अनूठी शादी :सात फेरे नही संविधान की शपथ लेकर विवाह सूत्र में बंधे वर-वधू
खरगोन। बिन फेरे हम तेरे ये अब तक हमने ये सिर्फ फिल्मों में सुना था लेकिन ये हकीकत भी हो सकता है दरअसल शादी एक ऐसा शब्द हैं जिसका नाम सुनते ही हमे मंगलसूत्र, अग्नि फेरे याद आ जाते हैं । लेकिन यंहा ऐसा कुछ नहीं है । जहां देश में एक और लोग शादियों में चाक-चौबंद व्यवस्था कर खूब खर्चा करते हैं वहीं दूसरी ओर खरगोन में एक अनूठी शादी देखने को मिली जो शायद देश मे पहली शादी होगी जिसमें अग्नि को साक्षी मानकर वर-वधू ने फिरे नहीं लिए बल्कि भारत के संविधान को साक्षी मानकर एक दूसरे का साथ देने का वचन लिया और शपथ ग्रहण करी ।
दरअसल मामला कुछ यूं है किखरगोन जिले के कसरावद निवासी वज्र कलमें व खरगोन निवासी अंजलि रोकड़े विवाह बंधन में बंधे ।जिसमें उन्होंने भारत के संविधान की शपथ ली। और एक दूसरे का सात जन्म तक साथ देने का वादा किया ।वर वधु का मानना है कि समाज में लेन-देन जैसी प्रथा व खर्चीली कुरीतियां फैली हुई है। जिन्हें बंद होना चाहिए और इस तरह की शादी कर फिजूल खर्च बचाना चाहिए जो कि किसी नेक कार्य में लगाया जा सके । समाजसेवी रामेश्वर बडोले का मानना है कि कलमें परिवार व रोकड़े परिवार द्वारा एक अच्छी पहल की गई है जिससे कि समाज में एक नया संदेश जाएगा कलमें परिवार द्वारा पहले भी समाज में नया संदेश देते हुए उनके पिताजी की मृत्यु होने पर उनके पिताजी की देहदान मेडिकल कॉलेज को की गई थी।
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