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आई एम ए सागर द्वारा लेप्रोस्कोपी इन यूरोलाॅजी विषय पर सेमीनार

आई एम ए सागर द्वारा लेप्रोस्कोपी इन यूरोलाॅजी विषय पर सेमीनार
सागर। आई एम ए सागर द्वारा लेप्रोस्कोपी इन यूरोलाॅजी विषय पर सेमीनार का आयोजन किया गया। इसमें जबलपुर से आये डाॅ. अंकित फुसकेले ने बताया की यूरोलाॅजी के कई आपरेषन दुरबीन पद्धति से किये जा सकते है यहा तक की किडनी प्रत्यारोपण भी किया जा सकता है इसके कई फायदे मरीजों को है जैसे की अस्पताल कम समय रूकना जल्दी स्वस्थ होना लम्बा चीरा नही होना उन्होने महिलाओं में किये जाने वाले आपरेषन से यूरोनरी टेक्ट में होने वाले जख्मों से वचाव व उनके वारे में भी वताया। डाॅ. फुसकेले को एस एस वापट पुरस्कार से भी एक तरह की नई सुई फुसकेले निडिल करने पर सम्मानित किया गया है। बहीं जवलपुर से आये केंसर रोग विषेशज्ञ डाॅ. प्रषांत जैन ने बताया की भारत में करीब 10 लाख केंसर के नये मरीज प्रति बर्श सामने आ रहे है। उनमें से 3 से 4 लाख प्रति बर्श मृत्यु हो जाती है। बर्श 2025 तक इन मरीजों के बड़ने की संखया 500 प्रतिषत से ज्यादा हो सकती है। हर तरह के केंसर षुरूआत में ही पता लगाने के उपाय करने होंगे व केंसर से वचने पर ध्यान देना होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता डाॅ. साधना मिश्रा ने की संचालन सचिव डाॅ. मोनिका ने किया। इस सेमीनार में मुख्य रूप से आई एम ए के जोनल चेयरपर्षन डाॅ. नीना गिडियन, डाॅ. आर एस वर्मा, डाॅ. सुनील सक्सेना, डाॅ. संजीव मुखारया, डाॅ. संतोश राय, डाॅ. हर्श मिश्रा, डाॅ. सिम्मी मुखारया, डाॅ.  वृजभान अहिरवार, डाॅ. प्रिया जैन सहित षहर के अनेक डाक्टर मौजूद रहे।
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