कोविड-19 पर कांग्रेस की कमलनाथ सरकार के नाकारापन के कारण संकट में आया प्रदेश:भाजपा प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल

कोविड-19 पर कांग्रेस की कमलनाथ सरकार के नाकारापन के कारण संकट में आया प्रदेश:भाजपा प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल

भोपाल ।मध्यपदेश भाजपा के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा है कि  विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन द्वारा 30 जनवरी, 2020 को कोरोना वायरस को सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किए जाने से बहुत पहले, 08 जनवरी, 2020 को भारत में इसके लिए कार्रवाई की शुरुआत की गई थी। 17 जनवरी, 2020 को,  राज्यों को स्वास्थ्य क्षेत्र की तैयारियों के लिए निर्देश दिया गया था। उसी दिन इसकी निगरानी की भी शुरूआत की गई थी।
 उन्होंने जारी एक बयान में कहा कि केंद्र सरकार ने मध्य प्रदेश को सबसे पहले १७ जनवरी  को अन्य राज्यों के साथ आवश्यक परामर्श कर दिशा निर्देश दिए। तब से लेकर कमलनाथ जी की सरकार के साथ लगभग हर दूसरे दिन वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से मात्र  कोविड-19  के बारे में  संसाधनो की उपलब्धता से लेकर तमाम चिकित्सा प्रबंध परआवश्यक दिशा निर्देश जारी किए गए। दुर्भाग्य से कांग्रेस की कमलनाथ सरकार में कोई आवश्यक कदम नहीं उठाए, जिस कारण इंदौर समेत कई स्थान चपेट में आ गए। जब प्रधानमंत्री कर्यालय की देखरेख में स्वस्थ्य मंत्रालय समेत कई विभाग राज्यों के साथ विमर्श करने ४ फरवरी को वीडियो कॉन्फ्रेंस कर रहे थे ठीक उसी दिन मुख्यमंत्री कमलनाथ जी व् मुख्यसचिव समेत कई शासन प्रशासन के जिम्मेदार लोग सलमान और जैकलीन के साथ आइफा 2020 के आयोजन के रंगों में डूबे थे। कमलनाथ जी केंद्र की गाइडलाइंस के तहत आपने विदेश आने जाने वालों खासकर जमातियों पर भी घोर लापरवाही बरतने के कार्य किया। समय समय जारी किए दिशा निर्देश का सीधा उल्लंघन किया। यहां तक कि स्वयं मीडिया में बयान दिया कि उन्हें कोरोना से नहीं पॉलिटिकल कोरोना से लड़ना है।कमल नाथजी अपनी सरकार की पाप की गठरी भाजपा सरकार पर रखकर बरी नहीं हो सकते आपको जवाबदेही लेकर क्षमा मांगनी होगी।

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20 मार्च तक राज्य सरकार के साथ केंद्र सरकार का कुछ जरूरी संवाद  
हालांकि हर 2 से 3 दिन के बीच हुई है वीडियो कॉन्फ्रेंस 

17  जनवरी 
# स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने प्रयोगशाला जांच, निगरानी, संक्रमण रोकथाम तथा नियंत्रण (आईपीसी) और जोखिम संचार पर सभी सम्‍बन्धित को आवश्‍यक निर्देश जारी किया। सामुदायिक निगरानी के लिए एकीकृत बीमारी निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) बनाया गया।  एनआईवी पुणे, आईसीएमआर प्रयोगशाला देश में एनसीओवी के लिए नमूने की जांच में समन्‍वय कर रहे हैं। उच्‍चस्‍तरीय बैठकों में अस्‍पतालों में प्रबन्‍धन तथा संक्रमण रोकथाम नियंत्रण सुविधाओं के बारे में तैयारी की समीक्षा की गई। आईपीसी दिशा-निर्देश साझा किए गए। राज्‍य सरकार को आवश्‍यक एहतियाती उपाय करने की सलाह दी गई। 
20 जनवरी   
# स्वास्थ्य सचिव ने निगरानी, जांच, संक्रमण रोकथाम व नियंत्रण, लॉजिस्टिक तथा अति गंभीर श्वसन बीमारी (एसएआरआई) के मरीजों को पृथक वार्ड में रखने तथा वेंटिलेटर उपलब्ध कराने के संदर्भ में पत्र लिखा है। निगरानी के लिए एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं ताकि वे यात्रा संबंधित मामलों को चिन्हित कर सकें।

23 जनवरी 
#स्वास्थ्य सचिव ने पत्र लिखा है कि वे अपनी तैयारियों और खामियों की समीक्षा करें तथा निगरानी, संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण के लिए प्रयोगशालाओं की तैयारी सहित एसएआरआई के गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों के वेंटीलेटर तथा उन्हें पृथक वार्डों में रखने के लिए अस्पतालों की क्षमता को मजबूत बनाएं।
#एकीकृत रोग सतर्कता कार्यक्रम ने सलाह जारी की है कि वे एसएआरआई के प्रति सतर्क रहें, यात्रा संबंधी मामलों की रिपोर्ट करें और संदिग्ध/पुष्ट मामलों की लगातार निगरानी करें।

