होली के फिल्मी डायलॉग जिन्हें आज भी नहीं भूली है दुनिया
होली और सिनेमा का अपना अलग नाता है ।होली को याद करते ही फिल्मी डायलाग गूंजने लगते है । भारतीय सिनेमा में होली पर लिखे गए ऐसे तमाम डायलॉग हैं जो न सिर्फ काफी लोकप्रिय हुए बल्कि आज भी बच्चे-बच्चे की जुबान पर ये डायलॉग होते हैं। होली की मस्ती में ऐसा ही नजारा देखने अब मिलेगा ।
बॉलीवुड ने जितनी खूबसूरती से होली के त्योहार को पर्दे पर उतारा है वो वाकई काबिल-ए-तारीफ है. ऐसी तमाम फिल्में, गाने, वीडियो और सीक्वेंस हैं जो होली के इर्द गिर्द बने हैं. साथ ही भारतीय सिनेमा में होली पर लिखे गए ऐसे तमाम डायलॉग हैं जो न सिर्फ काफी लोकप्रिय हुए बल्कि आज भी बच्चे-बच्चे की जुबान पर ये डायलॉग होते हैं।
अमजद खान का हिट डायलाग
होली कब है... कब है होली, कब??
जितनी सुपर हिट फ़िल्म "शोले"। उसके उतने ही डायलाग जुबान पर। साल 1975 में रिलीज हुई फिल्म शोले का ये डायलॉग आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है. फिल्म में इस डायलॉग को गब्बर सिंह का किरदार निभा रहे एक्टर अजमद खान ने बोला था.
-कल हम होली खेलेंगे... लेकिन इस होली में गुलाल की बजाए धुंआ उड़ेगा.
पिचकारियों से रंग नहीं बंदूकों से गोलियां निकलेंगी. गीतों की जगह चीखें और लाज की जगह लाशें टपकेंगी.साल 1989 में आई फिल्म इलाका में ये डायलॉग अमरीश पुरी ने बोला था.
बचपन से आज तक मैंने कभी होली नहीं खेली... लेकिन अब खेलूंगा... खून की होली.
साल 1999 में रिलीज हुई फिल्म इंटरनेशनल खिलाड़ी में अक्षय कुमार का बोला ये डायलॉग भी काफी पसंद किया गया था और आज भी लोगों को याद है.
फ़िल्म डर्टी पिक्चर का डायलाग होली खेलने का शौक है पर तेरी पिचकारी में दम नहीं
आज के दौर का चर्चित डायलाग है।
इसी घर में आएगी आपकी डोली... एंड विशिंग यू ए वेरी हैप्पी होली.
रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण स्टारर फिल्म रामलीला का ये होली डायलॉग भी काफी पसंद किया गया. फिल्म साल 2013 में रिलीज हुई थी। जिसे नई जनरेशन कुछ ज्यादा ही पसंद करती है।
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