क्या आपको ब्लड प्रेशर है ? ध्यान रखे,ठंड में साइलेंट किलर है ब्लडप्रेशर :डॉ राजेन्द्र चउदा
सागर। ब्लड प्रेशर गंभीर बीमारी है। इससे बचने के उपायों / सतर्कताओ केबारे में बता रहे है : डॉ राजेन्द्र चउदा। जानते है क्या है यह बीमारी।
क्या है ब्लड प्रेशर( उच्च रक्तचाप ) ?
जब सिसटोलिक (Systolic) ब्लड प्रेशर 130 mmHg एवं डॉयस्टोलिक (Diastolic) *ब्लड प्रेशर 85 mmHg से ज़्यादा हो।उस स्थिति को उच्च रक्तचाप (Hypertension)कहते हैं।
अगर आप को ब्लड प्रेशर की बीमारी है तो ठंड के मौसम में थोड़ा सावधान रहने की आवश्यकता है।क्योंकि ब्लड प्रेशर को साइलेंट किलर भी कहते हैं।महिलाओं की तुलना में पुरुष वर्ग ज़्यादा प्रभावित होता है
ब्लड प्रेशर का कैसे पता चलता है ?
ब्लड प्रेशर बढ़ने से सिरदर्द , चक्कर आना , चलने में साँस फूलना , सीना दर्द , घबराहट , नाक से खून आना , आँखों में धुंधलापन आना , लकवा आदि की समस्या हो सकती है।
जब आप पहली बार ब्लड प्रेशर की जाँच कराएँ.
पहली बार अगर बी.पी. ज़्यादा आये तो घबराएँ नहीं ।कई बार डाक्टर को देखकर भी BP बढ़ जाता है।(White Coat Hypertension)तीन दिन लगातार अगर बी.पी. बढ़ा मिलता है , तब उच्च रक्तचाप का इलाज शुरू करते हैं।
#बी.पी. चेक कराने के आधा घंटे पहिले से चाय का: डॉ राजेन्द्र चउदाफ़ी ना लें एवं धूम्रपान भी ना करें।
ब्लड प्रेशर बढ़ने के कारण हैं
अधिकांश लोगों में सभी जाँच कराने के बावजूद बी.पी. बढ़ने का कोई कारण नहीं मिलता।
आनुवांशिक : अगर माँ बाप को बी.पी. की बीमारी है तो बच्चों को इसकी सम्भावना 20 से 25% ज़्यादा बढ़ जाती है।
#तनाव, मोटापा , अधिक मात्रा में नमक का सेवन , गुर्दे की बीमारी , शराब का अत्यधिक सेवन , व्यायाम न करना, थॉयरायड एवं एड्रिनल ग्लेन्ड की बीमारी , तथा कुछ दवाइयाँ जैसे कोर्टिसोन (स्टेरोयड) , गर्भनिरोधक दवाओं का सेवन, दर्द निवारक दवा आदि के सेवन से भी बी.पी. बढ़ जाता है।
#श्वाँस की एवं जोड़ों के दर्द की कुछ आयुर्वेदिक पुड़ियाँ प्रचलित हैं..इनमें कोर्टिसोन (स्टेरोयड) होता है , जिससे हाई बी.पी. एवं शुगर की बीमारी हो जाती है।
उच्च रक्तचाप का S फ़ोर्मूला क्या है ?
उच्च रक्तचाप से बचने के लिए Salt , Sugar, Stress , Smoking , Sedentary Life , Sprit (Alcohol ) का त्याग करना पड़ेगा।
क्या कहते हैं आँकड़े ?
#शहर एवं गाँव के लगभग 25% लोग इस बीमारी से प्रभावित हैं।
#हार्ट अटैक से होने वाली लगभग 24% मोतें एवं लकवा (ब्रेन हेमोरेज) से होने वाली लगभग 57% मोतें सिर्फ़ और सिर्फ़ ब्लड प्रेशर की बज़ह से होती हैं।अतः आप अपने ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखें।BP को ज़्यादा न बढ़ने दें.
