मालगुजारी खत्म हुई,अब राजस्व ग्राम पटेल को चाहिए अधिकार,आदर्श ग्रामीण पटेल संघ ने दिया ज्ञापन

मालगुजारी खत्म हुई,अब राजस्व ग्राम पटेल को चाहिए अधिकार,आदर्श ग्रामीण पटेल संघ ने दिया ज्ञापन
सागर। गांवों के मालगुजारी प्रथा खत्म हो चुकी है । इस परंपरा से जुड़े राजस्व ग्राम पटेल आज भी काम कर रहे है । गांवों में ग्राम सचिव और कोटवार की भांति यह तबका भी काम कर रहा है। ग्राम पटेलों ने अपने हक की लड़ाई शुरू की है। आदर्श ग्रामीण पटेल संघ के बैनर तले आज एक ज्ञापन प्रशासन को दिया।
ग्रामो में पटेलों की भूमिका अहम
संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेश पटेल ने बताया कि राजस्व पटेल ग्रामों की व्यवस्थासंचालन में हमेशा से अपना महत्वपूर्ण योगदान पूर्ण ईमानदारी व निष्ठा से देते आ रहेहै एंव बिना किसी पारिश्रमिक व मानदेय के समाज की सेवा में हमेशा तत्पर रहते है।ग्रामों के अंदर उत्पन्न छोटे - छोटे, वाद - विवाद का निपटारा करवाने तथा ग्राम कीशांति व्यवस्था बनाए रखने में महत्वपूर्ण योगदान देते आ रहे है। ग्रामों में घटित होनेवाले अपराधों की सूचना पुलिस प्रशासन को देना तथा कोई अप्रिय घटना घटित न हों,
इस हेतु पुलिस प्रशासन को हमेशा सहयोग देना, पटेलों ने अपना कर्तव्य समझा हैं। ग्रामों से संबंधित शासन के संपूर्ण विभागों के सेवकों को ग्रामों में उनकी चाही गई जानकारी उपलब्ध करवाने एंवउनके रात्रि विश्राम एंव खाने पीने की व्यवस्था भी हमेशा से पटेल लोग करते आ रहे
है। वास्तव मे भारतीय संविधान में बिना किसी लोभ, लालच तथा बिना किसी पारिश्रमिक
के अगर शासन की व्यवस्थाओं के संचालन में किसी ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया
हैं तो वे केवल और केवल ग्राम के राजस्व पटेल हैं। आर्थिक संसाधनों की कमी थी एंव
शासन व्यवस्था के संचालन के लिये पर्याप्त संख्या में शासकीय सेवक नही हुआ करते
थे तथा सड़क परिवहन, टेलीफोन, न्यूजपेपर इत्यादी जनता से सीधे संवाद के माध्यम
नही थे तब भी ग्रामों के अन्दर पटेल एक महत्वपूर्ण योगदान देने वाला व्यक्ति हुआ
करता था। आर्थिक संसाधनों की कमी थी उस समय ग्रामों के अन्दरकमजोर तथा साधनहीन व्यक्ति जब किसी समस्या में फंस जाता था बीमार हो जाता था याआर्थिक तंगी की वजह से उसे अपना परिवार चलाने में दिक्कत आती थी तो पटेल लोग हीउनके लिये आगे आते थे, पटेलों ने कभी अपना नीजी हित नहीं देखा पटेलों की नीति हमेशासर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय की रही है।
ग्राम पटेल अनिल विल्थरे ने बताया कि हम लोग गांवों में हर स्तर पर शासन की मदद करते है । इसका मानदेय  आता था।राजस्व विभाग में हमारी गिनती होती है। लेकिन हमारी समस्याओं के प्रति कोई ध्यान नही दे रहा है।
ये रही पटेलों की मांगें
 1 - पटेलो के पद को वंशानगत बनाया जावे। ताकि पटेल बिना किसी भय व पक्षपात के अपने कर्तव्य का निर्वाहन उचित तरीके से कर सके।
 2 - ग्राम पंचायत में पटेल को पदेन सदस्य नियुक्त किया जाये।
3 ग्राम पंचायत की ग्राम सभा का सभापति पटेलो को बनाया जाये। ताकि पंचायती राज्य को और भी मजबूती मिले। एंव ग्राम पंचायतो में जवाबदारीएंव पारदर्शिता बढ़े।
4 संबंधित ग्राम की सम्पूर्ण भूमि से संबंधित कार्यों जैसे भूमि सीमांकन,नामान्तरण, बटवारा या कि ग्राम के अर्न्तगत आने वाली सम्पूर्ण भूमि संबंधीकार्यों में पटेलो का सहयोग मिल सके।
5 ग्राम पंचायत के कार्यालय में सरपंचो के साथ साथ पटेलो के बैठने की भीव्यवस्था की जाये, एंव पटवारीयों को पटेलो का सहयोगी बनाया जाये।
.6 ग्राम में पटेलो के सहायक के रूप में कार्य करने वाले कोटवार भाईयों को भीपटेलो का पूर्ण सहयोगी बनाया जाये। ताकि पटेल एंव कोटवार मिलकर गांवकी व्यवस्था संचालन में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सके।
7 - ग्राम की व्यवस्था संचालन हेत कार्य करने वाले सम्पूर्ण विभागो से पटेलो कोजोडा जाये। जिससे कि ग्रामो में होने वाले प्रत्येक कार्य की निगरानी करपटेल अपनी जवाबदारी का निर्वाहन कर सके। एंव शासन की योजनाओं को
सठी संचालन हेतु अपना योगदान दे सके।
8 ग्राम में खाली पड़े पटेलो के पदों को जल्द भरा जाये। एंव ग्राम पंचायतसे अनुमोदन प्रस्ताव एव जाहिर सूचना की व्यवस्था को समाप्त कर सीधापटेलो के उत्तराधिकारीयों को सूचित किया जाये।
9 - जो पटेल लोग अपनी स्वेच्छा से पटेली का दायित्व अपने पुत्रो को देनाचाहते है, उनको बिना किसी प्रक्रिया के सीधा पद हस्तांतरित कर दियाजाये।
10 – जब तक कि देश की अंतिम अपीलीय कोर्ट, पटेलो को किसी प्रकरण मेंदोषी सिध्द न कर दे, तब तक पटेलो को अपने पद से प्रथक न किया जाये।
11 - क्योकी पटेल अपना सम्पूर्ण जीवन समाज हित हेतु समर्पित करते है अतःकिसी पटेल की पद पर रहते आकस्मिक मृत्यु होती है तो शासन की तरफसे उसके परिवार को 10,00,000/ रू दस लाख रूपये की आर्थिक सहायताप्रदान की जाये।
12 - 1 अप्रेल 2018 के पूर्व अविवादित जमीन के नामांतरण एंव बटवारे के अधिकारपटेलो को दिया जाये।




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