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सागर जिले में मनरेगा से 28 हजार प्रवासी मजदूरों को रोजगार

सागर जिले में मनरेगा से  28 हजार प्रवासी मजदूरों को रोजगार


सागर।  कोरोना वायरस के संक्रमण से उत्पन्न परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुये मनरेगा परिवारों एवं प्रवासी मजदूरों को अधिकतम रोजगार देने के उद्देष्य से सागर जिले में विस्तृत कार्ययोजना तैयार की गई है। कोरोना वायरस के संदर्भ में भारत सरकार द्वारा दी गई गाइड लाईन के अनुक्रम में जल संरक्षण संबंधी कार्य यथा-हितेषी कपिलधारा, कूप, खेत, तालाब, तालाब जीर्णाद्वार प्राथमिकता से प्रारंभ किये गए है। जिले में मनरेगा योजनान्तार्गत 2.72 लाख सक्रिय श्रमिक है। राज्य के बाहर से एवं विभिन्न जिलों से जिला सागर में आये श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने की दृष्टि से इनके जॉबकार्ड तैयार कराकर इन्हें मनरेगा के कार्यों में नियोजित किया गया है।

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सभी जॉबकार्डधारी मजदूरों को सुगमता से मजदूरी उपलब्ध हो इस हेतु जिले में कुल 25386 कार्य प्रगतिरत है जिनमें 14790 हितग्राहीमूलक कार्य एवं 10596 सामुदायिक मूलक कार्य है। जिनमें हितेषी कपिलधारा के 5 हजार 893, आवास के 8 हजार 897, ग्रामीण संयोजकता के 2 हजार 813, जल संरक्षण/संवर्धन के 1 हजार 857, मोक्षधाम, खेल मैदान, आंगनवाड़ी, पंचायत भवन आदि के 1 हजार 728, वृक्षारोपण के 1 हजार 600, शौचालय के 980 एवं अन्य निर्माण के 1 हजार 618 कार्य चल रहे हैं।

28 हजार मजदूरो को मिला रोजगार : गढ़पाले


जिला पंचायत सीईओ  इच्छित गढ़पाले ने बताया कि जिले में जो कार्य चल रहे हैं उनमें बैगलोर व अन्य प्रदेषों से लौटे अपने जिला के ग्रामों में मनरेगा के तहत संचालित कार्यों में कार्य देकर रोजगार मुहैया कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में जिले में 750 ग्राम पंचायतों में 4079 कार्य हितग्राहीमूलक एवं 1273 कार्य सामुदायिक मूलक कार्यों के विरूद्व प्रतिदिन 28 हजार से श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। जिसमें कोविड-19 महामारी के चलते भारत सरकार एवं राज्य सरकार से प्राप्त निर्देषों का पालन कराते हुये मजदूरां को रोजगार उपलब्ध कराते हुये उनकी सुरक्षा का विषेष ध्यान रखा जा रहा है।

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 नाक व मुह को मास्क अथवा स्वयं के गमछे से ढक कर रखने हेतु समझाईष देते हुये मजदूरी कर रहे मजदूरों को नाक व मुह ढकने के लिये दो-दो मास्क उपलब्ध कराये जा रहे है। मजदूरी कर रहे सभी मजदूरों के मध्य 6 फीट की दूरी रखी जा रही है जिससे कि कोई भी मजदूर एक दूसरे के संपर्क मे न आये। कार्यस्थल परहाथ धोने हेतु साबुन एवं पानी उपलब्धता कराई गये है। ऐसे निर्माण कार्य जिन पर लगने वाले मजदूरोंकी संख्या 10 या उससे अधिक है। उस कार्यस्थल पर एक मेट/अर्धकुषल मजदूर को तैयार किया गया है। जो कि स्वसहायता समूह की महिला या स्वच्छ भारत अभियान अंतर्गत स्वच्छाग्रही है। मेट का मूल दायित्व मजदूरों से कार्य करवाने के दौरान कोविड-19 महामारी के बचाव हेतु सभी उपाय का पालन करवाना है।
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