नेशनल लोक अदालत: क्षतिपूर्ति के डेढ़ करोड़ के अवार्ड पारित,सड़क दुर्घटना में मिला 27 लाख का क्लेम

नेशनल लोक अदालत: क्षतिपूर्ति के डेढ़ करोड़ के अवार्ड पारित,सड़क दुर्घटना में मिला 27 लाख का क्लेम

सागर । जिला एवं सत्र न्यायाधीष/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सागर के .पी. सिंह के निर्देशन में  नेषनल लोक  का सफल आयोजन जिला मुख्यालय सागर एवं सभी तहसील न्यायालयों में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए के .पी. सिंह जिला एवं सत्र न्यायाधीष ने  बताया कि लोक अदालत के माध्यम से प्रकरणों के निराकरण में दोनों पक्षों का ही लाभ होता है, एक तरफ वादी को न्याय शुल्क की छूट मिलती है तो प्रतिवादी को प्रकरण के व्यय वहन करने से मुक्ति मिल जाती है और अपील न होने से हमेशा के लिये मामला निराकृत हो जाता है।।
शुभारंभ अवसर पर नगर निगम कमिश्नर  आर.पी. अहिरवार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक  राजेश व्यास एवं जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री अंकलेश्वर दुबे के द्वारा भी अपने संबोधन में उपस्थित पक्षकारों से लोक अदालत के माध्यम से अपने प्रकरणों का निराकरण कराने की अपील की एवं नेशनल लोक अदालत की सफलता के लिये शुभ कामनाएं दी सभी ने  जिला न्यायालय परिसर मंे नवनिर्मित गार्डन में पौधारोपण भी किया।
46 खडीपीठो में निपटे मामले
 नेषनल लोक अदालत हेतु संपूर्ण जिले मंे 46 खण्डपीठों का गठन किया गया ।जिसमें न्यायालय में लंबित प्रकरणों में से 524 प्रकरण एवं प्री-लिटिगेषन के 1275 प्रकरण निराकृत किए गए, जिसमें  मोटर दुर्घटना के 108 प्रकरणों का निराकरण कर क्षतिपूर्ति राषि रूपये 15603400/- के अवार्ड पारित किए गए ।चैक बाउंस के 146 प्रकरण, आपराधिक प्रकृति के 44 प्रकरण, विद्युत के 62 प्रकरण, पारिवारिक विवाद के 50  प्रकरण तथा दीवानी एवं अन्य प्रकृति के 114 प्रकरणों का निराकरण किया गया। जिसमें 15603400/- रूपये की राशि पक्षकारों को क्षतिपूर्ति के रूप में दिलाई गई है। विभिन्न बैंकों के 175 प्रकरण, विद्युत विभाग के 253 प्रकरण, नगर निगम के 388 प्रकरण एवं अन्य 459 प्री-लिटिगेषन प्रकरणों का निराकरण भी इस अवसर पर हुआ जिसमें रूपये 16668092/- का राजस्व प्राप्त हुआ।             ये है मौजूद                 
नेशनल लोक अदालत के शुभारंभ कार्यक्रम में जिला एवं सत्र न्यायाधीष/अध्यक्ष श्रीमान् के.पी. सिंह, नगर निगम कमिश्नर  आर.पी. अहिरवार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक  राजेश व्यास सहित  डी.के.नागले विशेष न्यायाधीश, श्री मुकेश कुमार ए.डी.जे, श्री रामविलास गुप्ता ए.डी.जे,  मनोज कुमार सिंह ए.डी.जे, श्रीमती दीपाली शर्मा ए.डी.जे,  पंकज यादव ए.डी.जे, श्रीमती नीतूकांता वर्मा ए.डी.जे, श्री विवेक शर्मा ए.डी.जे, श्री नवनीत कुमार वालिया ए.डी.जे, श्री सुरेश कुमार सूर्यवंशी ए.डी.जे, श्री पंकज कुमार जैन ए.डी.जे., श्री विवेक शुक्ला मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सहित समस्त न्यायिक मजिस्ट्रेट, श्री अनुज कुमार चन्सौरिया, जिला विधिक सहायता अधिकारी, जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री अंकलेश्वर दुबे, सचिव, बी.के. यादव जिला अधिवक्ता संघ के पदाधिकारीगण एवं अधिवक्तागण, बीमा कंपनियों के अधिकारीगण, बैंक, विद्युत एवं पुलिस प्रषासन के अधिकारीगण भी उपस्थित रहे।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सागर की सचिव श्रीमती विधि सक्सेना ए0डी0जे0 द्वारा नेषनल लोक अदालत में प्रकरणों के निराकरण में सहयोग देने के लिए सभी का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर फलदार वृक्षों का वितरण भी राजीनामा करने वाले पक्षकारों को न्याय वृक्ष के प्रतीक के रूप में प्रदान किया गया।
सड़क दुर्घटना में म्रतक के परिजनों को मिला 27 लाख का क्लेम
विशेष प्रकरण के रूप में दिनांक 13.10.2017 को सागर-भोपाल रोड में श्री रविन्द्र सिंह राजपूत, सड़क दुर्घटना होने के पश्चात् लगभग 01 वर्ष तक कोमा में रहा और इलाज कराया जिसमें काफी पैसा खर्च हुआ, लेकिन पीड़ित की मृत्यु हो गई, तत्पश्चात् मृतक की पत्नी एवं पुत्र के द्वारा  मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण सागर में क्षतिपूर्ति हेतु दावा प्रस्तुत किया जिसमें श्री मुकेश कुमार ए.डी.जे. की खण्डपीठ के द्वारा नेशनल लोक अदालत में मृतक की पत्नी श्रीमती राममणि एवं पुत्र श्री भूवर्धन सिंह को राशि रूपये 27 लाख क्षतिपूर्ति के रूप में आई.सी.आई.सी.आई. बीमा कम्पनी से दिलाये जाने के लिये अवार्ड पारित किया गया एवं एक अन्य प्रकरण में ग्राम पथरिया जाट निवासी कु0 राजकुमारी चैहान के द्वारा इंडियन बैंक सागर ब्रंाच से दिनांक 13.03.2013 को राशि रू0 2,97,852/- का एजूकेशन लोन लिया था जिसे न चुकाये जाने पर इंडियन बैंक सागर ब्रांच के द्वारा ब्याज सहित कुल राशि रू0 4,42,020/- की वसूली हेतु जिला न्यायालय, सागर में दीवानी वाद प्रस्तुत किया लेकिन आज दिनांक 14 दिसम्बर 2019 को आयोजित नेशनल लोक अदालत में पीठासीन अधिकारी श्री कर्नेल सिंह श्याम व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 की खण्डपीठ के द्वारा बैंक तथा अनावेदक कु0 राजकुमारी चैहान के बीच आपसी समझौता कराकर केवल राशि रू0 2,70,000/- बैंक को देने के लिये अवार्ड पारित किया।
                

तलाक का मामला निपटा तो ,दूल्हा पहुचा अदालत में बारात लेकर,जज ने दिया वर बधू को आशीर्वाद

तलाक का मामला निपटा तो ,दूल्हा पहुचा अदालत में बारात लेकर,जज ने दिया वर बधू को आशीर्वाद
देवास ।शादी के तरीकों  की ढेरों अनोखी कहानियां है । लेकिन एमपी के देवास की कहानी बिल्कुल अलग है। यहां नेशनल लोक अदालत के दौरान  दूल्हा घोड़े पर बैठकर बाजे गाजे के साथ बारात लेकर पहुचा और बधू को लेकर आया। यही नही जज गंगा चरण दुबे से आशीर्वाद भी लिया। दरअसल कुटुंब न्यायालय में एक तलाक का मामल चल रहा था। लेकिन अदालत की समझाईश के बाद तस्वीर बदल गयी। फिर नेशनल लोक अदालत परिसर में शादी का नजारा देखने मिला। वकीलों ने। स्वागत भी किया। जज गंगाचरण दुबे के सामने वरमाला पहनाई गई।
कई वर्षों से अलग अलग रह रहे थे पवन -करुणा
  देवास में पारिवारिक विवाद के कारण कई वर्षों से अलग रह रहे पवन कुमावत और करुणा कुमावत के बीच तलाक का मुकदमा लंबित था।
जानकारी के मुताबिक पवन कुमावत और करुणा का 2008 अप्रैल में विवाह हुआ था। दोनों के तीन बच्चे हैं। इसके बाद पति-पत्नी के बीच विवाद होने लगा। पति पवन का कहना था कि वह सिक्युरिटी गार्ड की नौकरी करता है और पत्नी को सिलाई का कोर्स कराया।
 इनके तीन बच्चे भी है।  पवन का आरोप था कि उसकी पत्नी करुणा अपनी सास के साथ अच्छा व्यवहार नहीं करती है। जबकि करुणा का कहना था कि उसका पति कुछ अन्य औरतों से अवैध संबंध रखता है इसी कारण दोनों के बीच विवाद बढ़ता गया और तलाक की नौबत आ गई। कुटुंब न्यायालय में  प्रकरण भेजा गया जहां  न्यायाधीश गंगाचरण दुबे ने पति पत्नी को समझाइश दी। दोनो पक्षो के वकीलो ने भी इसमे सहयोग किया। जिसके चलते  दोनो को साथ में रहने के लिए राजी किया। पवन और करुणा के बीच समझौता करार हुआ।
बेंड बाजो के साथ बारात 
दोनो के बीच सहमति बनी तो पवन कुमावत  बकायदा बारात लेकर बारातियों के साथ लेकर लोक अदालत में  पहुचा।  जिसमें उसके दो बेटे  और एक बेटी भी शामिल थी । साथ में  बैंड बाजे भी। अदालत परिसर में  विद्वान न्यायाधीश गंगाचरण दुबे ने बारात का जोरदार स्वागत किया और न्यायालय के कक्ष में ही पवन और करुणा ने एक दूसरे को वरमाला पहनाकर साथ रहने का वादा किया।वर वधु ने जज के पैर छूकर आशीर्वाद लिया।  इस अनोखे नजारे को देखने के लिए न्यायालय भवन में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे और सभी ने पुष्प वर्षा कर विवाह करने वाली दंपति को आशीर्वाद दिए। बाकायदा शादी की वीडियो रिकार्डिंग भी हुई।


नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले 3 आरोपियों को 10-10 वर्ष का सश्रम कारावास

नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले 3 आरोपियों को 10-10 वर्ष का सश्रम कारावास
सागर। नाबालिग को उसके पिता की विधिपूर्ण संरक्षकता के बिना सहमति के बहला-फुसलाकर भगाकर ले जाने और उसके साथ बलात्संग एवं दुष्प्रेरण करने वाले तीन आरोपियों को विषेष न्यायाधीष/नवम् अपर सत्र न्यायाधीश, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण 2012 नीलू संजीव श्रृंगीऋषि सागर की अदालत ने दोषी करार देते हुए 10-10 वर्ष के सश्रम कारावास और अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है।
जिला लोक अभियेाजन अधिकारी एवं मामले के पैरवीकर्ता राजीव रूसिया ने बताया कि आरोपी बब्लू उर्फ जितेन्द्र जाट ने दिनांक 25.09.2015 दिन करीब 1.30 बजे के लगभग ग्राम सौठिया अंतर्गत थाना जैसीनगर से अप्राप्तवय उत्तरजीवी जिसकी आयु 18 वर्ष से कम थी उसके पिता की विधिपूर्ण संरक्षकता के बिना सहमति के बहला फुसलाकर कर ले गया। संभोग करने के आषय से उसका व्यपहरण किया, छुपाया व परिरोध में रखा एवं उसके साथ बलात्कार किया। इस कार्य में आरोपीगण रामरानी व देवीसिंह ने आरोपी बब्लू का साषय सहयोग कर दुष्प्रेरण किया। पिता द्वारा उत्तरजीवी गुम इंसान की रिपोर्ट थाना जैसीनगर में की गई। इस पर से अज्ञात आरोपी के विरूद्ध अपराध क्रमांक-140/15 धारा 363, 366 भादवि की प्रथम सूचना रिपोर्ट लेख की गई। मामला विवेचना में लिया गया। जाॅंच के दौरान उत्तरजीवी दिनांक 29.09.2015 को दस्तयाव होने पर दस्तयाव पंचनामा बनाया गया। उत्तरजीवी एवं साक्षियों के कथन लेख किये गये। विवेचना उपरांत आरोपीगण बब्लू उर्फ जितेन्द्र जाट पिता देवीसिंह उम्र 37 वर्ष, रामरानी पत्नि देवीसिंह जाट उम्र 62 वर्ष एवं देवी सिंह जाट पिता हरिसिंह उम्र 65 वर्ष सभी निवासी ग्राम सौठिया थाना जैसीनगर जिला सागर के विरूद्ध मान. न्यायालय में चालान पेश किया गया। जहां विचारण उपरांत मामले में आई साक्ष्य के आधार पर विषेष न्यायाधीष/नवम् अपर सत्र न्यायाधीश, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण 2012 नीलू संजीव श्रृंगीऋषि सागर की अदालत ने दोषी करार देते हुए आरोपी बब्लू उर्फ जितेन्द्र को भादवि की धारा 366(क), 368, 376(2)(एन) में, आरोपी रामरानी को भादवि की धारा 368, 376(2)(एन)/109 में तथा आरोपी देवीसिंह को भादवि की धारा 368, 376(2)(एन)/109 में 10-10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000-1000 के अर्थदण्ड से दंडित किया।

देश की कार्नसिटी में मक्का महोत्सव अंतरराष्ट्रीय बाजार में छिंदवाड़ा की नई पहचान @भूपेन्द्र गुप्ता

