गृहमंत्रालय के लिए समाजशास्त्र के प्रमुख डॉ दिवाकर राजपूत के प्रस्ताव की अनुशंसा
सागर।डाॅ. हरीसिंह गौर विष्वविद्यालय सागर के समाजषास्त्र एवं समाजकार्य विभागाध्यक्ष प्रो. दिवाकर सिंह राजपूत ने सेन्ट्रल ऐकेडमी फाॅर पुलिस ट्रेनिंग,(सी.ए.सी.टी) पुलिस अधिकारियों के लिए केन्द्रीय अकादमी भोपाल में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेषन में प्रतिभागिता की। भारत सरकार के गृृहमंत्रालय के अन्तर्गत पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो नई दिल्ली तथा मध्यप्रदेष कारागार एवं सुधारात्मक प्रषासन विभाग मध्यप्रदेष षासन भोपाल के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेषन में आमंत्रित अतिथि एवं विषय विषेषज्ञ के रूप में षोध परक व्याख्यान प्रस्तुत किया।
प्रो. राजपूत ने अपने व्याख्यान में भारतीय कारागार एवं सुधारात्मक प्रषासन के लिए मुख्य रूप से तीन कार्य योजनाओं पर सुझाव प्रस्तुत किये। जिनमें से पहला सुझााव (ज्योति अवार्ड) सुधारात्मक अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो ने सर्वसम्मति से प्रषंसा करते हुये अनुषंसा की। समापन समारोह में ब्यूरो के सुधारात्मक प्रषासन विभाग के डायरेक्टर तेजिन्दर सिंह लूथरा जी ने इस अनुषंसा की घोषणा की।
उल्लेखनीय है कि इस अधिवेषन का उद्धघाटन मुख्य अतिथि के रूप में भारत सरकार के केन्द्रीय ग्रह राज्यमंत्री नित्यानंद राय जी ने किया। इस अवसर पर ब्यूरो के महानिदेषक श्री वी.एस.के. कैमुदी,पूर्व महानिदेषक डाॅ. मीरा सी. बोरबन्कर, म.प्र. कारागार सुधारात्मक प्रषासन के महानिदेषक श्री संजय चोधरी, एडीजी एस.के. षाही, एडीजी, श्रीमती अरूणा मोहनराव, एडीजी श्री अषोक कुमार, आईजी श्री पवन श्रीवास्तव, एडीजी श्रीमती सुथापा सान्याल आदि के साथ ही इस दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेषन में भारतवर्ष के विभिन्न राज्यों के सुधारात्मक प्रषासनिक अधिकारियों ने हिस्सा लिया। प्रो. दिवाकर सिंह राजपूत के षोध पत्र एवं सुझााव की स्वीकृृति एवं अनुषंसा के लिये सभी ने सराहनीय प्रयास बतलाते हुए बधाईयाॅं दी।
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