जन सुनवाई व्यवस्था में गुणात्मक परिवर्तन हेतु सीएम को लिखा पत्र, कांग्रेस सचिव पवनघुवारा ने
सागर। प्रदेश में मंगलवार जनसुनवाई व्यवस्था मे सुधारत्मक सुझाव के साथ भेजे निवेदन पत्र पर कांग्रेस के पदेश सचिव पवनघुवारा ने बताया कि विगत पन्द्रह वर्षों के लंबे अंतराल से जिला प्रशासनों द्वारा जनसुनवाई की जा रही है जिसमें प्रशासन कभी-कभी ब्लाॅक स्तर से लेकर पंचायत स्तर तक उक्त जन सुनवाई करते आ रहे है अन्य माध्यम से हल करने के प्रयास साथ ही आॅनलाइन सी.एम.हेल्पलाइन आदि सुविधाऐ भी है , लेकिन क्या कारण है कि इतने वषों से जनसुनवाई के चलते साथ-साथ अन्य माध्यमों से भी जनशिकायतों का निराकरण किया, परन्तु शिकायती आवेदनों में कमी नजर नहीं आ रही है, आम तौर पर देखा जाता है जब भी कोई मंत्री या बड़ा जिम्मेदार जनप्रतिनिधि जनता के बीच पहुचंते है तो अधिकतर आज भी सैकड़ो नहीं, हजारों की संख्या में आवेदन लिये रहते हैं और देने के लिये विवश है यह विषय निश्चित ही विचारणीय है,अतःमुख्यमंत्री मा.श्री कमलनाथ जी के पास प्रदेश कांग्रेस सचिव पवनघुवारा (भूमिपुत्र) ने सुझाव पत्र भेजकर निवेदन किया कि जन सुनवाई में प्रशासनिक /गुणात्मक/ धनात्मक/सार्वभौमिक/ व्यवास्थात्मक परिवर्तन हो सकें, चूंकि प्रत्येक माह मेअधिकतर चार मंगलवार जिसका वर्गीकरण बिन्दुबार इस प्रकार से पत्र मे सुझावात्मक अनुरोध किया है कि
★प्रथम मंगलवार को(प्रशासनजुनसुनवाई )कलेक्टर द्वारा यथावत रहें टीप सहित जिला प्रशासन में विधिवत कार्यवाही हेतु अग्रेषित रहे।
★द्वितीय मंगलवार को (जनसुनवाई)जिस दल का शासन हों उस दल के जिला अध्यक्ष/ब्लाॅक अध्यक्ष/प्रदेश प्रतिनिधि/शासन से अधिकृत प्रतिनिधि की उपस्थित में प्राप्त आवेदनों को अपनी टीप सहित विधिवत कार्यवाही हेतु अग्रेषित करें।
★तृतीय मंगलवार को(सासंद जनसुनवाई) सांसद द्वारा जनसुनवाई मे प्राप्त आवेदनों पर अपनी टीप लगाकर प्रशासन में विधिवत कार्यवाही हेतु अग्रेषित करें।
★चतुर्थ मंगलवार को (विधायक जन सुनवाई) ओर विधानसभा बार विधायक जन प्राप्त आवेदनों पर अपनी टीप लगाकर प्रशासन में विधिवत कार्यवाही हेतु अग्रेषित करें।
गोरतलब है सुझाव मे यह भी उल्लेखनीय है कि शासन स्तर पर जन सुनवाई अभी जिस प्रकार से शासन /स्थल आदि की व्यवस्था और प्राप्त आवेदनों को कम्प्यूटरीकरण पंजीकरण की व्यवस्था जो वह यथावत सभी मंगलवार को रहे केवल व केवल आवेदनो पर टीप अंकित करने आदरणीय जी, माननीय जी, श्रीमान् जी क्रमशः ही बदले जायें। ताकि शासनात्मक कार्यवाही से जनता को समूचित व्यवस्थागत लाभ मिल सके , साथ ही पत्र मे यह भी उल्लेखित है कि जिससे जिलो मे प्रशासन का भारी भरकम समय भी बच सकता है तदैव यह प्रशासनिक समय का निश्चित अन्य जनयोजनाओं को कारगर साबित करने में महत्वपूर्ण कारगर होगा ,वही सांसद / विधायक/शासक दल भी साल के क्रमशः12 मंगलवारो के माध्यम से जन और प्रशासन की एक महत्वपूर्ण कड़ी में जन निर्धारण सहयोगी एवं सांसद,विधायक स्वेच्छानिधियों का भी सही समय पर जनभावनाओं के बीच उपयोग,उपलब्धता सुगमता से हो सकेगी और कार्य में पारदर्शिता होगी और प्रशासन/शासन को जनहितार्थ कार्य करने में भी काफी आसानी रहेगी पवनघुवारा ने निवेदन किया कि जनसुनवाई को इस प्रकार से वर्गीकरण कर यदि प्रत्येक मंगलवार सुनवाई होती है तो प्रजातंत्र में शासन/प्रशासन और लोकतंत्र का समुचित जन लाभ हो सकता है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें