OBC आरक्षण। हाईकोर्ट में 11 याचिकाओ की सुनवाई 28 जनवरी को
जबलपुर। मध्य प्रदेश शासन द्वारा OBC की संख्या को दृष्टिगत रखते हुए दिनांक 8/3/19 को 14% से बढ़ाकर 27% आरक्षण लागू किया गया है एवं इस अध्यादेश को विधिवत विधानसभा से पारित करके कानूनी रूप दिनांक 16 अगस्त 2019 को दिया जा चुका है तथा सामान्य प्रशासन विभाग द्वरा दिनांक 19 अगस्त को सम्पूर्ण विभागों सहित प्रवेश परीकक्षाओं में लागू कर दिया गया जिसे निरस्त करने हेतु 8 याचिकाएं दाखिल हुए है एवं प्रदेश में दिनांक 2 जुलाई 2019 को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) को 10% नॉकरियो एवं प्रवेश परीक्षाओ में लागू किया गया है जिसमें ओबीसी, एससी,एसटी को बंचित रखा गया है जिसे ओबीसी/एससी/एसटी एकता मंच के अध्यक्ष लोकेन्द्र गुर्जर ने चुनोती दी है यदि ओबीसी के व्यक्ति की सामान्य आय 8 लाख है तो उसे क्रिमीलेयर माना जाता है और सामान्य वर्ग का व्यक्ति जिसकी आय 8 लाख है उसे आर्थिक रूप से कमजोर माना जाता है । उक्त परिस्थिति संविधान के अनुच्छेद 14 से असंगत है के आधार पर EWS आरक्षण की अधिसूचना को चुनोउती दी गई है । ओबीसी एडवोकेट्स वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा एक याचिका हाई कोर्ट के विरूद्ध दायर कर न्यायिक क्षेत्र सहित हाई कोर्ट द्वारा की जाने बाली समस्त भर्तीयो में 27% आरक्षण लागू करने तथा रिक्त पद शीघ्र प्रतियोगी परीक्षा आयोजित करने की राहत चाही गई है ।
उपरोक्त 11 याचिकाओ की सुनवाई एक साथ किए जाने का आदेश पूर्व में न्यायालय द्वारा दिया जा चुका है लेकिन शासन द्वारा अभी तक मात्र एक ही याचिका में जबाब दाखिल किया गया है शेष याचिकाओ में दाखिल करने हेतु समय लिया गया है । उपरोक्त समस्त याचिकाओ में पिछड़ा वर्ग संघठनो की ओर से इन्टरवींन रामेश्वर सिंह ठाकुर अधिवक्ता, विनायक साह तथा EWS एवं हाई कोर्ट के विरूद्ध याचिकाकर्ताओ की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर पैरवी कर रहे है । उक्त समस्त प्रकारणों की अगली सुनवाई 28/01/2020 को होगी ।
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