सत्ता का अंक गणित :बचेगी सरकार या जाएगी

सत्ता का अंक गणित :बचेगी सरकार या जाएगी

पात्रिका
नई दिल्ली। ज्योतिरादित्य सिंधिया ( Jyotiraditya Scinidia ) के कांग्रेस से इस्तीफे के साथ ही मध्य प्रदेश ( Madhya Pradesh ) में कांग्रेस की कमलनाथ ( Kamal Nath Government ) सरकार पर खतरा मंडराने लगा है। ज्योतिरादित्य और उनके गुट वाले 22 विधायकों ने एक साथ राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया।
इसके बाद से ये सवाल खड़े होने लगे हैं कि आखिर कैसे बचेगी कमलनाथ की सरकार? सियासी गलियों में ये चर्चाएं शुरू हो चुकी है कि कमलनाथ सरकार जाएगी या बचेगी? क्योंकि विधायकों के इस्तीफे का बाद विधानसभा में सदस्यों की संख्या का अंक गणित बदल गया है।
विधानसभा में सदस्यों का अंक गणित
भाजपा का दावा है कि कांग्रेस के पास समर्थन नहीं है। ऐसे में क्या कांग्रेस के पास सरकार चलाने के लिए पर्याप्त संख्या बल है? आइए जानते हैं कि विधानसभा का पूरा अंक गणित..
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में विधानसभा की 230 सीटें हैं। मौजूदा समय में कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं, जबकि भाजपा के पास 107 विधायक हैं। इसके अलावा 4 निर्दलीय, बसपा के दो और सपा के एक विधायक हैं। इसके अलावा दो विधायकों के निधन के बाद से ये सीटें खाली हैं।
अभी के सत्र में विधानसभा में सदस्यों की संख्या 228 है। कांग्रेस की कमलनाथ सरकार के पास 121 विधायकों (कांग्रेस के 114 और अन्य सात) का समर्थन है। अब जब ज्योतिरादित्य सिंधिया के गुट वाले 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद से विधानसभा का अंक गणित बदल गया है। इसके अलावा सपा और बसपा के एक-एक विधायकों ने भी कांग्रेस से अपना समर्थन वापस लेने की बात कही है।
ऐसे में अब विधायकों के इस्तीफे के बाद से विधानसभा में सदस्यों की संख्या 206 (228-22= 206) रह गई। लिहाजा बहुमत के लिए 104 सदस्यों के समर्थन की जरूरत होगी। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि क्या कमलनाथ ये आंकड़ा हासिल कर पाते हैं या नहीं? क्योंकि कांग्रेस के पास अब केवल 97 (114-22= 92 और 7-2= 5, टोटल- 92+5= 97) सदस्यों का समर्थन बचा है।

कौन कितना मजबूत?
अब मध्य प्रदेश से लेकर देशभर में ये चर्चाएं शुरू हो गई है कि कौन कितना मजबूत है। यानी कि किसके पास पर्याप्त संख्या बल है। क्या कमलनाथ सरकार बचा पाएंगे या भाजपा सरकार बनाने में कामयाब रहेगी?

विधानसभा में नंबरों के आधार पर देखें कांग्रेस के पास 99 सदस्यों के समर्थन का आंकड़ा दिखाई पड़ रहा है। कांग्रेस के पास अब केवल 97 (114-22= 92 और 7-2= 5, टोटल- 92+5= 97 ) सदस्यों का समर्थन हासिल है।

दूसरी तरफ भाजपा की बात करें तो ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने से संख्या बल में मजबूती आएगी। यानी कि भाजपा के पास अभी 107 विधायक हैं और सपा व बसपा के एक-एक विधायकों के समर्थन को जोड़ दें तो 109 का आंकड़ा हो जाता है। जबकि सरकार बनाने के लिए 104 की जरूरत है।

लिहाजा कांग्रेसी विधायकों के इस्तीफे के बाद अंक गणित के हिसाब से कांग्रेस जहां कमजोर नजर आ रही है, वहीं भाजपा का दावा मजबूत दिखाई दे रहा है। फिलहाल इन सभी अटकलों का जवाब विधानसभा के अंदर ही मिलेगा, जब फ्लोर टेस्ट होगा।
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