देश की कार्नसिटी में मक्का महोत्सव
अंतरराष्ट्रीय बाजार में छिंदवाड़ा की नई पहचान
@भूपेन्द्र गुप्ता
फसलों के उत्पादन का उत्सव मनाने की परंपरा को अब औद्योगिक आधार मिल रहा है । फसलों की ब्रांडिंग से अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में भी किसानों को ज्यादा दाम मिलने की संभावनाएं बनी है। 
भारत का कृषि जलवायु क्षेत्र इतना विविधता पूर्ण है कि यहां हर क्षेत्र एक विशिष्ट फसल के नाम से जाना पहचाना जाता है। अकेले मध्य प्रदेश में 11 कृषि जलवायु क्षेत्र है यहां की मिट्टी और जलवायु में भिन्नता है जो अलग-अलग फसलों के लिए उपयुक्त है । मालवा के आलू टीकमगढ़ का अदरक, बड़वानी की मिर्ची मंदसौर का लहसुन और सीहोर विदिशा क्षेत्र का गेहूं शरबती गेहूं , बालाघाट सिवनी के कालीमूछ के चावल और अब इस श्रेणी में छिंदवाड़ा का मक्का आ गया है।
मक्का उत्पादन को औद्योगिक गतिविधि से जोड़ने के लिए की गई पहल से मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने मक्का उत्पादन को व्यावसायिक गतिविधि से जोड़ने की पहल करते हुए कमलनाथ कमलनाथ ने कॉर्न फेस्टिवल 2019 को नया स्वरूप देने की कोशिश की है। कॉर्न फेस्टिवल यानी मक्का महोत्सव के माध्यम से किसानों के लिए उनके विकास के लिए एक नया रास्ता खोल जा रहा है। इससे वे तरक्की और खुशहाली की बुनियाद खुद रख सकें। 
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में 15-16 दिसंबर को मनाया जाने वाला कॉर्न फेस्टिवल यह महोत्सव मध्य प्रदेश के किसानों के लिए  एक नया अध्याय सिद्ध होगा जहां से तरक्की और खुशहाली उनके दरवाजे पहुंचेगी ।सभी जानते हैं कि मध्य प्रदेश 70% आबादी कृषि कार्यों पर निर्भर है हमारी विभिन्न फसलें मध्यप्रदेश की पहचान को स्थापित  करती हैं किंतु कृषि के क्षेत्र में उसे प्रभावी बनाए जाने के प्रयत्न अब तक नहीं हुए थे यह दिखायी  देता है ।कॉर्न फेस्टिवल के माध्यम से अब पता चलेगा कि मक्का के पास कितना बड़ा अंतरराष्ट्रीय बाजार है । वह  केवल पॉपकॉर्न या कार्न फ्लेक्स तक सीमित नहीं है न ही उसका बाजार  दो चार तरह के व्यंजन या स्वीटकार्न सूप तक सीमित है।उससे लगभग सौ तरह के व्यंजन,टोस्ट बिस्किट ,कुकीजआदि  बनाये जा सकते हैं। जिनके लिये आवश्यक मशीन और तकनीकि का प्रदर्शन छिंदवाड़ा में किया जा रहा है।
लोगों के मन में एक स्वाभाविक सवाल उठ सकता है कि इस महोत्सव के लिये छिंदवाड़ा ही क्यों चुना गया ?उत्तर है क्योंकि छिंदवाड़ा ही देश में सबसे ज्यादा मक्का पैदा करने वाला जिला है ।देश के कुल मक्का उत्पादन में अकेले मध्यप्रदेश का 14%योगदान है और इसमें अकेले छिंदवाड़ा का योगदान ही 13% है । इसीलिये इसे कार्न सिटी के रूप में लोकप्रिय करने की योजना बनी ताकि मक्का के विश्व बाजार के मानचित्र पर छिंदवाड़ा अपनी पहचान छोड़ सके।
कमलनाथ  ने इंदौर में मैग्नीफिसेंट मध्यप्रदेश के दौरान इस बात को बार-बार दोहराया था कि मध्य प्रदेश की फसलों को आधार  बनाकर फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री विकसित करके  ही किसान के दरवाजे पर तरक्की पहुंचाई जा सकती है कार्न फेस्टिवल इसका एक कदम है ।
मध्यप्रदेश में आलू बहुतायत में होता है टीकमगढ़ का अदरक भी पूरे देश में अपनी पहचान बनाए हुए है ।मंदसौर का लहसुन,मांडू का सीताफल, बड़वानी की मिर्ची ,निमाण का कपास,गुना का धनिया, जबलपुर की मटर ,होशंगाबाद का अमरूद,ऐसी कई फसलें हैं जिनका एक अंतरराष्ट्रीय बाजार विकसित किया जा सकता है ।सवाल है कि किस तरह किसान के दरवाजे पर नई तकनीकी  और कौशल  पहुंचे । कॉर्न फेस्टिवल ऐसी ही एक पहल है जिसके माध्यम से किसानों के दरवाजे पर नई नई मशीनें  नया-नया ज्ञान पहुंचेगा  । उन्हें पता चलेगा की पूरी दुनिया मक्के के बाजार के लिए आतुर है । मक्का में उपलब्ध पौष्टिक तत्व ही मक्का की खूबी है इसमें पाया जाने वाला फाइबर पेट को कई बीमारियों से बचा कर रखता है और इसके पौष्टिक गुणों के कारण पूरी दुनिया में इसकी मांग है । जिस तरह से दुनिया में पोल्ट्री उद्योग विस्तार पा रहा है उसमें पोल्ट्री फीड के रूप में मक्का ही प्रमुख खाद्यान्न है इसलिए मक्का के किसानों को अगर पोल्ट्री फीड बनाने की विधि और कुशलता प्रदान की जाती है तो छिंदवाड़ा एवं अन्य क्षेत्रों का मक्का उत्पादक  किसान दुनिया से टक्कर ले सकेगा।
मुख्यमंत्री का यह विजन प्रथम दृष्टि में ही सफल होता दिखाई पड़ रहा है कई आदिवासी महिलायें तामिया जैसी जगह में इसके उत्पादन से जुड़ गईं हैं।वे मक्का की कुकीज तक बना रहीं हैं।
कल को मालवा में पोटेटो फेस्टिवल,मंदसौर में गार्लिक फेस्टिबल और टीकमगढ़ में जिंजर फेस्टिवल भी सामने आ सकेंगे।पहली बार देश के ख्यातनाम कृषि वैग्यानिक आज छिंदवाड़ा में इकट्ठे हो रहे हैं।कल इसी तरह दूसरी जगह आकर दूसरी चीजें पैदा करने वाले किसानों को भी नयी तकनीकी सिखायेंगे ।कमलनाथ सरकार की इस पहल से हार्टीकल्चर गतिविधियां बढ़ीं हैं ।फूल की खेती से आगे अब सब्जियों के उत्पादन में किसान आगे आ रहे हैं ।इस जागरूकता से इन क्षेत्रीय विशिष्ट फसलों के "जी आई टेग" का रास्ता भी प्रशस्त हुआ है ।
सरकार ने परंपरागत रूप से खेती करने वाले किसानों को महज उन्नत किसानों के खेत  दिखाये जाने के रस्मी कार्यक्रमों को अब उत्सव में बदल दिया है जहां किसान केवल फसल नहीं बल्कि उस फसल से आगे बनने वाले उत्पाद,उसमें उपयोग होने वाली तकनीकी और आधुनिक मशीनों से रूबरू हो सकेगा।यह कमलनाथ सरकार के गरीबों किसानों के सरोकारों में शामिल होने का परिचायक है।वे केवल चिंता ही नहीं कर रहे हैं बल्कि उनके वेहतर भविष्य के लिये बेहतर तकनीकी और कौशल भी उनके दरवाजे तक ला रहे हैं।
(लेखक स्वतंत्र विश्लेषक एवं कांग्रेस विचार विभाग के अध्यक्ष हैं)

एलपीजी गैस से भरा टैंकर पलटा,टैंकर से रिसाव जारी,पुलिस प्रशासन मौजूद,रास्ता किया बन्द

एलपीजी गैस से भरा टैंकर पलटा,टैंकर से रिसाव जारी,पुलिस प्रशासन मौजूद,रास्ता किया बन्द

सागर।सागर जिले के रहली देवरी मार्ग पर ग्राम परासिया पर अंधे मोड़ में गैस से भरा टैंकर पलट गया। टैंकर पलटने से उससे लगातार गेस का रिसाव हो रहा है । घटना की खबर लगते ही पुलिस मौके पर पहुची। पुलिस ने दोनो तरफ से रास्ता बंद कर दी गई है । आसपास के रिहायशी इलाके को सतर्क कर दिया गया है।   बीना रिफायनरी से बचाव दल बुलाया गया है । कैप्सूल विजयनगर गुना से जबलपुर जा रहा था। पुलिस ने 2 किलोमीटर सड़क की सीमा सील कर दी है हल्की सी आग की चिंगारी बड़ा हादसा घटित कर सकती है ।आसपास में लगभग 200 ग्रामीण अपने बच्चों सहित अभी भी है और जो भी उस रोड से बाहर निकल रहे हैं ।पुलिस उन पर प्रतिबंध लगा रही है और दूसरे रोड से जाने का आग्रह कर रहीहै।

एमपी में शराब /बार दुकान खुलने,बन्द होने ,शराब परोसने आदि का टाईमटेबिल हुआ निर्धारित

एमपी में शराब /बार दुकान खुलने,बन्द होने ,शराब परोसने आदि का टाईमटेबिल हुआ निर्धारित

आबकारी विभाग ने एमपी में शराब दुकानों के खुलने,इसकी बिक्री,शराब परोसने से लेकर बीयर वार, होटल ,रिसोर्ट और क्लब आदि में शराब परोसने का समय तय कर दिया है । आबकारी आयुक्त राजेश बहुगुणा  ने इसके आदेश जारी किए हैं। इसका उल्लंघन करने वालो के खिलाफ़ कार्यवाही होंगी।

गर्ल्स डिग्री कालेज में छात्राओं को विकास शुल्क एक हजार नही लगेगा,कलेक्टर ने प्रस्ताव नामंजूर किया

गर्ल्स डिग्री कालेज में छात्राओं को विकास शुल्क एक हजार नही लगेगा,कलेक्टर ने प्रस्ताव नामंजूर किया
सागर । कलेक्टर श्रीमती प्रीति मैथिल नायक की अध्यक्षता में संपन्न हुई। शासकीय स्वषासी कन्या स्नातकोत्तर उत्कृष्ट महाविद्यालय सागर की जनभागीदारी समिति की बैठक में छात्राआंे के हित में अनेक निर्णय लिए गए। कलेक्टर ने छात्राओं से विकास शुल्क 500 रूपये से बढ़ाकर 1000 रूपये करने के प्रस्ताव को अस्वीकृत कर दिया। उन्होंने कहा कि इसकी कोई आवष्यकता नहीं है।
स्ववित्तीय पाठ्यक्रमों की पुस्तकों के क्रय करने के लिए 8 लाख रूपये की, परम्परागत पाठ्यक्रमों के प्रायोगिक कार्य के लिए 2 लाख 65 हजार रूपये की, स्ववित्तीय पाठ्यक्रम में प्रायोगिक उपकरण के लिए 2 लाख 60 हजार, प्रायोगिक कार्य के लिए एक लाख 40 हजार रूपये स्वीकृत किए गए। वाणिज्य विभाग में छात्राआंे की संख्या को दृष्टिगत रखते हुए एक अतिथि विद्वान रखे जाने की जाने की स्वीकृति दी गई। कलेक्टर ने कहा कि पूरी पारदर्षिता के साथ अतिथि विद्वान रखंे। प्रायोगिक कार्य हेतु विभाग को रसायन विभाग में विगत वर्षाें की भांति 3 लाख रूपये स्वीकृत किए गए। इसी प्रकार संदर्भ पुस्तकों के लिए 3 लाख रूपये स्वीकृत किए गए। कलेक्टर ने महाविद्यालय में टायलेट निर्माण के लिए लोक निर्माण विभाग से प्राकलन बनवाने के लिए कहा और 10 लाख रूपये स्वीकृति दी।
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डा. इला तिवारी, सागर सासंद प्रतिनिधि तान्या चुन्नी, विधायक प्रतिनिधि दीप्ती चंदेरिया उपस्थित थे।  कंप्यूटर लैब के कम्प्यूटर छात्राएं के उपयोग के लिए हो
 कलेक्टर श्रीमती प्रीति मैथिल नायक ने शासकीय स्वषासी कन्या स्नातकोत्तर उत्कृष्ट महाविद्यालय सागर का भ्रमण किया। उन्होंने कम्प्यूटर लैब का निरीक्षण किया। कम्प्यूटर लैब में रखे कंप्यूटर बंद मिलने पर उन्होंने निर्देष दिए कि कंप्यूटरों को कार्यषील अवस्था में रखें। जिससे की छात्राएं उनका शैक्षणिक कार्यों के लिए उपयोग कर सकें। कलेक्टर ने महाविद्यालय की लायब्रेरी का निरीक्षण भी किया। उन्होंने लायब्रेरी में विभिन्न प्रतियोगिताओं से संबंधित पुस्तके और पत्रिकाएं अनिवार्य रूप से रखे जाने के निर्देष दिए। उन्होंने छात्राओं से चर्चा की और पूछा की कोई समस्या तो नहीं है। छात्राओं द्वारा प्रसाधन संबंधी समस्या बताने पर प्रसाधन कक्ष के लिए 10 लाख रूपये की स्वीकृति दी गई।     

मादक पदार्थो की रोकथाम को लेकर पुलिस की एक दिनी कार्यशाला

मादक पदार्थो की रोकथाम को लेकर  पुलिस की एक दिनी कार्यशाला
सागर।  पुलिस कट्रोल रूम सागर में राष्ट्रीय सामाजिक रक्षासंस्थान एनआईएसडी और जवाहर लाल नेहरू पुलिस अकादमी के तत्वाधान में सागर पुलिस द्वारा मादक पदार्थों के दुर्व्यसन कीरोकथाम पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसका शुभारम पुलिस महानिरीक्षक  सतीश सक्सेना एवं पुलिस अधीक्षक आमित साधी द्वारा किया गया।
इस कार्यक्रम में कई विशिष्ट व्यक्तियों द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें डॉ0 नरेन्द्र शाक्य
डॉ० मनीष जैन (एमडी मेडीसिन एसोसिएट प्रोफेसर बीएमसी सागर),  अनुप दुबे एव अन्य
सदस्य (एल्कोहोलिक एनोनिमस सस्था भोपाल) श्रीमति दीपाली शर्मा मान० विशेष न्यायधीश
एनडीपीएस एव डॉ० राजीव जैनमनोचिकित्सक शामिल हुये। इसी के साथ कार्यक्रम मेंप्रशिक्षित पुलिस अधिकारी निरीक्षक  प्रशात सेन एवं उनि श्रीमति बबीता चौधरी द्वारा भीप्रशिक्षण दिया गया।
इस कार्यशाला में जिले में पदस्थ प्रो० उप पुलिस अधीक्षक, पीएसआई एवं अन्य पुलिस
अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे ।जिन्हें मादक पदार्थो के दुव्र्यसन की रोकथाम से संबंधित
विषयों पर प्रशिक्षण दिया गया साथ ही इस विषय पर डीव्हीडी प्रदाय की गई।
डॉ० मनीष जैन द्वारा अंग्स एवं उनके प्रकार जैसे प्राकृतिक अर्ध कृत्रिम एव कृत्रिम ड्रग्स
एव उनके लक्षणों व दुव्र्यसन के बारे में विस्तार से बताया गया।श्रीमति दीपाली शर्मा विशेष न्यायधीश एनडीपीएस द्वारा एनडीपीएस की कार्यवाही पुलिस किस प्रकार सशक्त कर सकती है। एवं इस अधिनियम की मुख्य धाराओं
से अवगत कराया गया।
भोपाल की एल्कोहोलिक एनोनिमस सस्था द्वारा अपने अनुभव एव किस प्रकार नशीले
पदार्थों के सेवन से निजात पाया जाये एव किस प्रकार यह सस्था सहायता करती है बताया
गया।मनोचिकित्सक डॉ० राजीव जैन ने भी मादक पदार्थों के सेवन से ग्रसित व्यक्ति के
व्यवहार उसका सामाजिक आचरण एवं नग के उपयोग, अपराध व रोजगार के तुलनात्मक
अध्ययन पर प्रकाश डाला। थाना प्रभारी  प्रशांत सेन एवं उनि श्रीमति बबीता चौधरी द्वारा तनाव के कारण किस प्रकार तनाव से दूर रहा जाये के उपाय बताये।
एसपी अमित सांघी ने  मीडिया को बताया कि मादक पदार्थो के दुर्व्यसन की रोकथाम के लिए जिले के 60 पुलिस इंस्पेक्टर और अधिकारी गणों ने प्रशिक्षण लिया है । यह प्रशिक्षण अपने अपने क्षेत्रों में कार्य करने में कारगर साबित होगा। इसके लिए जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा।
इस कार्यक्रम के समन्वयक अतिरिक्त  पलिस अधीक्षक  बीना  विजर्म सिंह एवं अति
पुलिस अधीक्षक सागर  राजेश व्यास रहे।
समापन पुलिस अधीक्षक सागर अमित साधी द्वारा किया गया । 

केन्द्र ने पाँच मेडिकल कॉलेज में 803 पी.जी. सीट बढाने की मंजूरी दी,सागर में बढ़ेगी 85 सीट

