मुनि श्री प्रमाण सागर की नरयावली पहुँचने की प्रवल संभावना, अनुशासित वेशभूषा में दिया आमन्त्रण
सागर। नरयावली के पास स्थित छोटे से ग्राम लुहारी में जैनों का बहुत प्राचीन मंदिर है इस मंदिर के दर्शन व आसपास के ग्रामों में धर्म की प्रभावना के लिए मुनि श्री 108 प्रमाण सागर जी महाराज से लुहारी पधारने के निवेदन किया गया। यह निवेदन ग्राम पूजन पुण्य दल के द्वारा किया गया। ग्राम पूजन पुण्य दल ग्रामों के मन्दिरों की देख रेख, अभिषेक-पूजन की व्यवथा और जीर्णोद्धार के कामों से जुड़ा है। दल का नारा है:" ग्रामों के मन्दिरों से जुड़ो"। यह दल वेहद अनुशाषित तरीक़े से लगभग 50 संदस्यों के साथ मुनि श्री से विदिशा में निवेदन करने गया था। मुनिश्री ने आशीर्वाद और शुभ संकेत दिया और कहा कि " भारत का पहला ग्रुप है जो ग्रामों कर मंदिरों के लिए पूरी तरह समर्पित है।"
ग्राम पूजन पुण्य दल सफ़ेद कुर्ता पायजामा, पीली जैकेट और आई कार्ड के साथ गए थे। सभी ने मुनि श्री से ग्राम पधारने का आग्रह किया।
उल्लेखनीय है कि मुनि प्रमाण सागर जैन संत आचार्य विद्या सागर के प्रभावी और अग्रणी शिष्य हैं और शंका समाधान प्रोग्राम के माध्यम से जैन और अजैन सभी के बीच वेहद प्रसिद्ध हैं। मुनि प्रमाण सागर ग्रामों के मंदिर के रख रखाव के पक्षधर हैं और उनकी प्रेरणा रहती है कि ग्रामों से समाज का पलायन न हो और प्राचीन मंदिरों का संरक्षण बना रहे। मुनि श्री प्रमाण सागर और मुनि श्री अरह सागर महाराज की होली के पहले ग्राम पहुँचने की संभावना बताई जा रही है। पूजन पुण्य दल ने लुहारी ग्राम में हजारों लोगों के रुकने-भोजन आदि की व्यवथा की है। लुहारी ग्राम और आसपास के ग्रामों के सभी समाजों के लोगों में मुनि श्री की आगमन की संभावना से उल्लास है और सब मिलकर व्यवथा में लगे हैं। गांव के गणेश विश्वकर्मा का कहना है कि इतने बड़े साधु के चरण अगर लुहारी में पड़ गए तो आसपास का पूरा क्षेत्र धन्य हो जायेगा।यह दल श्री अनिल लुहारी, मुकेश जैन, सोनू जैन और सुनील लुहारी के समन्वय और अनूप जैन, आई आर एस के मार्गर्मदर्शन में चल रहा है।
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