NDRF: पुलिस कर्मियों को आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण,एसवीएन विवि में भूकम्प सेफ्टी का कराया अभ्यास
सागर । पुलिस अधीक्षक अमित सांघी के निर्देश पर पुलिस कंट्रोल रूम परिसर में एनडीआरएफ की 11 वीं वाहिनी की टीम द्वारा जिले के पुलिस कर्मियों को आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया गया। पुलिस अधीक्षक द्वारा विभिन्न प्रकार की आपदाओं व दुर्घटनाओं में पुलिसकर्मियों के अहम योगदान एवं भूमिका के बारे में जानकारी दी।एडिशनल एसपी विक्रम सिंह ने बताया कि रोड एक्सीडेंट्स जैसी दुर्घटनाओं में स्थानीय पुलिस की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका होती है, क्योंकि रोड एक्सीडेंट की घटनाओं में घटनास्थल पर सबसे पहले स्थानीय पुलिस द्वारा ही राहत एवं बचाव कार्य के दौरान घायलों को सुरक्षित निकाला व अस्पताल पहुंचाया जाता है।
एनडीआरफ टीम कमांडर इंस्पेक्टर संजीव कुमार ने बताया कि अन्य आपदाओं व दुर्घटनाओं की अपेक्षा रोड एक्सीडेंट की वजह से हर वर्ष सबसे ज्यादा मौतें हो रही हैं। लोगों की जान अत्यधिक रक्त स्त्राव होने की वजह से तथा घायल व्यक्ति को गलत तरीके से घटनास्थल से उठाने और अस्पताल ले जाने के कारण चली जाती है यदि घायल व्यक्ति को घटनास्थल पर ही उचित प्राथमिक उपचार द्वारा रक्त स्त्राव को कंट्रोल कर लिया जाए और घायल व्यक्ति को सही तरीके से अस्पताल तक पहुंचा दिया जाए तो 80 से 85 लोगों की जानें बच सकती हैं। स्थानीय पुलिस ही फर्स्ट रिस्पांडर की भूमिका निभाती है।
इस अवसर पर पुलिस अधिकारी, एसडीआरएफ अधिकारी, सहित तीन जवान शामिल रहे। टीम कमांडर इंस्पेक्टर संजीव कुमार, उप निरीक्षक प्रेमलाल , सहायक उप निरीक्षक ठाकुर चंद , जीशान उल्लाह मुख्य आरक्षी उमेश कुमार, नीरज कुमार , आरक्षी प्रमोद कुमार मीणा, जितेंद्र , पवन , सोमबीर, विकास शामिल रहे।
एसव्हीएन विश्वविद्यालय मेंभूकंप सेफ्टी का कराया मूक अभ्यास
सागर । एनडीआरएफ टीम द्वारा एसव्हीएन विष्वविद्यालय के आपदा प्रबंधन के छात्रों को भूकंप सेफ्टी का मूक अभ्यास कराया गया। 11 वीं वाहिनी एनडीआरएफ टीम ने इंस्पेक्टर संजीव कुमार के नेतृत्व में विश्वविद्यालय की आपदा प्रबंधन समिति तथा सेफ्टी टीमों के साथ समन्वय बैठक में विश्वविद्यालय के आपदा प्रबंधन योजना के ऊपर चर्चा गई। इस अवसर पर एसव्हीएन विश्वविद्यालय सागर के निदेशक, एनडीआरएफ टीम के कमांडर इंस्पेक्टर संजीव कुमार, उप निरीक्षक प्रेमलाल, सहायक उप निरीक्षक ठाकुर चंद, जीशान उल्लाह मुख्य आरक्षी उमेश कुमार, नीरज कुमार, आरक्षी प्रमोद कुमार मीणा, जितेंद्र, पवन, सोमबीर, विकास मौजूद थे।
एनडीआरएफ के टीम कमांडर इंस्पेक्टर संजीव कुमार ने भारत में आपदा प्रबंधन प्रणाली, एनडीआरएफ की कार्यशैली के बारे में व्याख्यान दिया और तत्पश्चात एनडीआरफ टीम द्वारा प्रत्यक्ष प्रदर्शनों के माध्यम से विभिन्न प्रकार की आपदाओं में बरती जाने वाली सावधानियां एवं बचाव के बारे में बताने के साथ साथ प्राथमिक उपचारों विशेषकर शारीरिक चोट, हृदयाघात, सर्पदंश इत्यादि का प्रशिक्षण दिया गया। भूकंप की स्थिति में किस प्रकार डक, कवर , होल्ड करते हुए, 60 तक गिनती करने के बाद अपने सिर को कवर करते हुए चिन्हित असेंबली एरिया में किस प्रकार क्रमवार क्लास वाइज-सेक्शन वाइज खड़ा होना है तथा किस प्रकार अध्यापक गणों द्वारा अपने अपने क्लास का हेड काउंटिंग ड्रिल के माध्यम से गिनती करना है और अपने प्रिंसिपल महोदय को रिपोर्ट देना है, का अभ्यास कराया गया। इसके अंतर्गत भूकंप की स्थिति में यदि कोई विद्यार्थी ध्वस्त बिल्डिंग में फंस जाते हैं तो किस प्रकार विद्यालय की सर्च एंड रेस्क्यू टीम द्वारा फंसे हुए या घायल विद्यार्थियों को किस प्रकार रेस्क्यू करके मेडिकल बेस में लेकर के आना है तथा किस प्रकार विद्यालय की फर्स्ट एड टीम द्वारा घायल छात्रों का विद्यार्थियों का प्राथमिक उपचार करना है- के भी अभ्यास एनडीआरफ टीम द्वारा प्रत्यक्ष प्रदर्शनों के माध्यम से कराए गए।
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