बसन्त पंचमी: माँ सरस्वती देवी का एकमात्र एकल प्रतिमा वाले मंदिर में होंगे अनेक आयोजन

बसन्त पंचमी: माँ सरस्वती देवी का एकमात्र एकल प्रतिमा वाले मंदिर में होंगे अनेक आयोजन
सागर। बसंत पंचमी पर बुंदेलखंड अंचल के एक मात्र माँ सरस्वती जी की एकल प्रतिमा वाले उत्तरमुखी मंदिर में दर्शन करने श्रद्धालुओं की कल भीड़ उमड़ेगी। सागर शहर के इतवारा बाज़ार में सरस्वती जी का पुराना मंदिर बना हुआ है। करीब 50 साल पहले में मा सरस्वती की  संगमरमर की मूर्ति की स्थापना की गई थी । बसंतपंचमी महोत्सव पर दिनभर अनेक  आयोजन  किये जायेंगे। इस मौके पर आकर्षक सजावट मंदिर की गई है ।इस मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित  यशोवर्धन चोबे ने बताया कि सन 1962 में बरिया का पेड़ और चोरेश्वर महादेव की स्थापना हुई थी । फिर सन 1971 में बसन्त पंचमी पर सांसद मनिभाई पटेल के सहयोग से संगमरमर की प्रतिमा स्थापित की गई । मा सरस्वती ज्ञान की देवी है और उत्तर दिशा की अधिस्ठात्री है । इस कारण यहां मूर्ति की उत्तर मुखी स्थापना की गई ।एकल उत्तरमुखी की प्रतिमा का यह एकमात्र मंदिर है । इस मंदिर में नवरात्रि पर मा दुर्गा भी विराजमान होती है ।
 बसन्त पंचमी पर मा सरस्वती के जन्मोत्सव के साथ 14 संस्कारो को सम्पन्न  कराया जाएंगे।इसी दिन श्रद्धालु बहीखातों के साथ पुस्तको और कलम दवात की भी पूजा कराई जाएगी।हिन्दू परम्पराओं में इस दिन का बड़ा महत्व है ।  अनेक कार्यक्रम इस मोके पर आयोजित किये गए  है । सुबह 5 बजे अभिषेक पूजन के साथ कार्यकम शुरू होंगे।
उन्होंने कहा कि  विद्यार्थियों के लिए निशुल्क स्लेट पेंसिल अक्षर आरंभ के लिए दी जाती है और वर्ण विन्यास के लिए शहद के द्वारा जीभ  की  अग्रभाग पर ओम बनाया जाता है । जिन्होंने सरस्वती लेखनी के कार्य में आने वाली पीढ़ी और वर्तमान पीढ़ीब के लिए कुछ किया है उनको सरस्वती आशीर्वाद रूप सम्मान किया जाता है।
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