29 दिन बाद शिवराज कैबिनेट का गठन, सिधिंया खेमे के दो नेताओं समेत 5 मंत्रियों ने ली शपथ
★शिवराज सरकार के मंत्रिमंडल गठन में क्षेत्र के प्रतिनिधित्व का खास ध्यान रखा गया है.
इसके अलावा जातीय समीकरण को भी महत्व दिया गया है.
नई दिल्ली: शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में मध्य प्रदेश में नई सरकार बनने के 29 दिन बाद राज्य में मंत्रिमंडल का गठन हुआ है. आज पांच मंत्रियों ने शपथ ली है. जिन पांच मंत्रियों ने शपथ ली है, उनमें दो सिंधिया खेमे के हैं. सिंधिया खेमे से तुलसी सिलावट और गोविंद राजपूत मंत्री बने हैं, इन दोनों लोगों ने कमलनाथ सरकार से इस्तीफा दे दिया था.
मध्य प्रदेश में 23 मार्च को शिवराज सिंह चौहान चौथी बार सीएम बने थे, लेकिन अगले दिन ही लॉकडाउन का एलान होने के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हो पाया था. तुलसी सिलावट, गोविंद राजपूत के अलावा नरोत्तम मिश्रा, मीना सिंह और कमल पटेल मंत्री बने हैं. मंत्रिमंडल गठन में क्षेत्र के प्रतिनिधित्व का खास ध्यान रखा गया है. नरोत्तम मिश्रा का ग्वालियर-चंबल से नाता है, तुलसी सिलावट मालवा से हैं, गोविंद राजपूत बुंदेलखंड से हैं, मीना सिंह महाकौशल व विंध्य और कमल पटेल निमांड़ इलाके से आते हैं. साथ ही जातीय समीकरण को भी महत्व दिया गया है.
बीजेपी सरकार की वापसी में खास भूमिका निभाने वाले नरोत्तम मिश्रा ने भी ली शपथ
बता दें कि तुलसी सिलावट और गोविंद राजपूत विधायक नहीं है. ये पिछली सरकार में मंत्री थे. लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया के कहने पर कमलनाथ सरकार से इस्तीफा देकर बीजेपी से जुड़ गये. मंत्री पद की शपथ लेने वाले नरोत्तम मिश्रा पार्टी के वरिष्ठ विधायक हैं और बीजेपी की सरकार वापसी में उनकी खास भूमिका है. इसके अलावा कमल पटेल हरदा के विधायक और जाट नेता हैं. साथ ही विधायक मीना सिंह आदिवासी पूर्व मंत्री और महिला कोटे से मंत्री बनीं हैं. तुलसी सिलावट कमलनाथ सरकार में स्वास्थ्य मंत्री थे. वहीं गोविंद राजपूत परिवहन और राजस्व मंत्री रह चुके हैं.
कांग्रेस के 22 विधायकों ने दे दिया था इस्तीफा
वर्तमान में मध्य प्रदेश कोरोना की महामारी से जूझ रहा है. इसी के चलते छोटे मंत्रिमंडल का गठन हुआ है. बता दें कि राज्य में कांग्रेस के 22 विधायकों द्वारा बगावत कर विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिए जाने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ को 20 मार्च को पद से इस्तीफा देना पड़ा था. इसके बाद बीजेपी ने सरकार बनाने का दावा पेश किया था. 23 मार्च की रात को शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. उसके बाद से ही मंत्रिमंडल गठन के कयास लगाए जा रहे थे.
साभार: एबीपी न्यूज़
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