अंतर्राष्ट्रीय पेंगोलिन तस्कर की जमानत सागर कोर्ट से खारिज,वीडियो एप के जरिये हुई सुनवाई
★Covid 19 के नाम पर वृद्ध माँ - पिता की सेवा के नाम पर आरोपी ने मांगी थी जमानत
★मामला वन्यप्राणी पैंगोलिन व लाल तिलकधारी कछुओं की अंतर्राष्ट्रीय तस्करी का है आरोपी एक वर्ष से सागर जेल मे बंद है
सागर ।( तीनबत्ती न्यूज़)। केंद्रीय जेल सागर में बंद पैंगोलिन और लाल तिलकधारी कछुओ का अंतरराष्ट्रीय तस्कर तपस बसक की जमानत याचिका के मामले में आज शुक्रवार को एडीजे कोर्ट में वाडियो मोबाइल एप के जरिए सुनवाई हुई। इसमें न्यायाधीश पंकज यादव ने सहायक जिला अभियोजन अधिकारी सुधा विजय सिंह भदौरिया का तर्क मोबाइल पर सुनने के बाद आरोपी की जमानत याचिका निरस्त कर दी है।
बता दें कि पैंगोलिन और लाल तिलकधारी कछुओ की अंतर्राष्ट्रीय तस्करी के आरोप में तपस बसक केंद्रीय जेल सागर में बंद है।उसके द्वारा लगातार विभिन्न कोर्ट में जमानत के लिए याचिकाएं लगाई जा रही थी। इस मामले में महानिदेशक लोक अभियोजन मध्य प्रदेश श्री पुरुषोत्तम शर्मा ने वन्य प्राणी अपराध अधिनियम में अहम भूमिका निभाने वाली सहायक जिला अभियोजन अधिकारी सुधाविजय सिंह भदौरिया को उनकी कार्यदक्षता को देखते हुए मामले की पैरवी हेतु दिसंबर 2019 में वन्य प्राणी मुख्यालय मध्य प्रदेश के विशेष अनुरोध पर अधिकृत किया था।
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अभियोजन अधिकारी श्रीमती भदौरिया ने बताया कि इस प्रकरण के आरोपीगण द्वारा लगातार अदालतों में जमानत याचिका लगाई जा रही थी। इसी संबंध में श्रीमती भदौरिया द्वारा 30 अप्रैल को जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री के पी सिंह को एक अनुरोध पत्र लिखा गया था। जिसमें बताया गया था कि इस अपराध के आरोपीगण अंतरराष्ट्रीय तस्कर हैं और वह जिस भी कोर्ट में याचिका लगा रहे है। उसकी जानकारी उन्हें दी जाए ताकि वे शासन की ओर से covid 19 की परिश्थितियों में माननीय उच्चतम व उच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित दिशा निर्देशों के पालन मे vidyo app / mobile के माध्यम से अपना पक्ष रख सकें। इसी तारतम्य में ए डीजे श्री पंकज यादव ने 8 मई को भदौरिया का लिखित तर्क अभिलेख पर लेते हुये उनका पक्ष मोबाईल पर सुना और उनके तर्कों से सहमत होते हुये एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुये कोर्ट ने आरोपी के अपराध को जमानत योग्य ना मानते हुए आरोपी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है।
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यह आरोपी पूर्व में भी वन्य प्राणी कछुओं की तस्करी का आरोपी है। और उसके खिलाफ कई अपराध कोलकत्ता ( पश्चिम बंगाल ) में भोपाल ( म प्र ) में दर्ज हैं।
श्रीमती भदौरिया ने बताया कि वे इस प्रकरण में लगातार lock down की स्थिति में भोपाल से सबधित न्यायालय में जहा आरोपीगण जमानत याचिका लगाते हैं कभी व्हाट्स अप पर लिखित तर्क प्रेषित ,कभी वीडियो एप से वीसी करके , कभी मेल पर लिखित तर्क प्रेषित कर पैरवी कर रहीं हैं । अब तक सी जे एम सागर श्री विवेक पाठक के कोर्ट से 07 आरोपियों की जमानत निरस्त करा चुकीं हैं । साथ ही इसके पूर्व 02आरोपीगण की सत्र न्यायालय से निरस्त करा चुकीं हैं इस आरोपी का यह सत्र न्यायालय में पांचवा जमानत आवेदन है इस आरोपी की माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा दो बार एस एल पी निरस्त की जा चुकी है।
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