केन्द्र ने  पाँच मेडिकल कॉलेज में 803 पी.जी. सीट बढाने की मंजूरी दी,सागर में बढ़ेगी 85 सीट
सागर ।केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की तकनीकी मूल्यांकन समिति ने मध्यप्रदेश के पाँच शासकीय मेडिकल कॉलेज में स्नातकोत्तर (पी.जी.) पाठ्यक्रम में 803 सीट बढाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इन सीटों को बढाने पर 521 करोड़ 74 लाख 45 हजार रूपये खर्च होंगे। इस खर्च का 60 प्रतिशत केन्द्र सरकार और 40 प्रतिशत राज्य शासन द्वारा वहन किया जायेगा।
केन्द्र सरकार से मंजूरी से प्रदेश के नेताजी सुभाष चन्द्र बोस मेडिकल कॉलेज जबलपुर में 85, श्याम शाह मेडिकल कॉलेज रीवा में 88, गजराराजा मेडिकल कॉलेज ग्वालियर में 91, महात्मा गाँधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज इंदौर में 169, बुन्देलखण्ड मेडिकल कॉलेज सागर में 85 और गाँधी मेडिकल कॉलेज भोपाल में 285 सीटें बढेंगी।
प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा शिवशेखर शुक्ला ने बताया कि सागर के शासकीय मेडिकल कॉलेज में एनाटॉमी, फिजियोलॉजी, फॉर्माकोलॉजी, रेडियो डायग्नोसिस की 2-2, कम्युनिटी मेडिसिन, ऑप्थलमोलॉजी की 3-3, पैथालॉजी की 9, माइक्रोबॉयोलॉजी, बॉयोकेमेस्ट्री, पीडियाट्रिक्स, ऑथोपेडिक्स, ईएनटी की 5-5, जनरल मेडिसिन और जनरल सर्जरी की 11-11, गॉयन्कोलॉजी की 8 और एनिस्थीसियोलॉजी की 7 सीट्स की वृद्धि की गई है। इन पर 92 करोड़ रुपये से अधिक राशि व्यय होगी।
जबलपुर के शासकीय मेडिकल कॉलेज के लिये द्वितीय चरण में 17 पी.जी. पाठ्यक्रमों में सीट बढाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली है।  इससे बॉयो केमिस्ट्री, माईक्रो बॉयोलॉजी, फॉरेन्सिक मेडिसिन, इमरजेंसी मेडिसिन और पल्मोनरी मेडिसिन (डीएम) की क्रमशरू पाँच, दो, तीन और दस सीट बढेंगी। इसी के साथ, द्वितीय चरण में पैथालॉजी, साइकियाट्रिक, रेडियो डायग्नोसिस में दो-दो, फॉर्माकोलॉजी में 6, ऑप्थलमोलॉजी में 4, ईएनटी में एक, जनरल मेडिसिन में 18, जनरल सर्जरी में 8, ऑर्थोपेडिक्स में 7, रेडिएशन ऑन्कोलॉजी में 5, रेस्पॉयरेटरी में 5 और न्यूरो सर्जरी में 3 सीट की वृद्धि होगी, जिसका अनुमानित व्यय लगभग 93 करोड़ रूपये है।
रीवा के शासकीय श्याम शाह चिकित्सा महाविद्यालय में बॉयो-केमेस्ट्री और फॉरेंसिक मेडिसिन की 3-3, ओटोरिनोलेरिंगोलॉजी की 4, रेडियो डायग्नोसिस की 4 और डर्माटोलॉजी, वेनेरेलॉजी एण्ड लेप्रसी की 2 सीट की वृद्धि होगी। साथ ही, एनाटॉमी की 4, फिजियोलॉजी की 5, पैथालॉजी की 8, फार्माकोलॉजी की 3, कम्युनिटी मेडिसिन की 4, ऑप्थलमोलॉजी की 4, जनरल मेडिसिन की 8, जनरल सर्जरी की 6, ऑर्थोपेडिक्स की 7, गॉयन्कोलॉजी की 5, पीडियाट्रिक्स की 3, एनिस्थीसियोलॉजी की 14 और साइकियाट्री में एक सीट की वृद्धि होगी, जिस पर 77.17 करोड़ रूपये की राशि व्यय होगी।
ग्वालियर के शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय में एनाटॉमी की 8, फिजियोलॉजी की 6, पैथालॉजी की 10, माइक्रो बॉयोलॉजी की 7, फार्माकोलॉजी की 8, कम्युनिटी मेडिसिन की 7, ऑथोपेडिक्स की 5, जनरल सर्जरी की 11, एनिस्थीसियोलॉजी की 4, गॉयन्कोलॉजी की 8, जनरल मेडिसिन की 10, रेडियो डॉयग्नोसिस की 4 और पीडियाट्रिक्स की 3 बढेंगी, जिस पर लगभग 60 करोड़ व्यय होंगे।
केन्द्र द्वारा मंजूर की गई सीटों में इंदौर के शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय में 175 करोड़ 63 लाख से 169 पी.जी. सीट्स की वृद्धि होगी। इनमें एनाटॉमी, फिजियोलॉजी, एनिस्थीसिया की 8-8, बॉयो केमेस्ट्री की 10, पैथालॉजी की 15, माइक्रोबॉयोलॉजी की 14, फारेंसिक मेडिसिन की 7, कम्युनिटी मेडिसिन की 14, डर्माटोलॉजी की एक, रेडियो डायग्नोसिस की 5, सर्जरी की 20 एनिस्थीसिया की 8, ऑर्थोपेडिक्स की 5, मेडिसिन की 21, साइक्रियाट्रि की 6, ऑब्सटेट्रिक्स एण्ड गॉयन्कोलॉजी की 10, ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन की 5 और ईएनटी की 4 सीट शामिल हैं।
भोपाल के गाँधी मेडिकल कॉलेज में लगभग 117 करोड़ से 285 पी.जी. सीट की वृद्धि अनुमानित है। इनमें एनाटॉमी की 16, फिजियोलॉजी, माइक्रोबॉयोलॉजी, फॉरेंसिक मेडिसिन की 9-9 सीट्स, बॉयोकेमेस्ट्री, रेडियो डॉयग्नोसिस की 10-10, फॉर्माकोलॉजी की 14, पैथालॉजी की 20, कम्युनिटी मेडिसिन की 17, जनरल मेडिसिन, जनरल सर्जरी की 24-24, पीडियाट्रिक्स की 25, टी.बी. चेस्ट की 5, साइकियाट्रि की 3, ऑथोपेडिक्स की 17, ओटोरिनोलेरिंगोलॉजी की 5, ऑप्थलमोलॉजी की 8, गॉयन्कोलॉजी की 25 और एनिस्थीसियालॉजी की 35 पी.जी. सीट शामिल हैं।         

लोकायुक्त सागर ने डिप्टी रेंजर को सात हजार की रिश्वत लेते पकड़ा

लोकायुक्त सागर  ने डिप्टी रेंजर को सात हजार की रिश्वत लेते पकड़ा
सागर। लोकायुक्त पुलिस सागर ने दमोह जिले के वन परिक्षेत्र नोहटा, के डिप्टी रेंजर राधेश्याम श्रीवास्तव को दमोह में एक चौराहे से सात हजार रूपए रिश्वत लेेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। फर्शी से भरे ट्रेक्टर को छोड़ने के एवज में रिश्वत मांगी थी। इस कार्यवाही से वन महकमे में हड़कम्प मंचा हुआ है।
लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक रामेश्वर यादव ने बताया कि आवेदक उत्तम पटेल पिता बाबूलाल पटेल ग्राम बड़गुंवा, तहसीलजबेरा जिला दमोह द्वारा पुलिस अधीक्षक विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्तकार्यालय, सागर संभाग सागर के समक्ष शिकायत प्रस्तुत की गई कि आवेदक का फर्शी से भरा ट्रेक्टर पकड़ा था।जिसको छोड़ने के एवज में राधेश्यामश्रीवास्तव, डिप्टी रेंजर, वन परिक्षेत्र, नौहटा द्वारा सात रूपए की मांग की
जा रही है। आज आरोपी राधेश्याम श्रीवास्तव,डिप्टी रेंजर, वन परिक्षेत्र नोहटा, रेंजर सगोनी, वन संभाग दमोह, को सातहजार रूपए रिश्वत लेते किल्लाई चौराहा दमोह में रंगे हाथों गिरफ्तार किया।गया। लोकायुक्त कार्यालय सागर की टीम द्वारा डीएसपी राजेश खेड़े के नेतृत्व में यह कार्यवाही की गई।

भारतीय सेना और अफगानिस्तान सेना का महार रेजिमेंट केद्र, सागर में संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास

भारतीय सेना और अफगानिस्तान  सेना का महार रेजिमेंट केद्र, सागर में संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास
सागर। महार रेजिमेंट केन्द्र सागर में अफगानिस्तान नेशनल आर्मी के 16
सदस्यीय सैन्य दल ने भारतीय सेना के महार रेजिमेंट केन्द्र के बहादुर सैनिकों के साथ एक महीने तक संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास किया । यह संयुक्त प्रशिक्षणअभ्यास 18 नवम्बर 2019 से 14 दिसम्बर 2019 तक चलेगा । जिसके तहत
इन्हें आतंकवाद से निपटने के लिए कई प्रेक्टिकल अभ्यास कराये गए ।आपरेशन के टैक्टिकल विषयों के अलावां उन्हें व्यक्तिगत स्वक्षता, प्राथमिकचिकित्सा के सिद्धांत, शारीरिक प्रशिक्षण और खेल-कूद के बारे में प्रशिक्षणदिया गया।
अफगानिस्तान और भारत के मध्य ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि सेबहुत ही मधुर सम्बन्ध रहे है। भारत हमेशा से ही अपने पड़ोसी देशअफगानिस्तान के बुनियादी ढांचे, शिक्षा, स्वास्थ्य और रक्षा जैसे क्षेत्रों मेंसहायता प्रदान करता रहा है । साँची , राहतगढ़ और डॉ. हरी सिंह गौर विश्वविद्यालय जैसे विभिन्न
ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थानों पर प्रत्येक सप्ताह के अंत में यात्रा कार्यक्रम के माध्यम से उन्हें भारत की समृद्ध संस्कृति और इतिहास की झलक दिखानेका प्रयास किया गया । इसी कड़ी में जॉइंट ट्रेनिंग के सफल समापन केअवसर पर महार रेजिमेंट केन्द्र की तरफ से अफ़गान सैनिकों को मध्य प्रदेशके संस्कृति से रूबरू कराने के लिए बधाई नौरता और बरेदी जैसे सांस्कृतिकलोकनृत्यों का आयोजन भी किया गया । सफल संयुक्त प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरांत अपने स्वदेश वापस लौटे । 

बीना-गुना के बीच निर्माण कार्य,छह ट्रेन एक महीने के लिए प्रभावित,पैसेंजर ट्रेन रद्द

बीना-गुना के बीच निर्माण कार्य,छह ट्रेन एक महीने के लिए प्रभावित,पैसेंजर ट्रेन रद्द
भोपाल। पश्चिम मध्य रेल भोपाल मंडल के बीना-गुना रेल खण्ड पर अधोसंरचना का विकास एवं अनुरक्षण का  कार्य किये जाने के परिणामस्वरूप इस खण्ड पर चलने वाली निम्नलिखित गाड़ियां प्रभावित रहेंगी।
1- गाड़ी संख्या-51607/51608 बीना-गुना-बीना पैसेंजर दिनांक 14.12.2019 से 13.01.2020 तक निरस्त रहेगी।

2- गाड़ी संख्या-51884/51883 ग्वालियर-बीना-ग्वालियर पैसेंजर दिनांक- 14.12.2019 से 13.01.2020 तक ग्वालियर-गुना-ग्वालियर के मध्य चलेगी एवं गुना-बीना-गुना के मध्य आंशिक निरस्त रहेगी। इसी प्रकार गाड़ी संख्या- 12198/12197 ग्वालियर-भोपाल-ग्वालियर इंटरसिटी  एक्सप्रेस दिनांक- 14.12.2019 से 13.01.2020 तक ग्वालियर-गुना-ग्वालियर के मध्य चलेगी एवं गुना-भोपाल-गुना के मध्य आंशिक निरस्त रहेगी।

3- गाड़ी संख्या- 59342 बीना-नागदा पैसेंजर दनांक-14.12.2019 से 13.01.2020 तक अपने निर्धारित समय 04.00 बजे से 01.30 घंटा Re-Schedule (पुनर्निर्धारित) होकर बीना स्टेशन से 05.30 बजे गंतव्य के लिए प्रस्थान करेगी।

              

पिंक सिटी जयपुर की तर्ज पर राम राजा की नगरी ओरछा को 'क्रीम सिटी' बनेगी

पिंक सिटी जयपुर की तर्ज पर  राम राजा की नगरी ओरछा को 'क्रीम सिटी' बनेगी
भोपाल/ओरक्षा।ओरछा महोत्सव से पहले राम राजा की ये नगरी नये रंग में रंगी नज़र आ सकती है. सरकार इसे न्यू लुक दे रही है. मार्च में ये महोत्सव होगा. उससे पहले इस धार्मिक नगरी को नया कलेवर देने की तैयारी है. नमस्ते ओरछा नाम से हो रहे इस महोत्सव का प्रचार विदेश तक में किया जाएगा ताकि वहां से भी सैलानी यहां आएं।
ओरछा में 6 से 8 मार्च तक नमस्ते ओरछा महोत्सव पहली बार होने जा रहा है.मुख्य सचिव एस आर मोहंती का कहना है इसके पीछे मकसद यही है कि ओरछा की खूबसूरती और हेरिटेज सिटी के बारे में लोग ज़्यादा से ज़्यादा जान सकें. धार्मिक नगरी के चलते यहां धार्मिक पर्यटन को तो बढ़ावा दिया ही जाएगा, अब साथ ही फिल्म शूटिंग और वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में भी विकसित करने का प्लान है। नगरीय प्रशाशन विभाग के मुख्य सचिव संजय दुबे और कमिश्नर आनंद शर्मा ने कल गरुवार को ओरक्षा में बैठक ली और प्रमुख क्षेत्रो का जायजा लेकर जरूरी निःर्देश दिये।
 ओरछा विश्व पर्यटन का उभरता हुआ धार्मिक स्थल
 देश की राजधानी से महज 5 घंटे की दूरी पर ओरछा एक ऐसा पर्यटन स्थल है जिसे राष्ट्रीय पर्यटन अवॉर्ड में बेस्ट हेरिटेज सिटी का खिताब मिला है। अब मप्र पर्यटन विभाग ओरछा के माध्यम से एमपी टूरिज्म को प्रमोट करने व खासतौर पर दिल्ली-एनसीआर के भारतीय पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए मार्च 2020 में कल्चरल फेस्टिवल 'नमस्ते ओरछा' का आयोजन करने जा रहा है, जोकि 6 से 8 मार्च तक चलेगा। मुख्य सचिव एसआर मोहंती, प्रमुख सचिव संस्कृति पंकज राग और सचिव पर्यटन फैज अहमद किदवई ने बुधवार को मिंटो हॉल में आयोजित एक प्रेस वार्ता में यह जानकारी दी।
गोल्डन ट्रायएंगल में शामिल होगा ओरछा
मोहंती ने बताया कि ओरछा पहले ही यूनेस्को वल्र्ड हेरिटेज साइट्स की सूची में है। भारत आने वाले पर्यटकों के लिए टूर ऑपरेटर्स द्वारा अभी तक गोल्डन ट्रायएंगल (दिल्ली-जयपुर-आगरा) पैकेज ऑफर किया जाता है। इस गोल्डन ट्रायएंगल में ओरछा को जोड़ कर इसे गोल्डन क्वाड्रीलैटरल (चतुर्भुज) में तब्दील किया जा रहा है।
प्रभू श्री राम राजा सरकार की नगरी ओरछा
भारत के इतिहास में झांसी के पास स्थित ओरछा का एक अपना महत्व है। इससे जुड़ी तमाम कहानियां और किस्से पिछली कई दशकों से लोगों की जुबान पर हैं।
कुछ लोग कहते हैं कि सबसे पहले लोगों ने बुंदेलखंड में रहना शुरू किया था। यही वजह है कि इस इलाके के हर गांव और शहर के पास सुनाने को कई कहानियां हैं। बुंदेलखंड की दो खूबसूरत और दिलचस्प जगहें हैं ओरछा और दातिया । भले ही दोनों जगहों में कुछ किलोमीटर का फासला हो, लेकिन इतिहास के धागों से ये दोनों जगहें बेहद मजबूती से जुड़ी हुई हैं। ओरछा झांसी से लगभग आधे घंटे की दूरी पर स्थित है।
रामराजा मन्दिर
भगवान श्रीराम का ओरछा में ४०० वर्ष पूर्व राज्याभिषेक हुआ था और उसके बाद से आज तक यहां भगवान श्रीराम को राजा के रुप में पूजा जाता है। यह पूरी दुनिया का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां भगवान राम को राजा के रूप में पूजा जाता है।
रामराजा के अयोध्या से ओरछा आने की एक मनोहारी कथा है।
एक दिन ओरछा नरेश मधुकरशाह ने अपनी पत्नी गणेशकुंवरि से कृष्ण उपासना के इरादे से वृंदावन चलने को कहा। लेकिन रानी राम भक्त थीं। उन्होंने वृंदावन जाने से मना कर दिया। क्रोध में आकर राजा ने उनसे यह कहा कि तुम इतनी राम भक्त हो तो जाकर अपनेराम को ओरछा ले आओ। रानी ने अयोध्या पहुंचकर सरयू नदी के किनारे लक्ष्मण किले के पास अपनी कुटी बनाकर साधना आरंभ की। इन्हीं दिनों संत शिरोमणि तुलसीदास भी अयोध्या में साधना रत थे। संत से आशीर्वाद पाकर रानी की आराधना दृढ से दृढतर होती गई। लेकिन रानी को कई महीनों तक रामराजा के दर्शन नहीं हुए। अंतत: वह निराश होकर अपने प्राण त्यागने सरयू की मझधार में कूद पडी। यहीं जल की अतल गहराइयों में उन्हें रामराजा के दर्शन हुए। रानी ने उन्हें अपना मंतव्य बताया। रामराजा ने ओरछा चलना स्वीकार किया किन्तु उन्होंने तीन शतर्ें रखीं- पहली, यह यात्रा पैदल होगी, दूसरी- यात्रा केवल पुष्प नक्षत्र में होगी, तीसरी- रामराजा की मूर्ति जिस जगह रखी जाएगी वहां से पुन: नहीं उठेगी।
रानी ने राजा को संदेश भेजा कि वो रामराजा को लेकर ओरछा आ रहीं हैं। राजा मधुकरशाह ने रामराजा के विग्रह को स्थापित करने के लिए करोडों की लागत से चतुर्भुज मंदिर का निर्माण कराया। जब रानी ओरछा पहुंची तो उन्होंने यह मूर्ति अपने महल में रख दी। यह निश्चित हुआ कि शुभ मुर्हूत में मूर्ति को चतुर्भुज मंदिर में रखकर इसकी प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। लेकिन राम के इस विग्रह ने चतुर्भुज जाने से मना कर दिया। कहते हैं कि राम यहां बाल रूप में आए और अपनी मां का महल छोडकर वो मंदिर में कैसे जा सकते थे। राम आज भी इसी महल में विराजमान हैं और उनके लिए बना करोडों का चतुर्भुज मंदिर आज भी वीरान पडा है। यह मंदिर आज भी मूर्ति विहीन है।
यह भी एक संयोग है कि जिस संवत 1631 को रामराजा का ओरछा में आगमन हुआ, उसी दिन रामचरित मानस का लेखन भी पूर्ण हुआ। जो मूर्ति ओरछा में विद्यमान है उसके बारे में बताया जाता है कि जब राम वनवास जा रहे थे तो उन्होंने अपनी एक बाल मूर्ति मां कौशल्या को दी थी। मां कौशल्या उसी को बाल भोग लगाया करती थीं। जब राम अयोध्या लौटे तो कौशल्या ने यह मूर्ति सरयू नदी में विसर्जित कर दी। यही मूर्ति गणेशकुंवरि को सरयू की मझधार में मिली थी। यह विश्व का अकेला मंदिर है जहां राम की पूजा राजा के रूप में होती है और उन्हें सूर्योदय के पूर्व और सूर्यास्त के पश्चात सलामी दी जाती है। यहां राम ओरछाधीश के रूप में मान्य हैं। रामराजा मंदिर के चारों तरफ हनुमान जी के मंदिर हैं। छडदारी हनुमान, बजरिया के हनुमान, लंका हनुमान के मंदिर एक सुरक्षा चक्र के रूप में चारों तरफ हैं। ओरछा की अन्य बहुमूल्य धरोहरों में लक्ष्मी मंदिर, पंचमुखी महादेव, राधिका बिहारी मंदिर , राजामहल, रायप्रवीण महल, हरदौल की बैठक, हरदौल की समाधि, जहांगीर महल और उसकी चित्रकारी प्रमुख है। ओरछा झांसी से मात्र 15 किमी. की दूरी पर है। झांसी देश की प्रमुख रेलवे लाइनों से जुडा है। पर्यटकों के लिए झांसी और ओरछा में शानदार आवासगृह बने हैं।
इतिहास
इसका इतिहास 15वीं शताब्दी से शुरू होता है, जब इसकी स्थापना रुद्र प्रताप सिंह जू बुन्देला ने की थी जो सिकन्दर लोदी से भी लड़ा था इस जगह की पहली और सबसे रोचक कहानी एक मंदिर की है। दरअसल, यह मंदिर भगवान राम की मूर्ति के लिए बनवाया गया था, लेकिन मूर्ति स्थापना के वक्त यह अपने स्थान से हिली नहीं। इस मूर्ति को मधुकर शाह बुन्देला के राज्यकाल (1554-92) के दौरान उनकी रानी गनेश कुवर अयोध्या से लाई थीं। रानी गनेश कुंवर वर्तमान ग्वालियर जिले के करहिया गांव की परमार राजपूत थीं। चतुर्भुज मंदिर बनने से पहले रानी पुख्य नक्षत्र में अयोध्या से पैदल चल कर बाल स्वरूप भगवान राम(राम लला)को ओरछा लाईं परंतु रात्रि हो जाने के कारण भगवान राम को कुछ समय के लिए महल के भोजन कक्ष में स्थापित किया गया। लेकिन मंदिर बनने के बाद कोई भी मूर्ति को उसके स्थान से हिला नहीं पाया। इसे ईश्वर का चमत्कार मानते हुए महल को ही मंदिर का रूप दे दिया गया और इसका नाम रखा गया राम राजा मंदिर। आज इस महल के चारों ओर शहर बसा है और राम नवमी पर यहां हजारों श्रद्धालु इकट्ठा होते हैं। वैसे, भगवान राम को यहां भगवान मानने के साथ यहां का राजा भी माना जाता है, क्योंकि उस मूर्ति का चेहरा मंदिर की ओर न होकर महल की ओर है।आज भी भगवान राम को राजा के रूप में(राम राजा सरकार) ओरछा के इस मंदिर में पूजा जाता है और उन्हें गार्डों की सलामी देते हैं।मंदिर में चमड़े से बनी वस्तुओं का प्रवेश निषिद्ध हैं। मंदिर_व_आस_पास
मंदिर के पास एक बगान है जिसमें स्थित काफी ऊंचे दो मीनार (वायू यंत्र) लोगों के आकर्षण का केन्द्र हैं। जि्न्हें सावन भादों कहा जाता है कि इनके नीचे बनी सुरंगों को शाही परिवार अपने आने-जाने के रास्ते के तौर पर इस्तेमाल करता था। इन स्तंभों के बारे में एक किंवदंती प्रचलित है कि वर्षा ऋतु में हिंदु कलेंडर के अनुसार सावन के महीने के खत्म होने और भादों मास के शुभारंभ के समय ये दोनों स्तंभ आपस में जुड़ जाते थे। हालांकि इसके बारे में पुख्ता सबूत नहीं हैं। इन मीनारों के नीचे जाने के रास्ते बंद कर दिये गये हैं एवं अनुसंधान का कोई रास्ता नहीं है।
इन मंदिरों को दशकों पुराने पुल से पार कर शहर के बाहरी इलाके में 'रॉयल एंक्लेव' (राजनिवास्) है। यहां चार महल, जहांगीर महल, राज महल, शीश महल और इनसे कुछ दूरी पर बना राय परवीन महल हैं। इनमें से जहांगीर महल के किस्से सबसे ज्यादा मशहूर हैं, जो मुगल बुंदेला दोस्ती का प्रतीक है। कहा जाता है कि बादशाह अकबर ने अबुल फज़ल को शहजादे सलीम (जहांगीर) को काबू करने के लिए भेजा था, लेकिन सलीम ने बीर सिंह की मदद से उसका कत्ल करवा दिया। इससे खुश होकर सलीम ने ओरछा की कमान बीर सिंह को सौंप दी थी। वैसे, ये महल बुंदेलाओं की वास्तुशिल्प के प्रमाण हैं। खुले गलियारे, पत्थरों वाली जाली का काम, जानवरों की मूर्तियां, बेलबूटे जैसी तमाम बुंदेला वास्तुशिल्प की विशेषताएं यहां साफ देखी जा सकती हैं।
अब बेहद शांत दिखने वाले ये महल अपने जमाने में ऐसे नहीं थे। यहां रोजाना होने वाली नई हलचल से उपजी कहानियां आज भी लोगों की जुबान पर हैं। इन्हीं में से एक है हरदौल की कहानी, जो जुझार सिंह (1627-34) के राज्य काल की है। दरअसल, मुगल जासूसों की साजिशभरी कथाओं के कारण् इस राजा का शक हो गया था कि उसकी रानी से उसके भाई हरदौल के साथ संबंध हैं। लिहाजा उसने रानी से हरदौल को ज़हर देने को कहा। रानी के ऐसा न कर पाने पर खुद को निर्दोष साबित करने के लिए हरदौल ने खुद ही जहर पी लिया और त्याग की नई मिसाल कायम की।
बुंदेलाओं का राजकाल 1783 में खत्म होने के साथ ही ओरछा भी गुमनामी के घने जंगलों में खो गया और फिर यह स्वतंत्रता संग्राम के समय सुर्खियों में आया। दरअसल, स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आजाद यहां के एक गांव में आकर छिपे थे। आज उनके ठहरने की जगह पर एक स्मृति चिन्ह भी बना है।
ओरक्षा के आकर्षण
जहांगीर महल 
बुन्देलों और मुगल शासक जहांगीर की दोस्ती की यह निशानी ओरछा का मुख्य आकर्षण है। महल के प्रवेश द्वार पर दो झुके हुए हाथी बने हुए हैं। तीन मंजिला यह महल जहांगीर के स्वागत में राजा बीरसिंह देव ने बनवाया था। वास्तुकारी की दृष्टि से यह अपने जमाने का उत्कृष्ट उदाहरण है।
राजमहल 
यह महल ओरछा के सबसे प्राचीन स्मारकों में एक है। इसका निर्माण मधुकर शाह ने 17 वीं शताब्दी में करवाया था। राजा बीरसिंह देव उन्हीं के उत्तराधिकारी थे। यह महल छतरियों और बेहतरीन आंतरिक भित्तिचित्रों के लिए प्रसिद्ध है। महल में धर्म ग्रन्थों से जुड़ी तस्वीरें भी देखी जा सकती हैं।
राय प्रवीन महल
यह महल राजा इन्द्रमणि की खूबसूरत गणिका प्रवीणराय की याद में बनवाया गया था। वह एक कवयित्री और संगीतकारा थीं। मुगल सम्राट अकबर को जब उनकी सुंदरता के बार पता चला तो उन्हें दिल्ली लाने का आदेश दिया गया। इन्द्रमणि के प्रति प्रवीन के सच्चे प्रेम को देखकर अकबर ने उन्हें वापस ओरछा भेज दिया। यह दो मंजिला महल प्राकृतिक बगीचों और पेड़-पौधों से घिरा है। राय प्रवीन महल में एक लघु हाल और चेम्बर है।
लक्ष्मीनारायण_मंदिर
यह मंदिर 1622 ई. में बीरसिंह देव द्वारा बनवाया गया था। मंदिर ओरछा गांव के पश्चिम में एक पहाड़ी पर बना है। मंदिर में सत्रहवीं और उन्नीसवीं शताब्दी के चित्र बने हुए हैं। चित्रों के चटकीले रंग इतने जीवंत लगते हैं जसे वह हाल ही में बने हों। मंदिर में झांसी की लड़ाई के दृश्य और भगवान कृष्ण की आकृतियां बनी हुई हैं।
चतुर्भुज मंदिर
राज महल के समीप स्थित चतुभरुज मंदिर ओरछा का मुख्य आकर्षण है। यह मंदिर चार भुजाधारी भगवान विष्णु को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण 1558 से 1573 के बीच राजा मधुकर ने करवाया था। अपने समय की यह उत्कृष्ठ रचना यूरोपीय कैथोड्रल से समान है। मंदिर में प्रार्थना के लिए विस्तृत हॉल है जहां कृष्ण भक्त एकत्रित होते हैं। ओरछा में यह स्थान भ्रमण के लिए बहुत श्रेष्ठ है..!
फूलबाग 
बुन्देला राजाओं द्वारा बनवाया गया यह फूलों का बगीचा चारों ओर से दीवारों से घिरा है। पालकी महल के निकट स्थित यह बाग बुन्देल राजाओं का आरामगाह था। वर्तमान में यह पिकनिक स्थल के रूप में जाना जाता है। फूलबाग में एक भूमिगत महल और आठ स्तम्भों वाला मंडप है। यहां के चंदन कटोर से गिरता पानी झरने के समान प्रतीत होता है।
सुन्दर_महल 
इस महल को राजा जुझार सिंह के पुत्र धुरभजन के बनवाया था। राजकुमार धुरभजन को एक मुस्लिम लड़की से प्रेम था। उन्होंने उससे विवाह कर इस्लाम धर्म अंगीकार कर लिया। धीर-धीर उन्होंने शाही जीवन त्याग दिया और स्वयं को ध्यान और भक्ति में लीन कर लिया। विवाह के बाद उन्होंने सुन्दर महल त्याग दिया। धुरभजन की मृत्यु के बाद उन्हें संत से रूप में जाना गया। वर्तमान में यह महल काफी क्षतिग्रस्त हो चुका है।

