जनता ने सोचा बदलाव जरूरी है, इसलिए सरकार बदली- ब्रजेश राजपूत
#"चुनाव है बदलाव का" पर परिचर्चा स्वामी विवेकानंद लाइब्रेरी में परिचर्चा
भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव पर टीवी पत्रकार ब्रजेश राजपूत की किताब चुनाव है बदलाव का पर भोपाल की स्वामी विवेकानंद लाइब्रेरी में परिचर्चा हुई। इस दौरान ब्रजेश राजपूत ने बताया कि मध्यप्रदेश की जनता ने पिछली 15 साल से सत्ता में काबिज सरकार बदलाव करने का मन बना लिया था इसलिए बदलाव हुआ।
विधानसभा चुनाव जीत चुकी काँग्रेस ने विधानसभा चुनाव के समय एक नारा दिया था वक्त है बदलाव का उनके उसी नारे ने किताब का शीर्षक चुनने में मदद की। इससे पहले ब्रजेश राजपूत की किताब चुनाव राजनीति और रिपोर्टिंग आ चुकी है जिसे लोगों ने खूब पसंद किया। किताब वक्त है बदलाव का में बदलाव की बयार की कहानियां है जो पाठक को उसी चुनावी रण में ले जाती है जहां एक राजनीतिक घटना नहीं घट रही होती बल्कि एक सामाजिक घटना घट रही होती है। परिचर्चा के दौरान ब्रजेश राजपूत ने बताया कि काँग्रेस क्यों जीती और बीजेपी क्यों हारी इस किताब में है। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ की वह कहानी भी बताई जब कमलनाथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनकर भोपाल पहुँचे और एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मेरी लड़ाई बीजेपी से नहीं वक्त से है। उन्होंने श्रोताओं के प्रश्नों के जवाब देते हुए कहा कि वर्तमान में मीडिया में भरोसे के संकट का दौर है।
पिछले 25 सालों से सक्रिय पत्रकारिता में ब्रजेश राजपूत कि तीन किताबे आ चुकी है। जिसमें "चुनाव, राजनीति और रिपोर्टिंग", "ऑफ द स्क्रीन" तथा "चुनाव है बदलाव का" पाठको के बीच है। ब्रजेश राजपूत को रामनाथ गोयनका एक्सीलेंस इन जर्नलिज्म आवर्ड फ़ॉर पॉलिटिकल रिपोर्टिंग 2017, दैनिक भास्कर सम्मान 2016, मुम्बई प्रेस क्लब के रेड इंक अवार्ड 2013 और दिल्ली का मीडिया एक्सीलेंस आवर्ड 2012 मिल चुका है।
स्वामी विवेकानंद लाइब्रेरी में ब्रजेश राजपूत की किताब "चुनाव है बदलाव का" किताब पर परिचर्चा के दौरान उन्होंने विधानसभा चुनाव 2018 और लोकसभा चुनाव 2019 के किस्से इस किताब में होने की बात कही इस दौरान कई वरिष्ठ पत्रकार भी मौजूद रहे।कार्यक्रम का संचालन पत्रकार शिफ़ाली ने किया.।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें