यश,मान,पद प्रतिष्ठा व्यक्ति को अपने कर्मो से मिलती है- श्री रावतपुरा सरकार
#स्वामी विवेकानंद विवि पहुचे सरकार
सागर। दूसरों की उन्नति या प्रगति देखकर जलने वाला कभी जीवन में यषस्वी नहीं हो सकता। यष मान पद प्रतिष्ठा मनुष्य को अपने कर्मो से मिलती है। गुरूवार को संतश्री रावतपुरा सरकार ने कहा। संत श्री रावतपुरा सरकार ने कहा कि व्यक्ति को ईष्र्यालु नहीं होना चाहिये। ईष्र्यालु व्यक्ति बिना परिश्रम के फल खाना चाहता है इसी लालसा मे उसका जीवन नष्ट हो जाता है। ईष्र्या ऐसा विकार है जो भक्ति और उन्नति दोनो के लिये घातक है इसलिये इसका त्याग कर सबकी प्रगति सबकी उन्नति में सहयोगी बनें और खुद प्रगति पथ पर आगे बढे। कल्याण होगा। इसके पूर्व बुधवार को पूर्व गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने गुरूदेव का आषीर्वाद लिया।
बधाई गीत पर झूमें श्रद्वालु
वहीं श्रीमद भागवत कथा के चैथा दिन रावतपुरा धाम से पधारे आचार्य अंकित पचैरी ने माता सती के पावन चरित्र एवं भगवान के परमभक्त प्रहलाद के पावन चरित्र का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि भगवान की नौ प्रकार की भक्ति होती है इन्ही नौ में से अगर प्राणी के अंदर एक भी भक्ति रहती है तो भगवान को अतिप्रिय लगता है। समुद्र मंथन एवं भगवान वामन अवतार की कथाओं के द्वारा भक्तों को परमांनद की अनुभूति कराई इसी के साथ भगवान बालकृष्ण के जन्मोत्सव को मनाते हुये विविध बधाईयों के साथ कृष्ण चरित्र का वर्णन किया।
स्वामी विवेकानंद विवि पहुचे रावतपुरा सरकार
स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय में पधारे रावतपुरा सरकार ने अपने वक्तव्य में कहा कि सभी दानों में सबसे बड़ा दान है शिक्षा दान स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में जिस तरह से कार्य कर रहा है वह अत्यंत सराहनीय है कौशल विकास कार्यक्रम, मूल्य आधारित शिक्षा जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से सागर नगर व आस पास के ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की अलख जगाये हुये और निरंतर प्रयासरत है। विश्वविद्यालय के रोजगान्मुखी पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेकर छात्र-छात्राएं अपना उज्जवल भविष्य बना रहे हैं यह अत्यंत सराहनीय है। जिसके बाद संत श्री रावतपुरा विष्वविद्यालय स्थित आयुर्वेदिक चिकित्सालय पहुंचे। जहां पंचकर्म प्रक्रिया देखी। इसके साथ ही विष्वविद्यालय के फायर सेफ्टी प्रदर्षन प्रक्रिया का भी अवलोकन किया।कार्यक्रम में समस्त एस.व्ही.एन छात्र-छात्राएं एवं अधिकारी कर्मचारी सम्मिलित हुये।
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