होमगार्ड सैनिक से बने आरक्षक ,अब बनेंगे हिंदी के प्रोफेसर,देशराज का हुआ,सिलेक्शन
सागर। यदि लग्न हो तो मंजिल सम्भव है । ऐसी ही कहानी पुलिस के सिपाही देशराज यादव की है । पहले होमगार्ड के जवान बने। फिर हुआ आरक्षक में चयन। अब उसका चयन MPPSC से हिंदी के सहायक प्रोफेसर में हो गया है । इस उपलब्धि पर सागर पुलिस अधीक्षक अमित सांघी सहित सभी ने बधाईया दी और खुशियां मनाई।सागर जिले के थाना शाहगढ मे पदस्थ है आरक्षक देशराज यादव। पढ़ने लिखने में होशियार देशराज ने पुलिस की नोकरी करते हुए सभी पढ़ाई की। यूजीसी की नेट परीक्षा भी।
छतरपुर जिले के रमपरा गांव थाना मातगवां के देशराज निवासी है।देशराज यादव पूर्व मे होमगार्ड गे सैनिक के पद चयन हुआ था।पुलिस आरक्षक मे 2010 मे चयन होकर वर्तमान तक कार्यरत रहे।आरक्षक द्वारा 12 वी तक की पढाई नियमित रूप से जिला छतरपुरमें की गई एवं उसके बाद आरक्षक के पद पर चयन हो जाने से
स्नातकोत्तर तक की शिक्षा स्वाध्यायी छात्र के रूप में ली। आरक्षक द्वारा तीन बार यूजीसी नेट. दो बार जेआरएफ. एवं सात राज्यों जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश असम.म0प्र0 गुजरात,आंध्रप्रदेश,तेलंगाना का रोट/स्लेट को क्वालीफाई किया है।
पुलिस अधीक्षक सागर श अमित सांघी एवं पुलिसअधिकारियों द्वारा आरक्षक को आज बधाई दी। एवं सफल उज्ज्वलभविष्य की कामना करते हुये आज आरक्षक को कार्यमुक्त किया। आरक्षक देशराज यादव का पुलिस विभाग कोछोडते समय भावुक होकर पुलिस अधीक्षक सागर एवं सभी साथियोंको धन्यवाद देते हुये बताया गया कि यह सब मे सभी के सहयोग कीवजह से ही कर पाया हूँ। मैं अपने पुलिस के कार्यकाल को कभीभुला नही पाउंगा।
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