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कर्म ही था तीर्थदास हसरेजा जी का धर्म - रघु ठाकुर

कर्म ही था तीर्थदास हसरेजा जी का धर्म - रघु ठाकुर
सागर। स्मृति शेष तीरथदास हसरेजा जैसे लोग कभी मृत नहीं होते हैं। वे आज भी हमारे बीच जीवित हैं।उनके द्वारा किए गए समाज सेवा के कार्य उन्हें जीवन पर्यंत जीवित बनाए रखेंगे। उनके द्वारा स्थापित श्रीराम सेवा समिति द्वारा अपने जनकल्याणकारी कार्यों के माध्यम से उनकी स्मृति को स्थायित्व देने के लिए समस्त
कार्यकर्ता और सेवाधारी पूरी निष्ठा तथा समर्पण भाव से कार्यरत हैं और रहेंगे।श्री तीरथदास किसी धर्म विशेष के व्यक्ति नहीं थे।उनका धर्म यदि कोई था तो वह था समाज सेवा का कर्म। यह बात सुप्रसिद्ध समाजवादी चिंतक रघु ठाकुर ने श्री हसरेजा के निधन पर श्रीराम सेवा समिति सागर द्वारा रविवार को संत कंवर राम वार्ड स्थित झूलेलाल उद्यान में आयोजित एक श्रद्धांजली सभा में कही। ज्ञातव्य है कि श्री हसरेजा का लगभग 80 वर्ष की आयु में दिनांक 25 दिसंबर 2019 को आकस्मिक निधन हो गया था। पूर्व सांसद लक्ष्मी नारायण यादव ने भी अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। सिंधी समाज के पूर्व अध्यक्ष मोहनलाल सौम्या ने स्व.हसरेजा को समाज का गौरव निरूपित किया। शिवसेना के पप्पू  तिवारी ने उन्हें एक संकल्पित और श्रेष्ठ समर्पित समाजसेवी बताया। समिति के संरक्षक रमाकांत यादव ने कहा कि आज जहां समाज सेवा को प्रचार का माध्यम बना लिया गया है वहीं हसरेजा जी निस्वार्थ भाव से बगैर किसी प्रचार प्रसार के समाज सेवा में लगे रहते थे,जो कि वर्तमान समय में एक विरला उदाहरण कहा जा सकता है। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संघ के अध्यक्ष शिव शंकर केसरी ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजली अर्पित करते हुए श्री हसरेजा से जुड़े अनेक संस्मरणों को साझा किया। 
सभा के प्रारंभ में समस्त उपस्थित जनों द्वारा स्व.हसरेजा के चित्र पर पुष्पांजली अर्पित की गई। संचालन स्वर संगम संस्था के अध्यक्ष एवं समिति सदस्य हरीसिंह ठाकुर ने किया।लोक गायक शिवरतन यादव ने बुंदेली लोक कवि ईसुरी की रचना "जिदना जो पंछी उड़ जानें " का गायन कर लोगों की आंखों को नम कर दिया।श्रीराम सेवा समिति के अध्यक्ष डॉ. विनोद तिवारी ने भरे गले से स्व.हसरेजा का जीवन परिचय देते हुए उन्हें अपने पिता स्वरूप कहा। श्यामलम् संस्था के अध्यक्ष उमाकांत मिश्र ने श्रद्धांजली-पत्र का वाचन किया। अंत में स्व. हसरेजा सहित सिंधी समाज के भागचंद वासरानी, नारायणदास सुंदरानी व बख्शाराम दरयानी के निधन पर दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजली अर्पित की गई।
ये रहे श्रद्धांजलि सभा मे
श्रद्धांजलि सभा में स्व.तीरथदास के बड़े भाई माधवमल हंसरेजा,किशन चंद चंदानी,डॉ.बद्री प्रसाद,जी.एल. छत्रसाल,आर.के.तिवारी,प्रदीप गुप्ता,सिंटू कटारे,अर्पित पांडे,ओमप्रकाश राठौर,संतोष पाठक,डॉ.अनिल जैन,दुर्गेश शुक्ला,आसाराम मेठवाणी,राजकुमार ललवानी,ज्ञानचंद कुकरेजा,पुष्पदंत हितकर, मुकेश निराला, भगवानदास रैकवार, अशोक चोपड़ा, रामलाल राठौर, संतोष केसरवानी, गुरदेवसिंह, रामसिंह ठाकुर,राहुल गोस्वामी, कमल हिंदूजा,संतु पोपतानी,चंपक भाई,बालकृष्ण अग्रवाल, मोतीराम सचदेव, डी.पी.कोष्ठी, प्रेम नारायण विश्वकर्मा,डी.पी.वैद्य, अक्षय नायक, शुभम विश्वकर्मा, दीपक पटेल, मोहन पटेल, राहुल रजक, शुभम विश्वकर्मा, गौरव सैनी सहित श्री राम सेवा समिति के सेवादारी, एकता समिति के सदस्य तथा सिंधी समाज के लोगों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
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