कक्षा10वीं -12वीं परीक्षा 2020 का टाइम टेबल जारी किया माध्यमिक शिक्षा मंडल ने

कक्षा 10वीं -12वीं परीक्षा 2020 का टाइम टेबल जारी किया माध्यमिक शिक्षा मंडल ने 
भोपाल।  माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल  ने कक्षा दसवीं और बारहवीं बोर्ड परीक्षा 2020 के टाइम टेबल घोषित कर दिया है। कक्षा दसवीं की परीक्षा 3 मार्च से और बारहवीं की परीक्षा 2 मार्च से शुरू होगी। दोनों ही परीक्षाओं का परीक्षा समय एक ही सुबह 9 बजे से 12 बजे रखा गया हैं।
हायर सेकंडरी परीक्षा 2020 का टाइम टेबल
2 मार्च को विशिष्ट भाषा हिंदी ,3 मार्च को विशिष्ट भाषा संस्कृत ,4 मार्च को विशिष्ट भाषा अंग्रेजी ,5 मार्च को संगीत ,9 मार्च को इन्फॉरमेटिक प्रैक्टिस ,13 मार्च को इतिहास, फिजिक्स, व्यवसाय अध्ययन ,17 मार्च को समाज शास्त्र, मनोविज्ञान, कृषि, होम साइंस, इनबायरमेंटल एजूकेशन, वीओपी, फाउंडेशन ,18 मार्च को ड्राइंग एंड डिजाइनिंग ,19 मार्च को विशिष्ट भाषा उर्दू ,20 मार्च को बायलॉजी ,21 मार्च को अर्थशास्त्र, व्होकेशनल कोर्स ,23 मार्च को हायर मेथमेटिक्स ,24 मार्च को बायोटेक्नालॉजी ,26 मार्च को राजनीति शास्त्र, एनिमल हस मस्लट्रेड, विज्ञान के तत्व, भारतीय कला का इतिहास, व्यवसायिक अर्थशास्त्र, द्वितीय प्रश्न पत्र वीओसी ,27 मार्च को शारीरिक शिक्षा 28 मार्च को भूगोल, केमेस्ट्रिी,क्रॉप प्रोडक्शन एंड हर्टिकल्चर,स्टिल लाइफ एंड डिजाइन, शरीर रचना क्रिया, तृतीय पत्र वीओसी, 30 मार्च को नेशनल स्किल्स क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क के समस्त विषय, 31 मार्च को बुक कीपिंग एंड एकांटेंसी
परीक्षा समय- सुबह 9 से 12
हाईस्कूल परीक्षा 2020 का टाइम टेबल
3 मार्च को द्वितीय व तृतीय भाषा, सस्कृत ,5 मार्च को नेशनल स्किल्स क्वालीफिकेशन फ्रेमवर्क के समस्त विषय, 7 मार्च को सामाजिक विज्ञान ,9 मार्च को तृतीय भाषा सामान्य उर्दू, मराठी, गुजराती, पंजाबी, सिंधी ,12 मार्च को गणित ,16 मार्च को विज्ञान ,19 मार्च को द्वितीय व तृतीय भाषा सामान्य अंग्रेजी ,23 मार्च को विशिष्ट भाषा हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, उर्दू ,27 मार्च को द्वितीय व तृतीय भाषा हिंदी
परीक्षा समय- सुबह 9 से 12

सिंगल यूज पाॅलीथीन का उपयोग/खुले में कचरा फेकने वाले 48 दुकानदारों पर 17 हजार से अधिक का जुर्माना

सिंगल यूज पाॅलीथीन का उपयोग/खुले में कचरा फेकने वाले 48 दुकानदारों पर 17 हजार से अधिक का जुर्माना
सागर। नगर निगम आयुक्त आर.पी.अहिरवार के निर्देषानुसार सिंगल यूज पाॅलीथीनका उपयोग करने मुख्य मार्गो पर गंदगी फैलाने, दुकानों के सामने डस्टबिन न रखने वाले एवं सड़क पर मलवा एवं भवन सामग्री रखने वालों के विरूद्व   उपायुक्त डाॅ.प्रणय कमल खरे एवं नगर निगम की टीम द्वारा स्पाॅट फाईन की कार्यवाही की गई।
इस दौरान तिलकगंज वार्ड स्थित सब्जी मंडी, तिली, शिवाजीनगर, लाजपतपुरा, भगतसिंह एवं बल्लभनगर वार्ड में नगर निगम की टीम ने भ्रमण किया एवं समझाईस देने के बाद भी गंदगी फैलाने वाले, डस्टबिन न रखने वाले दुकानदारों एवं सड़क पर मलवा एवं भवन सामग्री रखने वाले विभिन्न व्यवसायिक क्षेत्रों के 48 दुकानदारों के विरूद्व 17 हजार 1 सौ 17 रूपये का का जुर्माना किया गया।
नगर निगम आयुक्त  आर.पी.अहिरवार ने बताया कि  ने कहा कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 के अंतर्गत नगर निगम के अधिकारियों द्वारा प्रतिदिन वार्डो का भ्रमण कर लोगों को अपने वार्ड, अपनी गली को स्वच्छ बनाने, मुख्य मार्गो पर गंदगी न फेंकने, सडक पर मलवा व भवन सामग्री न रखने एवं घरो से निकलने वाले सूखे एवे गीले कचरे को अलग-अलग डस्टबिन में रखकर कचरा गाड़ी को देने के लिये समझाईस दी जा रही है इसके साथ ही दुकानदारें लगातार सिंगल यूज पाॅलीथीन का उपयोग न करने के लिये भी प्रेरित किया जा रहा है। इसके बाबजूद भी व्यवसायिक क्षेत्रों में कई दुकानदार सिंगलू यूज पाॅलीथीन का उपयोगर कर रहे है जबकि शासन द्वारा सिंगल यूज पाॅलीथीन को प्रतिबंधित किया गया है। इसलिये नगर निगम की टीम द्वारा निरीक्षण के दौरान सिंगल यूज पाॅलीथीन का उपयोग करने वाले कई दुकानदारों के विरूद्व स्पाट फाईन की कार्यवाही की जा रही है यह कार्यवाही निरंतर जारी रहेगी। उन्होने नागरिकों से अनुरोध किया है कि सिंगल यूज पाॅलीथीन का उपयोग न करें एवं स्वच्छता सर्वेक्षण में सहभागी बने और नगर निगम का सहयोग कर अपने घर के आसपास गंदगी एकत्रित न होने दें दुकानदार मुख्य मार्गो पर कचरा न फेंके उसे डस्टबिन में एकत्रित कर रखकर कचरा गाड़ी को दें, इसके साथ ही दूसरों को भी स्वच्छता के प्रति जागरूक करें।
कार्यवाही के दौरान सहायक आयुक्त ज्योतिसिंह, ओम मिश्रा, अतिक्रमण प्रभारी संजय सोनी, कुलदीप बाल्मीकि, रज्जन करोसिया, शशांक रावत, सहित नगर निगम के अधिकारी कर्मचारी उपिस्थत थे।

हीरा खदान नीलामी।कमलनाथ सरकार ने प्रदेश की संपदा का मोल बढ़ाया-भूपेन्द्र गुप्ता

हीरा खदान नीलामी।कमलनाथ सरकार ने प्रदेश की संपदा का मोल बढ़ाया-भूपेन्द्र गुप्ता

भोपाल।मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ जी की नीतियों से मध्य प्रदेश की श्री संपदा में तेजी से वृद्धि हो रही है।
 गुप्ता ने बताया कि विगत कई वर्षों से हीरे के उत्खनन में मध्यप्रदेश को 60-65करोड़  का ही राजस्व प्राप्त होता था किंतु कमलनाथ जी की दूरगामी नीतियों का ही परिणाम है कि ताजा नीलामी के बाद इसी हीरे से मध्य प्रदेश को लगभग 1200 सौ करोड़ रुपए के राजस्व की अपेक्षा की जा रही है जो कि 2014-15 में मात्र 61 करोड़ था उन्होंने बताया कि इसी तरह रेत के जिस व्यवसाय पर बड़े माफिया का कब्जा था और उनके फायदे के लिए विगत सरकार ने 300 करोड़ की पेनाल्टी छोड़ दी थी आज उन्हीं रेत खदानों से प्रदेश को लगभग 5 गुना राजस्व की प्राप्ति होने जा रही है कमलनाथ जी के प्रयासों से प्रदेश में निवेश की आशातीत संभावनाएं परिणामों में सामने आने लगी हैं ।
सीमेंट उद्योग,फूड प्रोसेसिंग तथा खेल के क्षेत्र में निवेश प्रत्यक्ष होने लगा है।एक साल में ही मध्य प्रदेश की उम्मीदें  रंग लाने लगीं हैं।
 गुप्ता ने कहा कि एक तरफ केंद्र सरकार मध्यप्रदेश के हक का पैसा रोककर जनकल्याण में बाधायें खड़ी कर रही है वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री कमलनाथ राजस्व के नये नये क्षेत्र ढूंढ़कर अपनी दक्षता से प्रदेश में आशाओं का वातावरण बना रहे हैं।सस्ती बिजली के क्रियान्वयन से बौखलाया विपक्ष मासूम बुजुर्गों के गले में नकली बिजली बिलों की मालायें डालकर अपनी हताशा का प्रदर्शन कर रहा है।

बेटिबचाओ,बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम,छात्राओं के स्वास्थ्य की हुई जांच

बेटिबचाओ,बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम,छात्राओं के स्वास्थ्य की हुई जांच 
सागर ।  महिला एवं बाल विकास परियोजना सागर शहरी क्रं.1 द्वारा मोराजी स्कूल के पास महिला विद्यालय में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम आयोजित किया गया। लालिमा योजना अंतर्गत स्वास्थ्य षिविर एवं पास्को एक्ट कार्यषाला का भी आयोजन किया गया। जिसमें महिला विद्यालय की 200 छात्राये सम्मिलित हुई।
उक्त कार्यक्रम में छात्राओं की स्वास्थ्य जॉच, हीमोग्लोबिन जॉच, कर मास्टर हेल्दी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमे बालिकाओ को पुरूस्कार भी वितरण किये गये। उक्त कार्यक्रम में जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री भरत सिंह राजपूत, परियोजना अधिकारी सोनम नामदेव, परियोजना अधिकारी विजय जैन, पर्यवेक्षक रजनी बारोलिया, वीणा स्थापक, शषि साहू, सुधीरा श्रीवास्तव, एवं महिला विद्यालय की प्राचार्य श्रीमति नीरजा दुबे उपस्थित थे।

दो बाल विवाह रुकवाए, प्रशासन की समझाईश मानी

दो बाल विवाह रुकवाए, प्रशासन की समझाईश मानी
सागर।बाल विकास परियोजना रहली अंतर्गत टिकीटोरिया मंदिर परिसर में जिला कार्यालय से सूचना मिलने पर महिला बाल विकास विभाग की टीम मौके पर पहुंची मौके पर विशेष पुलिस इकाई, चाइल्ड हेल्पलाइन के साथ मिलकर  दो बाल विवाह रुकवाये गए।
हेमलता पटेल पुत्री भरत पटेल करेली निवासी का विवाह गुंजोरा निवासी से तथा स्वाति लोधी पिता राकेश लोधी निवासी भेड़ाघाट का विवाह आपचंद्र गढ़ाकोटा निवासी लड़के से हो रहा था मौके पर जाकर महिला बाल विकास के अमले ने दोनों पक्षों को समझाइश दी बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के बारे में विस्तारित जानकारी दी गई फल स्वरुप दोनों पक्षों में समझौता होने के पश्चात उपस्थित सभी जनों ने बाल विवाह न करने की शपथ ली । मौके पर      पुलिस की तरफ से ज्योति तिवारी, महिला बाल विकास पर्यवेक्षक ममता खटीक बलवती लोधी सत्यवती दुबे व संयुक्त टीम ने मिलकर नवालिग बेटियों का बाल विवाह रुकवाया गया।

यूरिया को लेकर पिता ने बेटे की चाकू मारकर की हत्या,खाद लेने कतार में खड़ा था बेटा

यूरिया को लेकर पिता ने बेटे की चाकू मारकर की हत्या,खाद लेने कतार में खड़ा था बेटा

सीहोर।सीहोर जिले के  अहमदपुर थाना क्षेत्र के चरनाल गांव की सोसायटी में खाद लेने के लिए लाइन में खड़े पुत्र की पिता ने चाकू से गोदकर हत्या कर दी। बताया जाता है कि पुत्र अपने पिता की बही से खाद लेने आया था।जो पिता को नागवार गुजरा और उसने पुत्र की चाकू मारकर हत्या कर दी। हालांकि पुलिस का कहना है कि पिता-पुत्र नशे में थे और कि सी बात को लेकर उनमें विवाद हो गया था। इसके बाद पिता ने पुत्र को चाकू मार दिया। पुलिस ने आरोपित पिता को गिरफ्तार कर लिया है।बताया जाता है पितापुत्र के बीच जमीन के हिस्सा बांट को लेकर विवाद होता था। पितां अपने बेटे की नशे की आदतों के  कारण परेशान था।

पुलिस के अनुसार अहमदपुर थाना क्षेत्र के ग्राम भेरूपुरा निवासी 31 वर्षीय ओमप्रकाश पिता देवीलाल मीणा बुधवार की शाम करीब चार बजे चरनाल सोसायटी में खाद लेने के लिए कतार में खड़ा था। बताया जाता है कि उसने खाद की बोरी खरीद भी ले ली थी, तभी उसका पिता देवीलाल मीणा वहां पहुंचा और उससे बोला कि तूने मेरी बही से खाद क्यों ली। इसके बाद उसने अपने हाथ में रखे छोटे चाकू से उसके सीने पर वार कर दिया।
वहीं थाना प्रभारी प्रभात गौड़ ने खाद को लेकर हुए विवाद में हत्या की बात से इनकार किया है. उनका कहना है कि नशे में ओमप्रकाश द्वारा पिता देवीलाल पर हाथ उठाने की घटना के बाद यह वारदात हुई है. जबकि प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो ओमप्रकाश ने खाद खरीद ली थी, जो देर शाम तक सोसायटी के सामने पड़ी थी।

यूरिया को लेकर पिता ने बेटे की चाकू मारकर की हत्या,खाद लेने कतार में खड़ा था बेटा

यूरिया को लेकर पिता ने बेटे की चाकू मारकर की हत्या,खाद लेने कतार में खड़ा था बेटा
सीहोर।सीहोर जिले के  अहमदपुर थाना क्षेत्र के चरनाल गांव की सोसायटी में खाद लेने के लिए लाइन में खड़े पुत्र की पिता ने चाकू से गोदकर हत्या कर दी। बताया जाता है कि पुत्र अपने पिता की बही से खाद लेने आया था।जो पिता को नागवार गुजरा और उसने पुत्र की चाकू मारकर हत्या कर दी। हालांकि पुलिस का कहना है कि पिता-पुत्र नशे में थे और कि सी बात को लेकर उनमें विवाद हो गया था। इसके बाद पिता ने पुत्र को चाकू मार दिया। पुलिस ने आरोपित पिता को गिरफ्तार कर लिया है।बताया जाता है पितापुत्र के बीच जमीन के हिस्सा बांट को लेकर विवाद होता था। पितां अपने बेटे की नशे की आदतों के  कारण परेशान था।
पुलिस के अनुसार अहमदपुर थाना क्षेत्र के ग्राम भेरूपुरा निवासी 31 वर्षीय ओमप्रकाश पिता देवीलाल मीणा बुधवार की शाम करीब चार बजे चरनाल सोसायटी में खाद लेने के लिए कतार में खड़ा था। बताया जाता है कि उसने खाद की बोरी खरीद भी ले ली थी, तभी उसका पिता देवीलाल मीणा वहां पहुंचा और उससे बोला कि तूने मेरी बही से खाद क्यों ली। इसके बाद उसने अपने हाथ में रखे छोटे चाकू से उसके सीने पर वार कर दिया।
वहीं थाना प्रभारी प्रभात गौड़ ने खाद को लेकर हुए विवाद में हत्या की बात से इनकार किया है. उनका कहना है कि नशे में ओमप्रकाश द्वारा पिता देवीलाल पर हाथ उठाने की घटना के बाद यह वारदात हुई है. जबकि प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो ओमप्रकाश ने खाद खरीद ली थी, जो देर शाम तक सोसायटी के सामने पड़ी थी।

