आर्ट एवम कॉमर्स कालेज में हुआ गाँधी स्तम्भ का अनावरण एवं लोकार्पण
सागर। शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय, सागर में गाँधी की पुण्यतिथि पर
नवनिर्मित गाँधी स्तम्भ का अनावरण एवं लोकार्पण किया गया। कार्यक्रम के प्रारंभ में महात्माजी की स्मृति में रामधुन तथा पुण्यतिथि के अवसर पर 11 बजे दो मिनट का मौन रखा
गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शिवशंकर केसरी ने कहा कि
अंग्रजों के शासन में भी शासकीय स्कूल में महात्मा गाँधी जी का अलरी राईस नाम से
साहित्य पढ़ाया जाना सौभाग्य की बात थी यह वह समय था जब महात्मा गांधी का नाम
लेना भी जुर्म की बात होती थी। विशिष्ट अतिथि ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष हीरा सिंह राजपूत
ने कहा कि गाँधी स्तम्भ की स्थापना मुख्यमंत्री कमलनाथ की दूरदर्शी सोच का परिणाम है।
जिससे इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश न किया जा सके।
जनभागीदारी अध्यक्ष अमित दुबे रामजी ने कहा कि यह मात्र गाँधी स्तम्भ नहीं है यह इस
देश को राष्ट्र बनाने का आधार स्तम्भ है। यह आधार स्तम्भ है इस देश की समरसता का,
अभिव्यक्ति की आजादी का, धार्मिक सौहाद्रर्य का। गांधी जी जब 1915 में भारत आय और
भारत दर्शन के लिये निकले तो मात्र दो वर्ष बाद गांधी जी केवल आगे थे और पूरा देशउनके पीछे।
शहर कांग्रेसअध्यक्ष रेखा चौधरी ने कहा कि सत्य अहिंसा व सम्भाव का यह देश जो अपने आप में पूरेविश्व में अपनी एक अलग पहचान रखता है इसकी आधारशिला राष्ट्रपिता महात्मागांधी जीने रखी। विशिष्ट अतिथि कमलेश बघेल ने कहा कि गांधी जी की हत्या से उनके विचारोंकी हत्या नहीं की जा सकती वह और उनके विचार और तेजी से हमारे सामने उभर करआ रहे है। गांधीवादी नेता सुकदेव तिवारी ने कहा कि गाँधी जी ने हरीजन आदिवासीभूमिहीन अमीर सबको कांग्रेस में शामिल कर एक नई ताकत का सृजन किया।
मधु सिलाकारी ने कहा कि विचारों को थोपा नहीं जा सकता बल्कि जियाजाता है। डॉ. आशीष ज्योतषी ने महात्मा गांधी जी के विचारों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रमके अंत में मद्यपान निषेध की शपथ दिलायी गई। कार्यक्रम का संचालन डॉ. संदीप सबलोकने किया तथा आभार जनभागीदारी अध्यक्ष अमित दुबे रागजी ने माना। महात्मा गांधी जीकी प्रतिमा को जनभागीदारी के माध्यम से रखा गया। जिरामें स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शंकर केसरी, जितेन्द्र सिंह चांवला, डॉ. जी.एस. रोहित, अमित दुबे
रामजी तथा डॉ. अमर कुमार जैन ने सहयोग किया। कार्यक्रम में रामनाथ यादव, सिंटू
कटारे, दीनदयाल तिवारी, पप्पू गुप्ता, दीनदयाल तिवारी, विजय साहू, अवधेस तोमर, शैलेन्द्र
तोमर, आनंद तोमर, सुरेस जैन, नरेन्द्र कोष्टी, राजेश दुबे, गयंक तिवारी, अनिरुद्ध गौर,
रीतेश पाण्डेय, अंकू चौरसिया चक्रेश सिंघई सहित वरिष्ठजन उपस्थित थे। महाविद्यालय
परिवार से डॉ. संजीव दुबे, डॉ. मधु स्थापक, डॉ. प्रवीण शर्मा, डॉ. राजेश जैन, डॉ.
जयकुमार सोनी, डॉ. सुभाष हर्डीकर, डॉ. गोपा जैन, डॉ. इगराना सिद्दीकी, डॉ. उमाकांत
स्वर्णकार, डॉ. अंकुर गौतम, डॉ. संदीप तिवारी सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे।
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