NSUI ने मजदूर विरोधी श्रम कानून में संशोधन के विरोध में ज्ञापन सौंपा


NSUI ने मजदूर विरोधी श्रम कानून में संशोधन के विरोध में ज्ञापन सौंपा 

सागर।  संविधान विरोधी श्रम कानून बंद  करो जो मजदूर विरोधी है इसमें  इसमें अमीरों एवं उद्योगपतियों,पूंजीपतियों के पक्ष में लॉक डाउन के दौरान भारत सरकार द्वारा जो  औद्योगिक इकाइयों में  जो श्रमिक मजदूरी कर रहे हैं उनके विरुद्ध संविधान विरोधी कानून बनाकर कंपनी अधिनियम  औद्योगिक अधिनियम में संशोधन करके 8 घंटे के स्थान पर 12 घंटा मजदूरी का कार्यकाल बढ़ा दिया गया है । 

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इस पर एनएसयूआई जिला उपाध्यक्ष चक्रेश रोहित ने कहा भारत सरकार मजदूरों को 50 लाख  रुपए बीमा कवर निर्धारित किया जाए कोरोना काल में पैदल चल रहे भुखमरी एवं दुर्घटना से जिन प्रवासी मजदूरों की मृत्यु हुई है उनके परिवारों को 50 लाख रुपए की आर्थिक राहत प्रदान की जाए  एनएसयूआई प्रदेश सहसचिव  अनुरुद्ध सिंह गौर ने कहा मोदी सरकार द्वारा कंपनी अधिनियम औद्योगिक विवाद अधिनियम एवं श्रम कानून में संशोधन कर समय की वृद्धि की गई एवं श्रम न्यायालयों में दावा पेश करने के अधिकार से वंचित करने मे संशोधन को समाप्त किया जाए मजदूरों एवं गरीबों को भीख नहीं समानता का अधिकार चाहिए  ।

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एनएसयूआई  जिलाअध्यक्ष नरेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा भारत के संविधान के अनुसार मजदूर विरोधी समस्त संशोधन को समाप्त किया जाए प्रवासी मजदूरों को तत्काल रेल एवं बस सेवाओं द्वारा उनके मूल निवास  पर व्यवस्था कराई जाए एवं ज्ञापन में दी गई समस्याओं का निराकरण न करने पर भारत के मजदूर,गरीब एवं NSUI द्वारा आंदोलन किया जाएगा। इसको लेकर एक ज्ञापन राष्ट्रपति के नाम nsui ने भेजा है।

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