यादित भोपाल ने 2 मई को अतिरिक्त आदेश निकाला समस्त मुख्य वन संरक्षक एवं पदेन महाप्रबंधक, वन वृत्त मध्यप्रदेश समस्त वन मण्डलाधिकारी एवं प्रबंध संचालक, जिला लघु वनोपज सहकारी यूनियन मर्यादित लिए निकाला था। जिंसमे वर्ष 2020 तेंदूपत्ता संग्रहण कार्य हेतु :प्रत्येक क्षेत्र में उत्तम गुणवत्ता के तेंदूपत्ता की तुड़ाई की जावे।
इसमे कहा गया था कि तेंदूपत्ता तोड़ाई के संबंध में क्रेता प्रतिनिधि से समन्वय स्थापित कर मैदानी अधिकारी/कर्मचारी, फडमुंशी, मुख्य संग्राहक आदि विचार विमर्श कर उत्तम गुणवत्ता का तेंदूपत्ता तोड़ाई कर फड पर संग्रहण किया जाना सुनिश्चित करें। तदानुसार फड खोलना/बंद करने के निर्णय उत्तम गुणवत्ता तेंदूपत्ता संग्रहित करने की दृष्टि से मौसम की अनुकूलता को भी ध्यान में रख कर किया जावे।
लेकिन वर्तमान हालातो में तेंदूपत्ता की क्वालटी घटिया भी मिली है। अब ठेकेदारों का मानना है कि सरकार को इस दिशा में कुछ निःर्देश/ राहत देना चाहिए। ताकि तेंदूपत्ता की गुणवत्ता बनी रहे। अन्यथा एमपी के बाहर घटिया पत्ता बिकने से प्रदेश की छवि पर भी असर पड़ेगा। तेंदूपत्ता कारोबारियो के अनुसार अभी टूटा पत्ता हरा और मटमैला है। फड़ से बिना सुखोय इस तरह का पत्ता गोदामो में पहुच गया तो गुणवत्ता कमजोर रहेगी। बीड़ी व्यापारियों को रॉयल्टी जमा करने के बाद यही घटिया पट्टा मिलेगा।
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तेन्दूपत्ता संग्राहकों को प्रोत्साहन पारिश्रमिक का भुगतान जारी
प्रदेश के 32 लाख तेन्दूपत्ता संग्राहकों को संग्रहण वर्ष 2018 में संग्रहीत तेन्दूपत्ते के शुद्ध लाभ से 183 करोड़ 94 लाख के प्रोत्साहन पारिश्रमिक का भुगतान किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने 23 मई से संग्राहकों को प्रोत्साहन पारिश्रमिक वितरण का कार्य वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शुभारंभ किया है।
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है, जहाँ तेन्दूपत्ता के व्यवसाय से होने वाली सम्पूर्ण शुद्ध आय प्राथमिक सहकारी वनोपज समितियों को उपलब्ध कराई जाती है। वर्तमान में शुद्ध आय का 70 प्रतिशत भाग संग्राहकों को उनके द्वारा संग्रहीत मात्रा के अनुपात में प्रोत्साहन पारिश्रमिक के रूप में नगद भुगतान किया जाता है। शेष 30 प्रतिशत में से 15 प्रतिशत भाग वनों के पुनरुत्पादन और 15 प्रतिशत अवशेष राशि सहकारी समितियों को उनकी प्राथमिकता और माँग के आधार पर गाँव की मूलभूत सुविधाओं के विकास में व्यय किया जाता है।
एमपी में अभी तक 15 लाख 65 हजार मानक बोरा तेन्दूपत्ता संग्रहित हो चुका है। करीब 16 लाख 29 हजार मानक बोरा के संग्रहण का लक्ष्य रखा गया है।
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