क्योंकि हर 2 mm ब्लडप्रेशर के घटाने से हार्ट अटैक एवं लकवा से होने वाली मृत्यु को 6 से 10% तक कम कर सकते हैं।
तथा केवल 8 mm डॉयस्टोलिक BP कम करने से हार्ट अटैक को 29% तक एवं लकवा की सम्भावना को 46% तक कम कर सकते हैं।
ब्लड प्रेशर से होने वाले ख़तरे
आपको अपना ब्लड प्रेशर तो कंट्रोल करना ही है ।साथ में इस बात की निगरानी भी रखना है कि आपके शरीर के मुख्य अंग जैसे ..हार्ट , गुर्दे (Kidney) , आँख , दिमाग़ एवं शरीर की धमनियाँ ब्लड प्रेशर से प्रभावित तो नहीं हो रहीं हैं।
1.ब्लड प्रेशर से हार्ट की माँसपेशियाँ मोटी हो जाती हैं..BP नियंत्रित ना रहने पर हार्ट अटैक एवं हार्ट फ़ेल्यर की सम्भावना बहुत ज़्यादा हो जाती है।
2.लकवा एवं ब्रेन हेमोरेज का मुख्य कारण अनियंत्रित बी.पी. होता है....केवल 10 mm सिसटोलिक बी.पी. बढ़ने से 74% ब्रेन हेमोरेज एवं 43% लकवा की सम्भावना अधिक हो जाती है।
3.ब्लड प्रेशर गुर्दे के ख़राब होने के मुख्य कारणों में से एक है।
4.बी.पी. बढ़ने से आँख़ो के पर्दे की ख़राबी , आँख में लकवा , एवं आँखों में खून तक उतर आता है जिससे अंधापन हो सकता है।अतः बी.पी. के मरीज़ों का नियमित परीक्षण ज़रूरी है।
बी.पी.की बीमारी के घरेलू उपचार क्या हैं
1.वज़न को संतुलित रखना ।
2.संतुलित आहार , प्रोटीन युक्त भोजन (दूध , दही , पनीर , दालें , अंडे का सफ़ेद भाग ), अंकुरित अनाज़।
3.हाई फ़ाइबर युक्त भोजन जैसे गेहूँ , ज्वार , बाजरा , ओट्स , हरी पत्तेदार ,रेशेदार सब्ज़ियाँ , सलाद एवं फल का नियमित सेवन करें.।
4.ओमेगा 3 वाले भोज्य पदार्थ जैसे सरसों , अलसी , बादाम , अखरोट , फ़िश लाभकारी होते हैं ।
5.स्वस्थ रहने के लिए 7 घंटे की पर्याप्त नींद ज़रूरी है।
6.नियमित दिनचर्या , तनाव मुक्त जीवन शैली , योग - व्यायाम , प्राणायाम , मेडिटेशन फ़ायदेमंद है।
7.सुबह का घूमना : 30 से 40 मिनिट्स प्रति दिन हफ़्ते में 5 दिन ज़रूरी है।
8.शराब हफ़्ते में 2 बार छोटे छोटे पेग ले सकते हो ।इससे ज़्यादा नहीं ।
ये ग़लतियाँ ना करें
1.फ़ास्ट फ़ूड ..मेगी , पास्ता , बर्गर , पिज़्ज़ा ना खायें।
2.खाने में नमक,शक्कर एवं मेंदा का इस्तेमाल कम करें।
3.वसा (चर्बीयुक्त) भोजन , कड़ाई के तले पदार्थ जैसे समोसा , कचोरी , आलू टिक्की , ब्रेड पकोड़ा आदि से दूर रहें।
4.डढ़ेल तेल एवं उसमें बने पदार्थ अति नुक़सानदायक हैं।
5.मिठाई का कम से कम उपयोग करें।
6.बीड़ी सिगरेट ( धूम्रपान ) से दूर रहें।
7.शराब के अधिक सेवन से बचें।
8.दवाएँ अचानक बंद ना करें..लाइफ़ ईस्टाइल बदलने से एवं वज़न कम करने से दवाओं की मात्रा को कम तथा कई बार बंद भी किया जा सकता है..अपने मन से दवा बंद ना करें।
9.ब्लड प्रेशर की जाँच करवाते समय दवा खाना बंद ना करें...दवा खाते खाते ही BP की जाँच होना चाहिए।
आपके अच्छे स्वास्थ्य की कामना के साथ। कृपया डॉक्टर से परामर्श /परीक्षण के बाद ही इलाज शुरू करे।
डॉ. राजेन्द्र चउदा.MD
सीनियर मेडिसिन विशेषज्ञ,सागर
•ब्लड प्रेशर •डॉयबिटीज • हृदय रोग
•थॉयरायड • इकोकार्डियोग्राफ़ी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें