कोरोना का संकट नहीं अव्यवस्था मजदूरों की हत्यारी बनी - रघु ठाकुर
भोपाल ।समाजवादी पार्टी के संरक्षक रघु ठाकुर जी ने कहा कि देश के विभिन्न शहरों में काम के लिए गए मजदूरों की स्थिति बहुत ही दयनीय है ।न तो उनके पास पैसा है ना खाने को दाना ।सैकड़ों किलोमीटर पैदल चल रहे हैं ।इस उम्मीद में कि गांव घर पहुंच जाएं ।सरकार ने कुछ मजदूर रेल चलाई पर वे जरूरत से बहुत कम है। आज औरंगाबाद से चले 16 मजदूरों की रेल से कटकर मौत समूचे देश के लिये शर्मनाक है। जो मजदूर शहरों में बड़ी-बड़ी इमारतें कड़ी मेहनत से खड़ी करते हैं आज वही के बंदी बन कर रह गए हैं ।देश में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित मजदूर किसान और छोटे व्यापारी हैं ।
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हमने मार्च से ही सरकार से मांग की थी कि विशेष सैनिटाइजड रेलों से मजदूरों को रेलो से घर भिजवाए ।परंतु मदान्ध सरकार ने ध्यान नहीं दिया । विदेशों से जहाँ से कोरोना की महामारी आई वहां से बड़े-बड़े लोगों को लाने के लिए विमान भेजे जा रहे हैं परंतु मजदूरों के लिए सामान्य रेल के डिब्बे तक नहीं है। सरकार से हमारी मांग है कि मृतकों के परिवार जनों को एक-एक करोड़ रुपए का मुआवजा दिया जाए।
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उन्होंने कहा कि जिन उच्च अधिकारियों को मजदूरों को लाने के लिए दायित्व सौंपा गया था उनके मोबाईल फोन नहीं उठते।उनके नम्बरों के रिकार्ड से जांच करा कर दोषी अधिकारियों के विरुद्ध गैर जिम्मेदारी के लिए कार्रवाई के की जाए। जहां जहां प्रवासी मजदूर हैं वहां के मुख्यमंत्रियों से सीधी बातचीत करसम्बंधित राज्य के मुख्य मन्त्री जी लाकडाउन में फँसे मजदूरों की व्यवस्था के लिए अनुरोध करें।गृहमंत्री व रेल मंत्री जी को जिन्होंने समयपर रेल चलाने के अपने नैतिक दायित्व को पूरा नहीं किया नैतिक आधार पर इस्तीफा देना चाहिए।
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