ओरछा । लाखों खर्च करने के बाद विकास को ही नमस्ते कर दिया, मोदी सरकार ने ओरछा को यूनेस्को की सूची में शामिल कराकर दी बड़ी सौगात:भाजपा प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल
भोपाल। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने पिछले साल यूनेस्को की सूची में ओरछा को शामिल कराया। ओरछा देश के 30 स्थानों में शामिल किया है जिन्हें स्वच्छ आईकॉनिक सेंटर के रूप में विकसित जा रहा है। ओरछा तो मोदी सरकार के आने के सदियों पहले से है, पर उसे यूनेस्को की सूची में शामिल कराने का कार्य केंद्र में कांग्रेस की या बाद में यूपीए की सरकार ने कभी नहीं किया। यूनेस्को की सूची में शामिल किए जाने और स्वच्छ आईकॉनिक सेंटर बनाने के कारण देशी-विदेशी पर्यटकों की संख्या में तेजी से वृद्धि होने का अनुमान है। यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री रजनीश अग्रवाल ने कही।
उन्होंने कहा कि ओरछा में 2003 के पहले सड़क मार्ग से जाना भी दूभर था। सुविधाओं की दृष्टि से बदहाली थी। भाजपा सरकार आने के बाद बुनियादी सुविधाओं का विकास हुआ। न केवल घरेलू पर्यटक बढ़े बल्कि विदेशी पर्यटक भी बड़ी तादाद में आना शुरू हुए। यही कारण है कि आज मध्यप्रदेश देश में भाजपा सरकार के कारण ही पर्यटन की दृष्टि से पहले पांच राज्यों में एक है।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को नमस्ते ओरछा कार्यक्रम पर कोई आपत्ति नहीं है, यह सफल सार्थक सिद्ध हो। लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है। इस आयोजन के पश्चात किए गए कार्यों का सोशल ऑडिट कराया जाए ताकि जनता को भी पता चले कि कितने राशि के टेंडर हुए? किसको मिले? कितना कार्य हुआ और कितना पैसा गपा गए? जनता को क्या मिला ? ओरछा को क्या मिला ? प्रदेश सरकार के जिम्मेदार और जिम्मेदार अधिकारी ही कह रहे हैं कि 50 करोड़ के नाम पर सब कुछ बर्बाद कर दिया।
उन्होंने कहा कि ओरछा, मध्य प्रदेश की ही धरती पर जन्में अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद के अज्ञातवास का स्थान रहा है। जहां उनकी कुटिया है, मूर्ति है, उनका स्थान है। नमस्ते ओरछा कार्यक्रम में चंद्रशेखर आजाद का कहीं कोई महत्त्व नहीं है। उनके स्मारक की दृष्टि से कोई राशि नहीं दी जा रही है। मात्र 22-23 वर्ष की उम्र में जो क्रांतिकारी चटगांव से पेशावर तक क्रांतिकारियों का नेता बन गया हो, इसी प्रदेश में जन्मा हो, निश्चित तौर पर ओरछा में अमर शहीद की अनदेखी यह आजाद का अपमान है। भाजपा सरकार आने के बाद 2006 में चंद्रशेखर आजाद का जन्म शताब्दी वर्ष का आयोजन हुआ तब से लेकर लगातार हर साल विभिन्न प्रकार के आयोजन किए जाते रहे है। 2008 से ओरछा में भी आजाद की पुण्यतिथि के अवसर पर हर साल आयोजन किया जाता था जो कांग्रेस की सरकार आने के बाद बंद कर दिया गया।
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