अवैध रेत उत्खनन,खेतो में से ट्रेक्टर निकलने से किसान परेशान,खनिज विभाग ने जब्त की पोकलेन/जेसीबी मशीन

अवैध रेत उत्खनन,खेतो में से ट्रेक्टर निकलने से किसान परेशान,खनिज विभाग ने  जब्त की पोकलेन/जेसीबी मशीन
सागर।  सागर जिले के  बीना में नदी से अवैध उत्खनन जारी है । इस उत्खनन से किसान भी परेशान है। उनके खेतो में से रेत से भरे ट्रेक्टर ट्राली निकलती है जिससे फसलों को नुकसान भी हो रहा है । बीना क्षेत्र में दर्जनों दफा कार्यवाहि होने के वावजूद माफिया सक्रिय है।
बीना के  लखाहर गांव मे  ऐसा ही हो रहा है ।  प्रशासन ने बेतबा से रेत केअबॆध खनन पर खनिज विभाग ने कार्रवाई की ओर पोकलीन व जेसीबी मशीन सहित रेत से भरे ट्रेक्टर ट्राली जप्त किये।बीना  के लखाहर गांव मे रेत माफिया के द्वारा अवेध खनन की शिकायत जब सीएम तक पहुंची तो कुंभ कर्णी नींद से जागकर खनिज विभाग के अधिकारी नदी पर पहुँचे।ऒर एक पोकलीन मशीन व जेसिबी जप्त कर चले गये।
 खनिज अधिकारी सागर आर के कैथल के अनुसार सूचना मिलने पर मशीनों की जब्ती की है । इनके खिलाफ कार्यवाही की जा रही है।
उधर  रेत माफिया छोटे छोटे किसानो के खेतो से रास्ता बनाकर उनकी फसलो कॊ चॊपट कर रहे।इस क्षेत्र के किसान बताते है कि  रेत माफिया द्वारा गोली मारकर  जान से मारने की धमकी देते है । इसलिते किसान रेत माफिया का नाम लेने से डरते है।

मप्र युवा कांग्रेस के महासचिव आशीष चौबे को को पुनः प्रदेश प्रवक्ता नियुक्त, सागर के हैं आशीष

 मप्र युवा कांग्रेस के महासचिव आशीष चौबे को को पुनः प्रदेश प्रवक्ता नियुक्त, सागर के हैं आशीष
सागर। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी व राष्ट्रीय युवा कांग्रेस के श्री निवास वी.व्ही. की मंशानुसार भारतीय राष्ट्रीय युवा कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ताओं के चयन हेतु प्रखर प्रवक्ताओं हेतु भारतीय राष्ट्रीय युवा कांग्रेस द्वारा वाद विवाद प्रतियोगिता व राष्ट्रीय युवा कांग्रेस के गु्रप, समूह डिस्कशन द्वारा प्रवक्ताओं की परीक्षा, वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस महासचिव व प्रवक्ता मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस श्री आशीष चोबे को पुनः मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस प्रवक्ता चयनित किया गया , यह प्रकिया 3 महीने से चल रही थी  अतः श्री चोबे 2017 से वर्तमान तक निरंतर प्रवक्ता मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस में सकुशल कार्यशैली को निर्वाहन करते हुए आए है । आशीष  चोबे सागर के मूल निवासी है। 

सीएमओ के साथ कर्मचारी और उसके बेटे ने की मारपीट, मामला दर्ज

सीएमओ के साथ कर्मचारी और उसके बेटे ने की  मारपीट, मामला दर्ज
सागर । सागर जिले के बण्डा में पेयजल संकट से निपटने के लिए नगरपालिका के सीएमओ को अपने ही अधीनस्थ  एक कर्मचारी के आक्रोश का शिकार होना पडा है ।आफिस से निकलकर पुलिस थाना और वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंच गई है ।घटना से नाराज अधिकारी कर्मचारियों ने न्याय नही मिलने तक हडताल पर जाने की घोषणा कर दी है ।सीएमओ संतोष सैनी द्वारा पुलिस थाना बंडा में पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई। आरोपी ने इसे झूठा बताया है।
सीएमओ के मुताबिक कार्यालय मे बैठकर कर्मचारियों की पेयजल व्यवस्था चुस्त दुरुस्त रखने के लिए कर्मचारियों की डयूटी लगा रहा थे ।  डयूटी लगाने के कारण विनिमित कर्मचारी हनुमत आठिया आफिस आये और अभ्रदता पूर्वक व्यवहार किया एवं उनके पुत्र राजेश आठिया द्वारा मेरे साथ चेमबर में घुसकर प्राणघातक हमला किया। वही नगर परिषद के कर्मचारियों ने एसडीएम कार्यालय पहुंचकर कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा । घटना से निकाय के कर्मचारियों में रोष व्याप्त है उक्त हमलों से अधिकारी कर्मचारी काफी डरे हुये है तथा उनका कार्य करने का मनोबल घटता जा रहा है समस्त कर्मचारियों ने घोर निंदा करते हुए दोषियों पर कडी कार्यवाही की मांग करते हुए कर्मचारियों को सुरक्षा प्रदान करने की मांग की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने एवं घटनाओं के विरोध में आज दिवस से निकाय के समस्त अधिकारी कर्मचारी सबंधित के विरुद्ध ठोस कार्यवाही होने तक समस्त कार्य बंद कर हडताल पर रहेगे। 
सीएमओ संतोष सैनी के साथ हुई घटना के सबंध में पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा डालने तोडफ़ोड़ करने आदि करने में धारा 353 186 332 427 का मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश जारी कर दी है।घटना के सबंध में स्थानीय जनप्रतिनिधियों अधिकारी कर्मचारियों एवं संघटनो ने भी निंदा की है। 
इनका कहना है।
किसी भी अधिकारी कर्मचारी के साथ अभ्रद व्यवहार कर मारपीट करना निंदनीय है। 
तरवरसिंह लोधी विधायक बंडा
नगर को पेयजल मुहैया कराने के लिए नगर परिषद काफी प्रयासरत है इसी के लिए परिषद एवं निकाय के अधिकारी कर्मचारी दिन रात मेहनत कर रहे है ऐसे समय विभाग के ही एक कर्मचारी का असहयोगात्मक रवैया अपनाकर अभ्रदता करना एवं परिवार के सदस्य द्वारा सीएमओ के साथ मारपीट कर आफिस में तोडफोड करना गलत है जिसकी मै एवं नगर परिषद के सदस्य घोर निंदा करते है। 
पूनमवैभवराज कुकरेले नगर परिषद अध्यक्ष बंडा 

वही घटना के लिए आरोपित राजेश आठिया का कहना है कि मुझे तथा मेरे पिता को झूठा फसाया जा रहा है सीसीटीवी के फुटेज निकालकर जांच की जाये।

NCC।स्वच्छता पखवाडे के तहत रैली का आयोजन

NCC।स्वच्छता पखवाडे  के तहत  रैली का आयोजन 
सागर ।NCC की  7 एम.पी. गर्ल्स बटालियन के निर्देशानुसार 1 दिसम्बर 2019 से 15 दिसम्बर 2019 तक स्वच्छता पखवाडे़ के अंतर्गत शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय सागर के प्राचार्य डॉ. जी.एस. रोहित एवं एन.सी.सी. प्रभारी डॉ. संगीता कुॅभारे के मार्गदर्शन में एन.सी.सी. गर्ल्स इकाई द्वारा स्वच्छता पखवाडे के तहत स्वच्छता जागरूकता रैली का आयोजन महाविद्यालय से तिली गांव तक किया गया ।जिसमें एन.सी.सी. गर्ल्स इकाई की छात्राओं ने भारत को कैसे खुले में शौचमुक्त एवं प्लास्टिक मुक्त कर सकते है और भारत को कैसे स्वच्छ एवं स्वस्थ बनाने की कल्पना को साकार कर सकते है। इसके संबंध में आस-पास के नागरिकों को एवं एन.सी.सी. कैडेट्स द्वारा रैली के माध्यम से जागरूक किया। इस कार्यक्रम उपस्थित श्री राहुल सिंह सी.ई.ओ. स्मार्ट सिटी सागर, 7 एम.पी. बटालियन से रानो सिंह, डॉ. मधु स्थापक, डॉ. इमराना सिद्दीकी, डॉ. सुभाष हर्डीकर, डॉ. अंकुर गौतम एवं लगभग गर्ल्स एन.सी.सी. की 90 कैडेट्स उपस्थित थे।

एन.सी.सी. कैडिट द्वारा हेण्ड बॉस डे मनाया एवं ओ.डीएफ
जागरूकता रैली का आयोजन
सागर ।जनता उमा विद्यालय, पुरव्याऊ टौरी, सागर में एन.सी.सी. केडिट एवं शास.उ.मा.विद्यालय मोराजी सागर के एन.सी.सी, केडिट द्वारा 3 एमपी सिंग्नल कंपनी एन.सी.सी. सागर के कमांडिंग ऑफीसर कर्नलजी.पी.सिंह के निर्देश पर "हेण्ड वॉस डे' का आयोजन शाला परिसर में किया। केडिट ने हाथ धुलाई काप्रदर्शन कर शाला के छात्र/छात्राओं को खाना खाने से पहले हाथ धोने का संदेश दिया । इसी के साथएक रैली निकालकर अपने शाला के आस-पास के रहवासियों को अपने क्षेत्र को "ओ.डी.एफ." रखने कासंदेश दिया। केडिट इस रैली को लेकर सागर झील के गंगा मंदिर घाट एवं संजय ड्राइव पर साफ-सफाई की, झील किनारे रहने वाले नागरिकों से झील में कूड़ा-कचरा न फेंकने का निवेदन किया। यह सभीकार्यक्रम एन.सी.सी. निर्देशालय के निर्देश पर स्वच्छता पखवाड़े के अंतर्गत आयोजित किये गये। कार्यक्रमोंका संचालन चीफ ऑफीसर एस.के सोनी एवं सेकेण्ड ऑफीसर संजय द्विवेदी, सीएचएम फरदरे व्ही.एम, एवं हवलदार शर्मा वेदप्रकाश द्वारा किया गया ।


‘‘टाइगर स्टेट‘‘ बनने के साथ सिंहों के स्वागत को भी तैयार मध्यप्रदेश

 ''टाइगर स्टेट'' बनने के साथ सिंहों के स्वागत को भी तैयार मध्यप्रदेश
सागर । मध्यप्रदेश ने पिछले एक साल में न केवल एक बार फिर देश में टाइगर स्टेट होने का गौरव प्राप्त किया है बल्कि वैश्विक जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग से निपटने के साथ वन-वन्य प्राणी संरक्षण और वनवासियों के उत्थान के सतत प्रयास भी शुरू कर दिये हैं। गुजरात के गिर में बचे हुए एशियाटिक लायन को विलुप्ति से बचाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा कूनो अभयारण्य में कुछ सिंहों की शिफ्टिंग के लिये भी राज्य सरकार लगातार सक्रिय है। प्रदेश में वनोपज का उत्पादन पिछले वर्ष से अधिक हुआ है। इस वर्ष 2.73 लाख घन मीटर इमारती लकड़ी, 1.62 लाख घन मीटर जलाऊ चट्टे और 34 हजार नोशनल टन बाँस का उत्पादन हुआ है, जो विगत वर्ष की तुलना में इमारती लकड़ी के लिये 56 प्रतिशत, जलाऊ लकड़ी के लिये 30 प्रतिशत और बाँस में 26 प्रतिशत अधिक है।
526 बाघ के साथ म.प्र. फिर देश में प्रथम
अखिल भारतीय बाघ आंकलन के 29 जुलाई 2019 को घोषित परिणाम में 526 बाघ के साथ मध्यप्रदेश पुनः देश में प्रथम स्थान पर है। वर्ष 2014 में हुई गणना में 306 बाघ आंकलित हुए थे। प्रदेश के तीन टाइगर रिजर्व- पेंच, कान्हा और सतपुड़ा देश में प्रबंधकीय दक्षता में प्रथम तीन स्थानपर हैं।
मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा पर्यटन स्थलों पर सुविधाओं एवं सेवाओं के लिए सतपुड़ा टाइगर रिजर्व को ''मोस्ट टूरिस्ट फ्रेंडली नेशनल पार्क'' का अवार्ड मिला है। वन पर्यटन पर जोर देते हुए वन्य-प्राणी पर्यटन संबंधी निर्णयों के अमल की समीक्षा के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है। प्रदेश में दूसरी बार 12 जनवरी 2019 में की गई गिद्ध गणना में प्रदेश के 33 जिलों में 7900 गिद्ध पाए गए हैं। टाइगर स्ट्राइक फोर्स ने वन्य-प्राणी अपराध में लिप्त राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय अपराधियों को गिरफ्तार करने में सफलता पाई है।  

सिटी हैरिटेज वॉक /प्लॉग रन का आयोजन,कलेक्टर-एसपी ने उठाया कचरा

सिटी हैरिटेज वॉक /प्लॉग रन का आयोजन,कलेक्टर-एसपी ने उठाया कचरा
सागर ।जिला पर्यटन संवर्धन समिति, जिला प्रषासन एवं इंटेक  के संयुक्त तत्वाधान में डफरिन अस्पताल के सामने अब्दुल गनी पार्क से चकराघाट तक हैरिटेज वाक का आयोजन मंगलवार को किया गया। वॉक का उद्देष्य शहर के प्रमुख ऐतिहासिक, धार्मिक, प्राकृतिक एवं सामुयिक स्थलों से परिचय करवाना था। प्रति सप्ताह हैरिटेज वॉक का आयोजन किया जायेगा।
कमिष्नर  आनंद कुमार शर्मा और वरिष्ठ समाजसेवी श्रीमती मीनाताई पिंपलापुरे ने हरी झण्डी दिखाकर हैरिटेज वॉक को रवाना किया। इस अवसर पर कलेक्टर श्रीमती प्रीति मैथिल नायक, पुलिस अधीक्षक  अमित सांघी, नगर निगम कमिष्नर श्री आरपी अहिरवार, स्मार्ट सिटी सीईओ  राहुल सिंह राजपूत, डिप्टी कलेक्टर सुश्री अमृता गर्ग, जिला कार्यक्रम अधिकारी  भरत सिंह राजपूत, इंटेक संस्था की ओर से अंजली भृतहरि,  रजनीष जैन, डा. मनीष झा, कर्नल मुनीष गुप्ता,  प्रफुल्ल हल्वे,  अतुल जैन, डा. चौहान, एनसीसी केडिट, छात्र-छात्राओं सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी और नागरिकगण मौजूद थे।
हैरिटेज वॉक ने पुरानी डफरिन अस्पताल का भ्रमण किया और अस्पताल की साफ-सफाई की। वहां फैले हुए कचरे को काली प्लास्टिक में एकत्रित कर स्वच्छ तरीके से कचरे का निपटारा किया। यहां इंटेक की अंजली भृतहरि ने बताया कि 1800 ईषवी के आसपास अंग्रेजांे द्वारा अस्पताल का निर्माण जन सहयोग से किया गया था। इसका उदघाटन लेडी डफरिन ने किया था। बाद में उनके नाम पर ही अस्पताल चला। डफरिन अस्पताल के भ्रमण के बाद हैरिटेज वॉक धीरे-धीरे सड़क की दोनों किनारों की सफाई करते हुए चकराघाट पर समाप्त हुई।      कलेक्टर और एसपी ने स्वयं कचरा उठाकर दिया स्वच्छता संदेश
इस  दौरान रास्ते मेंं  कलेक्टर  प्रीति मैथिल नायक और पुलिस अधीक्षक  अमित सांघी ने स्वयं अपने हाथों से कई स्थानांे पर कचरा एकत्रित कर स्वच्छता के प्रति जागरूकता रहने का संदेष दिया यदि सागर शहर को साफ-स्वच्छ रखना है तो स्वच्छता के कार्य में हर एक नागरिक को हाथ बंटाना होगा। साफ-सफाई में नागरिकों को सहयोग करना होगा। कलेक्टर और एसपी के साथ अन्य वरिष्ठ अधिकारियों और गणमान्य नागरिकों ने भी कचरा उठाया और साफ-सफाई की। एक स्थान पर एक पान दुकानदार द्वारा कचरा नाली में डाला जा रहा था। उसे कलेक्टर ने समझाईष दी कि नालियांें में कचरा नहीं डालें। कचरा डस्टबिन का उपयोग करें। श्रीमती प्रीति मैथिल नायक ने नगर निगम आयुक्त को निर्देष दिए कि चकराघाट में आवारा पषुओं का प्रवेष न हो इसके लिए प्रवेष स्थान पर ऐसी रैलिंग लगाए जिससे नागरिक आ सके परंतु आवारा पषु न आ पाएं।
चकराघाट पर नुक्कड़ नाटक के माध्यम से बताया साफ-सफाई का महत्व
हैरिटेज वॉक का समापन चकराघाट पर हुआ यंहा रंग थियेटरपुरम सागर के सदस्यों द्वारा नुक्कड़ नाटक के माध्यम साफ-सफाई का महत्व बताया गया। नुक्कड़ नाटक में बताया गया कि यदि सब्जी देने वाले को सब्जी वाला, दूध देने वाले को दूधवाला तो कचरा करने वाले को कचरावाला कहा जाए। कचरा कौन करता है आप और हम। तो कचरा वाला कौन होगा आप और हम। अभी हो यह रहा है कि जो सफाई करता है उसे कचरा वाला कहा जाता है।

मिलावटी खोवा बेचने वाले दो आरोपियों को एक-एक वर्ष का कारावास,सागर की एक होटल का मामला

मिलावटी खोवा बेचने वाले दो आरोपियों को एक-एक वर्ष का कारावास,सागर की एक होटल का मामला
सागर। गुजराती बाजार स्थित अपने होटल से मिलावटी खोवा बेचने वाले दो आरोपियों को न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी रवि कुमार बौरासी जिला सागर की अदालत ने दोषी करार देते हुए एक-एक वर्ष के सश्रम कारावास और अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है।
जिला लोक अभियोजन के मीडिया प्रभाकरी ब्रजेश दीक्षित ने बताया कि दिनांक 30.10.2010 को खाद्य निरीक्षक राकेश कुमार अहिरवाल ने विभाग की टीम के साथ गुजराती बाजार स्थित शिमला होटल निरीक्षण करते हुए खोवा का सेंपल लिया। सेंपल को जांच के लिए भेजा गया। इस मामले में शिमला होटल के संचालक आरोपी श्रीकांत केशरवानी पुत्र हरिशंकर केसरवानी एवं राजकुमार केशरवानी पुत्र हरिशंकर केसरवानी के विरूध मामला दर्ज चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। विचारण उपरांत न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी रवि कुमार बौरासी जिला सागर की अदालत ने  दोनों आरोपियों को अपमिश्रित खाद्य पदार्थ के विक्रय का दोषी पाते हुए खाद्य अपमिश्रण निवारण अधिनियम 1954 की धारा 16(1)(ए)(1) में दोषी करार देते हुए एक-एक वर्ष के सश्रम कारावास और 2-2 हजार रूपए अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है। मामले की पैरवी अभियोजन की ओर से एडीपीओ प्रियंका जैन सीनियर ने की।
छेडछाड के आरोपी को एक वर्ष का कारावास
सागर। घर में घुसकर महिला से छेडछाड करने वाले एक आरोपी को विशेष न्यायाधीश नीलू संजीव श्रंृगीऋषि सागर की अदालत ने दोषी करार देते हुए अलग-अलग धाराओं में दंडित करते हुए एक वर्ष के सश्रम कारावास और अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है।
जिला लोक अभियोजन के मीडिया प्रभारी ब्रजेश दीक्षित ने बताया कि दिनांक 15.04.2019 की शाम आरोपी तेजेन्द्र उर्फ टिंकू लोधी पिता मुन्नालाल उम्र 23 वर्ष निवासी ग्राम सलैया थाना सानौधा ने फरियादिया के घर में घुसकर बुरी नीयत से उसका हाथ पकड लिया। विरोध करने पर आरोपी ने फरियादिया को थप्पड मारते हुए भाग गया। घटना की सूचना फरियादिया ने परिजनों को दी जिसके बाद सूचना पर थाना पुलिस ने आरोपी के विरूध मामला दर्ज करते हुए चालान न्यायालय में पेश किया। जहां विचारण उपरांत विशेष न्यायाधीश नीलू संजीव श्रंृगीऋषि सागर की अदालत ने आरोपी तेजेन्द्र को को दोषी करार देते हुए भादवि की धारा 452 में एक वर्ष का सश्रम कारावास, एक हजार रूपए अर्थदण्ड, धारा 354 ए (1) में एक वर्ष का सश्रम कारावास, एक हजार अर्थदण्ड एवं धारा 323 में न्यायालय उठने तक की सजा ओर एक हजार रूपए अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है। मामले की पैरवी अभियोजन की ओर से डीपीओ राजीव रूसिया ने की।
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अनूठी शादी :सात फेरे नही संविधान की शपथ लेकर विवाह सूत्र में बंधे वर-वधू

अनूठी शादी :सात फेरे नही संविधान की शपथ लेकर विवाह सूत्र में बंधे वर-वधू 
खरगोन। बिन फेरे हम तेरे ये अब तक हमने ये सिर्फ फिल्मों में सुना था लेकिन ये हकीकत भी हो सकता है दरअसल शादी एक ऐसा शब्द हैं जिसका नाम सुनते ही हमे मंगलसूत्र, अग्नि फेरे  याद आ जाते हैं । लेकिन यंहा ऐसा कुछ नहीं है । जहां देश में एक और लोग शादियों में चाक-चौबंद व्यवस्था कर खूब खर्चा करते हैं वहीं दूसरी ओर खरगोन में एक अनूठी शादी देखने को मिली जो शायद देश मे पहली शादी होगी जिसमें अग्नि को साक्षी मानकर वर-वधू ने फिरे नहीं लिए बल्कि भारत के संविधान को साक्षी मानकर एक दूसरे का साथ देने का वचन लिया और शपथ ग्रहण करी । 
दरअसल मामला कुछ यूं है किखरगोन जिले के कसरावद निवासी वज्र कलमें व खरगोन निवासी अंजलि रोकड़े विवाह बंधन में बंधे ।जिसमें उन्होंने भारत के संविधान की शपथ ली। और एक दूसरे का सात जन्म तक साथ देने का वादा किया ।वर वधु का मानना है कि समाज में लेन-देन जैसी प्रथा व खर्चीली कुरीतियां फैली हुई है। जिन्हें बंद होना चाहिए और इस तरह की शादी कर फिजूल खर्च बचाना चाहिए जो कि किसी नेक कार्य में लगाया जा सके । समाजसेवी रामेश्वर बडोले का मानना है कि कलमें परिवार व रोकड़े परिवार द्वारा एक अच्छी पहल की गई है जिससे कि समाज में एक नया संदेश जाएगा कलमें परिवार द्वारा पहले भी समाज में नया संदेश देते हुए उनके पिताजी की मृत्यु होने पर उनके पिताजी की देहदान मेडिकल कॉलेज को की गई थी।


सड़क हादसा ।एक परिवार के 4 सदस्य की मौत, दो घायल,सभी सागर जिले का जैन परिवार

सड़क हादसा ।एक परिवार के 4 सदस्य की मौत, दो घायल,सभी सागर जिले के  जैन परिवार  के                                  
विदिशा ।जिला मुख्यालय से ग्यारसपुर जाने वाले नेशनल हाइवे क्रमांक 146 पर ग्राम अटारी खेजड़ा मेन रोड पर खड़े ट्राला में  कार  घुस गई । घटना थाना ग्यारसपुर की है । सागर जिले के रहली का जैन परिवार इस हादसे का शिकार बना। घटना के बाद पूरे क्षेत्र में शोक छाया है।
  थाना ग्यारसपुर से प्राप्त जानकारी के अनुसार  इस कार में सागर के रहली निवासी एक ही परिवार 6 लोग सवार थे। जिनमें से मौके पर ही 4 लोगों की मृत्यु हो गई जिनमें से एक महिला  ज्योति जैन पति अनिल जैन और उनके बेटी को गंभीर रूप  घायल अवस्था में  विदिशा जिला चिकित्सालय  से  भोपाल रेफर कर दिया। बच्ची की उम्र 10-12साल की बताई गई है जिसका नाम आस्था जैन पिता अनिल जैन बताया जा रहा है जिस को मामूली चोटें आई हैं।
मृतक रहली /जरुआखेड़ा के
भोपाल  से  रहली जा रहे अनंत पूरा परिवार के  अनिल जैन  की कार  विदिशा से सागर रोड पर स्थित अटारी खेजड़ा  गांव में खड़े ट्रक से  टकरा गई  इस दुर्घटना में  चार लोगों की  मौत हो गई।।  सभी मृतकों का पोस्टमार्टम ग्यारसपुर में हुआ है  ।बताया जाता है कि रहली निवासी अनिल जैन (अन्नू)'श्रीजी साड़ी बस स्टैंड रहली' (अनंतपुरा) साथ में उनकी बहन सुनीता सिंघई पत्नी सुनील सिंघई निवासी जरुआखेड़ा ,माँ, बेटा का भी निधन हो गया है। अन्नू की पत्नी और बेटी गंभीर हालत में हैं।
यह पुलिस द्वारा घटना बीती रात 2:00 से 2:30 की बताई जा रही है, घटना की सूचना मिलने पर सबसे पहले ग्यारसपुर की  डायल100 जिसके पायलट गोपी प्रजापति और उनके सहयोगी मौके पर पहुंचे । यह कार भोपाल से सागर की ओर जा रही थी जिसका नंबर MP15 -CB-7990 है।  


कांग्रेसी नेता कर रहे हैं खाद की कालाबाजारी,पूर्व गृहमन्त्री भूपेंद्र सिंह ने लगाया आरोप, मंच से जलाए बिजली बिल

कांग्रेसी नेता कर रहे हैं खाद की कालाबाजारी,पूर्व गृहमन्त्री भूपेंद्र सिंह ने लगाया आरोप, मंच से जलाए बिजली बिल
सअगर ।पूर्व गृहमन्त्री और खुरई विधायक भूपेंद्र सिंह ने मध्यप्रदेश की कांग्रेस की सरकार पर लगाया खुरई में किसान व गरीबों  के हित के लिए आयोजित  कांग्रेस सरकार के विरोध में धरना प्रदर्शन में शामिल हजारों की संख्या में आम जनों के बीच कही,रैली निकालकर तहसील परिसर में सभा को संम्बोधित करते हुए विधायक भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि  किसानों को 2 लाख कर्ज माफी का झांसा देकर सरकार बना ली इस चक्कर मे सम्मानित किसान भी डिफाल्टर हो गया ।पर आज तक किसी का भी कर्ज माफ नहीं हुआ। सरकारों को खाद की डिमांड पहले बनाना पड़ती है, इस सरकार के मंत्री व अधिकारियों ने इस तरफ ध्यान ही नहीं दिया।खाद की कमी का रोना रोने वाली सरकार बताए बाजार में तो यूरिया है सरकार के पास क्यों नहीं है।सरकारी खाद प्राइवेट दुकानों से बेचा जा रहा है साथ में शर्त डी ए पी भी लेना पड़ेगा इस तरह किसानों को परेशान किया जा रहा है। कांग्रेस के नेता खाद की कालाबाजरीमे लगे है।
आमरण अनशन करेंगे ,आवास की राशि को लेकर
उन्होंने कहाकी आवास योजना का रुका हुआ पैसा 25 दिसम्बर तक खातों में नहीं डाली गई तो  नगरपालिका के सामनेआमरण अनशन करूँगा।महामहिम राज्यपाल के नाम विधान सभा में 20 बिंदुओं की समस्याओं का ज्ञापन एस डी एम वर्मा को सौंपा।जिसके बिजली के बिल ज्यादा हैं, वो बिल न भरें यह कहते हुए विरोध स्वरूप बिजली के बिल भी भूपेन्द्र सिंह ने जलाए

होमगार्ड सैनिक से बने आरक्षक ,अब बनेंगे हिंदी के प्रोफेसर,देशराज का हुआसिलेक्शन

होमगार्ड सैनिक से बने आरक्षक ,अब बनेंगे हिंदी के प्रोफेसर,देशराज का हुआ,सिलेक्शन
सागर। यदि लग्न हो तो मंजिल सम्भव है । ऐसी ही कहानी पुलिस के सिपाही देशराज यादव की है । पहले होमगार्ड के जवान बने। फिर हुआ आरक्षक में चयन। अब उसका चयन MPPSC से हिंदी के सहायक प्रोफेसर में हो गया है । इस उपलब्धि पर सागर पुलिस अधीक्षक अमित सांघी सहित सभी ने बधाईया दी और खुशियां मनाई।सागर जिले के थाना शाहगढ मे पदस्थ है आरक्षक देशराज यादव। पढ़ने लिखने में होशियार देशराज ने पुलिस की नोकरी  करते हुए सभी पढ़ाई की। यूजीसी की नेट परीक्षा भी।
 छतरपुर जिले के रमपरा गांव थाना मातगवां के देशराज निवासी है।देशराज यादव पूर्व मे होमगार्ड गे सैनिक के पद चयन हुआ था।पुलिस आरक्षक मे 2010 मे चयन होकर वर्तमान तक कार्यरत रहे।आरक्षक द्वारा 12 वी तक की पढाई नियमित रूप से जिला छतरपुरमें की गई एवं उसके बाद आरक्षक के पद पर चयन हो जाने से
स्नातकोत्तर तक की शिक्षा स्वाध्यायी छात्र के रूप में ली। आरक्षक द्वारा तीन बार यूजीसी नेट. दो बार जेआरएफ. एवं सात  राज्यों जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश असम.म0प्र0 गुजरात,आंध्रप्रदेश,तेलंगाना का रोट/स्लेट को क्वालीफाई किया  है।
पुलिस अधीक्षक सागर श अमित सांघी एवं पुलिसअधिकारियों द्वारा आरक्षक को आज बधाई दी। एवं सफल उज्ज्वलभविष्य की कामना करते हुये आज आरक्षक को कार्यमुक्त किया।  आरक्षक देशराज यादव का पुलिस विभाग कोछोडते समय भावुक होकर पुलिस अधीक्षक सागर एवं सभी साथियोंको धन्यवाद देते हुये बताया गया कि यह सब मे सभी के सहयोग कीवजह से ही कर पाया हूँ। मैं अपने पुलिस के कार्यकाल को कभीभुला नही पाउंगा।

अध्यात्म एवं लोक-जीवन में अद्वैत पर हुआ विचार-विमर्श अद्वैत वेदान्त पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का द्वितीय दिवस

अध्यात्म एवं लोक-जीवन में अद्वैत पर हुआ विचार-विमर्श
अद्वैत वेदान्त पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का द्वितीय दिवस
सागर । डाॅ. हरीसिंह गौर विष्वविद्यालय में चल रहे अंतर्राष्ट्रीय अद्वैत वेदान्त संगोष्ठी में दूसरे दिन विद्वानों, सन्तों और विचारकों ने आध्यात्मक और लोक-जीवन में अद्वैत सिद्धान्त की भूमिका और उसके महत्त्व को लेकर गहन चर्चा की। उन्होंने बताया कि भारत में वैदिक ज्ञान की जड़े बहुत गहरी हैं। वे जनमानस की चेतना में हैं और उसके रक्त में प्रवाहमान हैं। एक तरफ जहाँ विष्व की कई सभ्यताएँ नष्ट हो गईं वहीं भारत की ज्ञान परम्परा अक्षुण्ण रही। 
मोक्ष केवल वेदान्त को समझने से ही सम्भव है: स्वामिनी विद्यानन्द सरस्वती जी 
चतुर्थ तकनीकी सत्र: समकालीन आध्यात्मिक परम्परा में शंकर के अद्वैत वेदान्त का अंतरण विषय पर केन्द्रित था। सत्र की अध्यक्षता स्वामी अद्वेयानन्द सरस्वती ने की। मुख्य वक्ता के रूप में स्वामिनी विद्यानन्द सरस्वती, स्वामी हरीब्रह्मेन्द्रानन्द तीर्थ एवं स्वामी शुद्धिदानन्द जी रहे। स्वामिनी विद्यानन्द सरस्वती ने कहा कि षास्त्र आत्मज्ञान के प्रमाण हैं। उपनिषद् अद्वैत सिद्धान्त पर आधारित हैं। शास्त्रों से इस आत्मज्ञान को अर्जित करने के लिए गुरु आवष्यक है क्योंकि शास्त्र एक दर्पण की तरह है जिसमें हम अपना ही प्रतिबिम्ब देख पाते हैं। गुरु की दृष्टि सदा निरपेक्ष होती है। मोक्ष केवल वेदान्त को समझ पाने एवं आत्मसात कर पाने से ही सम्भव है।
स्वामी हरिब्रह्मेन्द्रानन्द तीर्थ ने अपने वक्तव्य में बताया कि आचार्य शंकर ने केरल में जन्म लेकर मध्यप्रदेष में आकर गुरु से दीक्षा ली और अपना सम्पूर्ण जीवन इस देष की संस्कृति के उद्धार में लगाया। संस्कृति की एकता को संरक्षित करने के लिए ही आचार्य शंकर ने पूरे देष का भ्रमण किया। आचार्य शंकर ने मठों के साथ-साथ मंदिरों की भी स्थापना की। बद्रीनाथ सबसे प्राचीन मंदिर है। यहाँ के मुख्य पुजारी को 'रावल' कहा जाता है। 'रावल' का चयन केरल राज्य के नम्बूदरी कुटुम्ब में से किया जाता है। पूजा व्यवस्था इस प्रकार है कि 'रावल' मंदिर के मुख्य पुजारी मात्र हैं। वे मंदिर परिसर में दक्षिणा नहीं ले सकते और न ही किसी से वार्तालाप कर सकते हैं। परिसर में पूजा एवं दक्षिणा का अधिकार स्थानीय पुजारियों को दिया गया। जिन मंदिरों में पूजा की व्यवस्था आचार्य शंकर द्वारा तय की गई वहाँ आज भी किसी प्रकार का कोई गतिरोध नहीं है।। 
सभी दर्षन ब्रह्म को खोजने का मार्ग: स्वामी शुद्धिदानन्द जी
स्वामी शुद्धिदानन्द जी के वक्तव्य के मूल में अद्वैत वेदान्त का रामकृष्ण संघ से सम्बन्ध रहा। रामकृष्ण संघ रूपी शरीर की आत्मा सर्वसमन्वयात्मक अद्वैत वेदान्त है। इस अवसर पर स्वामी विवेकानन्द के षिकागो भाषण के एक सौ पच्चीस वर्ष पूर्ण होने का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इस भाषण के माध्यम से ही अद्वैत का सिद्धान्त अखिल विष्व के समक्ष पहुँचा। 'गीता' के श्लोक 'यदा यदा हि धर्मस्य...' के सार को व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि सनातन परम्परा और समाज को अंधकार की गर्त में जाने पर ही आचार्य शंकर एवं स्वामी विवेकानन्द का अवतरण हुआ
स्वामी अद्वेयानन्द सरस्वती ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में अपने गुरु स्वामी चिन्मयानन्द जी के जीवन एवं संन्यास का वर्णन किया तथा उनके षिष्यों द्वारा चिन्मय मिषन की स्थापना का उल्लेख किया। अवतार की अवधारणा का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि सनातन परम्परा के निर्वाह में जो सन्त लगे हुए हैं वे नित्यावतार हैं। उन्होंने संदीपनी साधनालयों की स्थापना एवं उद्देष्यों पर प्रकाष डालते हुए कहा कि स्वामी चिन्मयानन्द जी का उद्देष्य आध्यात्म को सर्वजनों तक पहुँचाने का था न कि उसे संगृहित करने का। आधुनिक विषय एवं अनुषासनों को चिन्मया विद्यापीठ में भारतीय शास्त्रों से लिए गए ज्ञान से भी परिपूर्ण किया जा रहा है। 
स्वामी हरिब्रह्मेन्द्रानन्द तीर्थ ने आचार्य शंकर के मंडन मिश्र के साथ हुए शास्त्रार्थ की घटना का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इस षास्त्रार्थ में मंडन मिश्र की पत्नी निर्णायक थीं। इसमें शर्त यह थी कि जो भी शास्त्रार्थ में हारेगा वह जीतने वाले का षिष्य बन जायेगा। मंडन मिश्र की पत्नी को यह ज्ञात था कि उनके पति हार जाने पर घर छोड़कर चले जायेंगे। ।
पंचम तकनीकी सत्र: लोक एवं जनजातीय परम्परा में षंकर के अद्वैत वेदान्त का प्रतिबिम्ब पर केन्द्रित था। सत्र की अध्यक्षता स्वामी मुक्तानन्द पुरी ने की। वक्ता के रूप में डाॅ. कपिल तिवारी एवं श्री् मनोज श्रीवास्तव उपस्थित रहे।
लोकजीवन की चेतना के केन्द्र में है अद्वैत: डाॅ. कपिल तिवारी
भारतीय वाचिक परम्परा के अध्येता डाॅ. कपिल तिवारी ने अपने वक्तव्य में कहा कि भारत के लोकजीवन  की चेतना के केन्द्र में अद्वैत है। अद्वैत ही उसका जीवन है। आम लोग अद्वैत को जानते नहीं बल्कि जीते हैं। जिस तरह से सूर्य का प्रकाष फैलता है वैसे ही वैदिक ज्ञान परम्परा के प्रकाष में भारत में जीवन दृष्टि विकसित हुई। भारत की दो ज्ञान परम्परायें श्रुति और श्रमण हैं। श्रुति ज्ञान परम्परा एक वैदिक उन्मेष है और आनंद-उत्सव से जुड़ी हुई है, जबकि श्रमण परम्परा दुख और अवसाद से संबंद्ध है। श्रमण परम्परा एषियाई देषों में तो खूब फली-फूली, परन्तु भारत में अपनी जड़ें नहीं फैला पाई। उन्होंने कहा कि श्रुति के षासन में ही ज्ञान के कई अनुषासन विकसित हुए जो वैदिक परम्परा का अनुगमन करते हैं। ऋषियों ने वैदिक ज्ञान को ही रसपूर्ण बनाकर 'रामायण' और 'महाभारत' जैसे लौकिक साहित्य की रचना की। उन्होंने लोकजीवन को परिभाषित करते हुए कहा कि लोक जीवन षटमात्रिकाओं: धरती, प्रकृति, स्त्री, नदी, गाय और भाषा का समन्वय है, लेेकिन आज ये ही सर्वाधिक प्रभावित हो रही हैं और इनके लोक-संबंधों में विकार पैदा किया जा रहा है। 
आचार्य शंकर भारत का भविष्य: मनोज श्रीवास्तव
भारतीय प्रषासनिक सेवा के अधिकारी और भारतीय वाङ्मय के चिंतक मनोज श्रीवास्तव ने कहा कि आचार्य शंकर भारत का अतीत ही नहीं, भविष्य भी हैं। उन्होंने भारत के चारों कोनों को एक किया। भविष्य में उनका अद्वैत सिद्धान्त ही भारत को एकसूत्र में बांधेगा। उन्होंनेे कहा कि पष्चिम की दृष्टि में हमेषा लोक के प्रति तिरस्कार का भाव रहा है। हमारे यहाँ प्रकृति भी ईष्वरीय देन है। यहाँ लोक, द्वैत और गुरु के बीच द्वंद्व नहीं है। उनके बीच सत स्पंदन रहा है। अद्वैत के चलते ही आदिवासियों ने पेड़, पौधों को व्यक्तिषीलता दी। वस्तुनिष्ठ संसार से संबंध स्थापित किया। इस बात के प्रमाण हमारे लोकगीतों और लोक आख्यानों में मिलते हैं।
पश्चिमी विचारकों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि पष्चिम ने प्रकृति को 'कमोडिटी' माना गया। हमारे लोक जीवन में प्रकृति को पूजा गया और लोक ने उसके साथ संबंध स्थापित किया और समान का भाव पैदा किया। लोक आख्यानों मंे स्पष्ट रूप से यह बात देखने को मिलती है। हमारा लोक जीवन अद्वैत से ओतप्रोत रहा है। अद्वैत को उस लोकजीवन ने जिया है। लोक के पास अद्वैत अध्ययन से नहीं उसके अनुभव से आया है।
स्वामी मुक्तानन्द गिरी ने कहा कि भारत की संस्कृति में अद्वैत रचा बसा है और वन समाजों में भी इसके पदचिन्ह स्पष्ट नजर आते हैं। आदि शंकराचार्य ने वन समाजों में विषेष रूप से कार्य किया। जिसका उल्लेख हमें प्राप्त है। इस पर और शोध की आवष्यकता है।
इसके पूर्व रविवार षाम को आयोजित तृतीय तकनीकी सत्र षंकराचार्य के अद्वैत वेदान्त के पूर्व एवं पष्चात दार्षनिक विकास पर केन्द्रित था। इस सत्र की अध्यक्षता स्वामी अद्वेयानन्द सरस्वती ने की। मुख्य वक्ता के रूप में श्री श्याम मनोहर गोस्वामी, प्रो. वी. कुटुम्ब षास्त्री एवं डाॅ. मणि द्रविड़ शास्त्री उपस्थित रहे। 
षंकराचार्य ने विभिन्न द्वैतों में खोजा अद्वैत: श्री गोस्वामी
श्री श्याम मनोहर गोस्वामी ने अपने वक्तव्य में कहा कि अद्वैतवाद एक अनूठा उत्सव है। उत्सवप्रिया वै जनः - मनुष्य उत्सव प्रिय होते हैं। भारत में उत्सवों की भरमार है। जहाँ द्वैत होता है वहाँ अद्वैत से उत्सव हो जाता है। उत्(आनन्दस्य) सवः(प्रसवः) सः उत्सवः- ऐसे ही जहाँ अद्वैत का उत्सव होता है वहाँ द्वैत के आनंद का प्रसव होता है। उन्होंने अद्वैत के महत्त्व पर चर्चा करते हुए कहा कि कस्मात विभेभि? आत्मा ने सोचा मैं किससे डरूँ, मेरे अतिरिक्त कोई है ही नहीं। किसी भी स्थिति में जब हमें अद्वैत की अनुभूति होती है, वहाँ भय समाप्त हो जाता है। षंकराचार्य ने विभिन्न द्वैतों में अद्वैत को खोजा यह भारतीय इतिहास की महत्त्वपूर्ण घटना है। सर्वे वेदा यत्रैंक भवन्ति- जहाँ सारे वेद एक होते हैं, वह अद्वैत है। ज्ञानात्मक अद्वैत की स्थापना षंकराचार्य ने चारों दिषाओं में चार मठों की स्थापना कर की। जीव जो भी है उसका ब्रह्म के साथ अद्वैत है। सम्प्रदाय भले ही अलग-अलग हो और उनका एक-दूसरे के साथ संघर्ष हो परन्तु उनके देवता एक-दूसरे से प्रेम करते हैं। 
लौकिक भ्रम को दूर करना ही दर्षन का कार्य: प्रो. कुटुम्ब शास्त्री
प्रो. कुटुम्ब षास्त्री ने कहा कि अद्वैत प्रतिपादन सरल है पर अद्वैत स्थापना कठिन। उपनिषदों का तात्पर्य ही अद्वैत है। षंकराचार्य ने शास्त्रीय अनेेक प्रमाणों के माध्यम से अद्वैत का प्रतिपादन किया। जैसे लोक में मृगमारिचिका भ्रम होता है वैसा ही भ्रम ब्रह्म, जीव, जगत, तत्व में भी होता है। इस भ्रम को दूर करना ही दर्षन का कार्य है तभी अद्वैत का प्रतिपादन होता है। 
अद्वैत एक तत्व है: डाॅ. शास्त्री
डाॅ. मणि द्रविड़ षास्त्री ने अपने वक्तव्य में कहा कि कविः करोति काव्यानि अर्थं जानाति पण्डितः अर्थात कवि केवल काव्य करते हैं किन्तु उसका अर्थ विद्वान करते हैं। उन्होंने बताया कि शंकराचार्य के पूर्व भी अद्वैत का निरूपण था। शंकराचार्य लिखते हैं कि 'अस्य अनर्थहेतोः प्रहाणाय आत्मैकत्व विद्याप्रतिपत्तमे सर्वे वेदा आरभ्यन्ते'। इस वाक्य में आत्मैकत्व षब्द ही अद्वैत का निरूपण करता है। आत्मैकत्व अर्थात चैतन्य स्वरूप आत्मा एक है। उपनिषद इसलिए पढ़ा जाना चाहिए क्योंकि उससे व्यक्ति अपने वास्तविक स्वरूप को जानने का प्रयास करता है। उन्होंने बताया कि शंकराचार्य ने स्वतन्त्र अद्वैत का उल्लेख नहीं किया अपने पदवाक्य प्रमाणज्ञ जो बताते आये हैं उनका प्रतिपादन कर रहे हैं। अद्वैत एक तत्व है। लोक की दृष्टि में जो एकता दर्षन करते हैं, जो व्यवहार के लिए उपयुक्त है वही अद्वैत है। आनन्दमय ब्रह्म का प्रतीक है। एक आत्मा है, वह ईष्वर का प्रतीक है, वह अनेकानेक जीवों में है। आनन्दमय को समझने वाला व्यक्ति ब्रह्म हो जाता है।
सांस्कृतिक संध्या: कार्यक्रम में सुप्रसिद्ध गायिका श्रीमती सुधा रघुरामन ने आचार्य शंकर के स्त्रोंतो का गायन किया। इस षास्त्रीय प्रस्तुति ने इस त्रिदिवसीय संगोष्ठी के प्रथम दिवस की गतिविधियों को एक ऊँचाई प्रदान की।