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पशु चिकित्सा विभाग की लॉक डाउन में चिकित्सीय सेवा उपलब्ध ,नही होगी परेशानी पशुपालकों को

पशु चिकित्सा विभाग की  लॉक डाउन में चिकित्सीय सेवा उपलब्ध ,नही होगी परेशानी पशुपालकों को

सागर । भारत  सरकार एवं म. प्र. शासन के निर्देशानुसार पशु चिकित्सा विभाग जिला सागर द्वारा विभिन्न गतिविधियां संचालित की  जा  रहीं हैं ।  कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्रीमती प्रीति मैथिल नायक ने विशेष जोर  दिया है  कि  जिले के पशु  पालकों को किसी भी  तरह  की  परेशानी का  सामना न करना  पड़े । जिले के 11 विकास खंड में में 40 पशु चिकित्सालय 52 पशु औषधालय एवं 48 कृतिम गर्भाधान उप केंद्र तथा 04 कृत्रिम गर्भाधान केंद्र संस्थाएं संचालित हो  रही हैं तथा रोग प्रयोगशाला एवं चलित  चिकित्सा इकाई का संचालन पूर्व की भांति संचालित हो रही हैं । कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्रीमती प्रीति मैथिल नायक ने यह  निर्देश भी  दिए  हैं  कि  कोरोना वाइरस रोग से सम्बंधित सरकार की गाइडलाईन का  अक्षरसः पालन किया जाये ।

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उप-संचालक पशु  चिकित्सा, जिला सागर ने बताया कि जिले की पशु चिकित्सा से संबंधित संस्थाएं प्रातः एवं सांय को अपने नियमित समय पर खुल रही हैं व पशुओं का इलाज का कार्य, शल्य चिकित्सा का कार्य, गर्भाधान का कार्य एवं पशु चिकित्सा से जुड़ी हुई इमरजेंसी सेवाएं प्रदाय की जा रही हैं। पशु चिकित्सा की सेवाओं को प्रदान करते समय यह ध्यान रखा जा रहा है कि पशुपालक सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें एवं पशु चिकित्सा कार्य में संलग्न स्टाफ सोशल डिस्टेंसिंग, व्यक्तिगत स्वछता का  ध्यान रखते हुए थोड़े-थोड़े अंतराल में हैंड सैनिटाइजेशन का कार्य कर रहे हैं जिससे किसी प्रकार की बीमारी का संक्रमण  फैलने की संभावना न रहे। पशु चिकित्सालय के  नियत समय पर  बंद  होने के पश्चात भी  जिले के समस्त 11 विकासखंड में संचालित 'डायल 1962' चलित पशु चिकित्सा इकाई अंतर्गत जिले से प्राप्त होने वाले कॉल सेंटर से पशुपालकों को सुविधाएं प्रदान कर रही हैं जिसमें की गंभीर रोग से पीड़ित होने पर पशुओं को तुरंत उपचार मुहैया कराया जाता है। इस प्रकार लॉकडाउन की स्थिति में भी पशु चिकित्सा का कार्य अप्रभावित रहते हुए शत-प्रतिशत सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। 'डायल 1962'  की सेवाएं प्रदान करते समय यह ध्यान रखा जा रहा है कि सोशल डिस्टेंसिंग एवं हैंड सैनिटाइजेशन का ध्यान रखने हेतु निर्देशित किया गया है।

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पशुपालन विभाग में संचालित कृत्रिम गर्भाधान का कार्य भी पूर्व की तरह प्रारंभ है तथा पशुओं को समय पर कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है । यदि कोई पशुपालक पशुओं में टीकाकरण के लिए अनुरोध करता है तो उनको समस्त संस्थाओं में टीकाकरण की सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है। पशुओं में एफएमडी गलघोटू एक टगिया ब्रूसेलोसिस रैवीज टीकाकरण मुर्गियों में फाउल पॉक्स रानीखेत टीकाकरण का कार्य किया जा किया जा रहा है ,परंतु यह कार्य करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान रखा जा रहा है। चूजा वितरण का कार्य, नंदी शाला में गोवंश साड़ वितरण का कार्य  प्राकृतिक गर्भाधान का कार्य एवं आचार्य विद्यासागर डेरी इकाई का कार्य भी किया जा रहा है ।
 उप संचालक पशु  चिकित्सा ने बताया कि जिले के समस्त पशु चिकित्सकों एवं सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारियों को यह निर्देशित किया जा चुका है कि पशुपालक अगर मोबाइल द्वारा उन से पशुओं कि सामान्य बीमारी जैसे सर्दी, जुखाम, बुखार, दस्त, कब्ज आदि साधारण रोग के बारे में जानकारी चाहते हैं तो तत्काल उनको जानकारी उपलब्ध कराएं । गंभीर रोग से पशुओं के ग्रसित होने की अवस्था में उनको घर में जाकर चिकित्सा कार्य करने के निर्देश भी दिए गए हैं । सागर जिले के समस्त ग्राम पंचायतों में गौ सेवक कार्यरत हैं जिनको की पशुओं के प्राथमिक चिकित्सा का अनुभव है तथा उनको विभाग द्वारा प्रशिक्षण दिया गया है इन गौ सेवकों द्वारा ग्राम पंचायत के पशुओं को प्राथमिक उपचार की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है ।

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