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25 जनवरी 
सुचना दी गई कि पूरे देश में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की प्रयोगशालाएं वायरस का परीक्षण करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। जिला स्वास्थ्य अधिकारियों को सतर्क कर दिया गया है।
27 जनवरी 
केन्‍द्रीय स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन तैयारियों की स्थि‍ति पर निकटता से नियमित रूप से नजर रखे हुए हैं। स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्री ने मुख्यमंत्री जी से भी अनुरोध किया कि वे इस मामले में व्‍यक्तिगत रूप से तैयारियों की समीक्षा करे। उन्‍होंने कहा कि कर्मियों की सुरक्षा के लिए उपकरण, मास्‍क आदि तथा पर्याप्‍त सप्‍लाई सुनिश्चित करने के लिए आवश्‍यक खरीदारी करने की आवश्‍यकता है। वे राज्‍य के अन्‍दर विभिन्‍न एजेंसियों के कार्यों में तालमेल के लिए एक नोडल अधिकारी तैनात करें और नियमित रूप से केन्‍द्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय को प्रगति की ताजा जानकारी दें।

4 फरवरी 

स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण सचिव वीडियो कॉन्‍फ्रेंस के माध्‍यम से कोरोनावायरस की रोकथाम और प्रबंधन की तैयारियों की समीक्षा की।  
रोजाना स्थिति की निगरानी प्रधानमंत्री कार्यालय, केन्‍द्रीय स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्री तथा कैबिनेट सचिव द्वारा की जा रही है। ताजा स्थिति, तैयारी की स्थिति और उठाए गए कदमों की जानकारी से संबंधित निगरानी की जा रही है। उन्‍होंने पूरे विश्‍व में कोरोनावायरस के फैलने के मद्देनजर नए वीजा प्रतिबंधों/ परामर्शों को दोहराया।

 7 फरवरी 

#स्वास्थ्य सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नोवेल कोरोनावायरस पर तैयारी की समीक्षा की। स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि केन्द्रीय स्तर पर संबंधित मंत्रालयों के नजदीकी सहयोग के जरिए रोकथाम के विभिन्न उपाय किए गए हैं। नए वीज़ा प्रतिबंध / परामर्श विश्व की स्थिति के मद्देनज़र जारी किए गए हैं। उन्होंने राज्यों से आग्रह किया कि वह परामर्शों के आधार पर निगरानी गतिविधियां बढ़ाएं। हिदायत दी कि वें अलर्ट रहें और अधिक चौकसी से काम करें। उन्होंने बताया कि वास्तविक आधार पर ऐसे मामलों की निगरानी के लिए एक विशेष निगरानी वेब टूल से लैस पोर्टल शुरु कर दिया गया है। वे समय-समय पर सटीक आंकड़े पोर्टल पर उपलब्ध कराते रहें।

11  फरवरी 
स्वास्थ्य परिवार कल्याण सचिव ने इस बात पर प्रकाश डाला कि वर्तमान में स्थिति नियंत्रण में है। प्रदेश को लगातार सतर्क और जागरूक रहना चाहिए। राज्यों को अद्यतन सलाह, मार्गनिर्देशन, प्रोटोकॉल आदि के बारे में समुदाय स्तर की जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है।

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6 मार्च
डॉ. हर्षवर्धन ने बिस्‍तरों, पृथक वार्डों की उपलब्‍धता, विशेष जांच के लिए प्रयोगशालाओं की तैयारियों आदि की स्थिति की समीक्षा की। उन्‍होंने दोहराते हुए कहा कि यह सुनिश्चित करना आवश्‍यक है कि अपने कर्तव्‍य के निष्‍पादन के दौरान स्‍वास्‍थ्‍य कर्मियों के स्‍वास्‍थ्‍य की देखभाल सुनिश्चित हो तथा वे संक्रमण से विधिवत सुरक्षित हों। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि स्‍वास्‍थ्‍य कर्मियों के लिए सावधानी के उपायों एवं आत्‍म-सुरक्षा संबंधी उपायों के लिए  इसके बारे में एक कार्यशाला-सह-प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण कार्यशालाएं आयोजित करने की सलाह दी गई।
जो कि मध्यप्रदेश में नहीं की गई।

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11 मार्च
केन्द्रीय सड़क परिवहन तथा राजमार्ग मंत्रालय ने परिवहन क्षेत्र में कोरोना वायरस को नियंत्रित करने के लिए परामर्श जारी किया है। मंत्रालय ने सलाह दी है कि सार्वजनिक वाहनों में सीट हैंडल तथा अवरोधकों की साफ-सफाई रखने की सलाह दी है। सभी बस टर्मिनलों पर स्वच्छता बढ़ाने और सार्वजनिक वाहनों, बस टर्मिनलों तथा बस अड्डों पर सार्वजनिक स्वास्थ्य के संदेश दिखाना सुनिश्चित किया जाना चाहिए। मंत्रालय ने इस संबंध में सभी आवश्यक समर्थन के लिए तेजी और सक्रियता से कार्रवाई करने का अनुरोध किया है। 

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