किसानों की समस्याओं को सुलझाने में कमलनाथ सरकार नाकाम,किसान फंसा संकट में:पूर्व गृहमन्त्री भूपेन्द्र सिंह

किसानों की समस्याओं को सुलझाने में कमलनाथ सरकार नाकाम,किसान फंसा संकट में:पूर्व गृहमन्त्री भूपेन्द्र सिंह
सागर । किसानों की समस्याओं को लेकर  पूर्व गृह एवं परिवहन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा हैकि पूरे प्रदेश में किसान खाद, बिजली और अतिवर्षा से हुए नुकसान की राहत राशि को लेकर परेशान है । संकटो में घिरा किसान आत्महत्या के लिए मजबूर है । सागर जिले में भी यही हालात है । किसान बोनी के लिए खाद को लेकर लाईनों में लगा है और पुलिस की लाठियां खा रहा है ।
भाजपा के प्रदेशव्यापी आव्हान पर आज सागर में पूर्व गृहमन्त्री ने मीडिया से कहा कि अतिवर्षा से नुकसान हुआ है ।ऐसे में सरकार  की तरफ से राहत राशि दी जाती है। लेकिन जो व्यापक नुकसान हुआ है राज्य सरकार ने कोई राहत नही दी। उन्होंने कहा कि शुरुआती सर्वे में  निचले अमले ने  70-80 फीसदी फसलों के नष्ट होने का आंकलन किया था।  लेकिन सरकार ने फिर से सर्वे के आदेश कराकर आंकलन कम कराया और 50 फीसदी हो गया।  सागर जिले में 1000 करोड़ की नुकसानी को  घटाकर 214 करोड़ पर लेकर आये। उधर केंद्र ने  1000 करोड़ दी है उसी में से सरकार बांट  रही है । एक भी पैसा कमलनाथ सरकर  ने नही दिया है। जिले में 5-6 घण्टे बिजली मिल रही है । कई जगह ट्रांसफार्मर जले है। इनकी नई खरीदी नही हो रही है ।रोक लगादी ट्रांसफार्मरों पर। इतनी दफा सुधर गए कि अब सुधर ही नही सकते। बहुत ही कम है । बिजली नही मिल रही है ।
 पूरे प्रदेश की स्थिति है ।उन्होंने कहा कि सिंचाई के प्रोजेक्ट बन्द है । जो भाजपा सरकार के स्वीकृत है। किसान को न राहत हॉइ और न ही ,खाद,बिजली। कमलनाथ सत्कार का वचन पत्र अधूरा है ।
              उन्होंने पत्रकार वार्ता के माध्यम से प्रदेश की कांग्रेस सरकार को कटघरे में लेते हुए कहा कि एक साल बीतने को है अब तो कर्ज़ माफी का वचन निभाए सरकार कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में कहा था सभी किसानों का 02.00 लाख तक कर्ज़ माफ करेंगे। जिसमें  सहकारी बैंक एवं राष्ट्रीयकृत बैंकों का चालू एवं कालातीत कर्ज़ शामिल रहेगा। कांग्रेस के तत्कालीन  राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी ने वादा किया  था कि  सरकार बनते ही  10  दिन  में कर्ज़ माफ कर देंगे, नहीं तो मुख्यमंत्री बदल देंगे। 17 दिसम्बर 2018 को शपथ लेने के  11 माह बाद भी किसानों  का पूरा कर्ज़ माफ नहीं हुआ और ना ही मुख्यमंत्री ही बदले गए। म.प्र. की कमलनाथ क¢ नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार 25 प्रतिशत किसानों की भी कर्ज़ माफी नहीं कर पायी है। इस कारण किसान भरोसे में फसल बीमा सहित अन्य सुविधाओं से भी वंचित रह गया। कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में जीरो प्रतिशत ब्याज योजना का वास्तविक लाभ देने का वचन दिया था। खरीफ  ऋण की डयू-डेट 31 दिसम्बर तय करेगें का वादा किया था, लेकिन ऐसा अभी तक नहीं किया। म.प्र. क¢ किसान को कालातीत घोषित कर दण्ड ब्याज सहित कर्ज़ की वसूली की जा रही है तथा किसानों को सहकारी एवं राष्ट्रीकृत बैंकों से पुर्न ऋण वितरण भी नहीं हो पा रहा है। वित्त पौषण नहीं होने से किसानों का काम प्रभावित हो रहा है। कांग्रेस को जनता के सामने यह स्पष्ट करना चाहिये कि जब विधानसभा चुनाव में 2 लाख की कर्ज माफी का वादा किया था तो उसके लिये धन का प्रावधान क्यों नहीं किया गया था। बात-बात पर केन्द्र सरकार को कोसने वाली की कागंे्रस सरकार ने सीधे-सीधे किसानांे को धोखा दिया है।
युरिया का संकट निकम्मी और संवेदनहीन कांग्रेस सरकार की उपज
 उन्होंने कहा कि केन्द्र में कांग्रेस की नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के दौर में देश भर में यूरिया की कालाबाजारी जोरों पर  थी।  किसानों को यूरिया के संकट से जूझना पड़ता था, यूरिया मांगने वाले किसानों पर लाठी चार्ज की घटनायें आम थी। केन्द्र में माननीय नरेन्द्र मोदी जी की सरकार आने के बाद देश में यूरिया की उपलब्धता किसानों तक करने के लिये सार्थक प्रयास किये गये। संकट समाप्त किये गये, कालाबाजारी और अन्य उपयोग रोकने के लिये नीम कोटेड यूरिया का उत्पादन कराया गया। मध्यप्रदेश मे भाजपा की सरकार रहते  हुए किसानों को यूरिया की उपलब्धता समय से पहले सुनिश्चित करा ली जाती थी। अब मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार में फिर वही दौर लौटकर आ गया। यूरिया मांगने वाले किसानों की लंबी लाईनें दिखाई देने लगी, किसान परेशान है लेकिन लगातार तबादलों में तल्लीन, रेत और शराब के कारोबार में व्यस्त कांग्रेस की सरकार किसानों के प्रति संवेदनहीन बनी रहीं। रबी की फसल प्रदेश में कितने हेक्टेयर में बोई गई इसका आंकलन सरकार करने में नाकाम  सिद्ध हुई, बल्कि ऐसा करने का सरकार की और से विधिवत कोई कार्य भी नही हुआ जिस कारण किसानों की मांग के अनुसार खाद विशेषकर युरिया का संकट पैदा हो गया। कांग्रेस सरकार करप्शन, कालाबाजारी और कुशासन का प्रतीक बनकर किसानों के संकट का कारण बन गई है। केन्द्र की मोदी सरकार मांग के अनुसार यूिरया उपलब्ध कराने को लगातार तत्पर रही है और आपूर्ति में केन्द्र सरकार की ओर से कोई बाधा नही है।
04 धान की समर्थन मूल्य पर खरीदी की ना व्यवस्था और ना ही मंशा
ये रहे मौजूद
इस मौके पर  भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष प्रभुदयाल पटैल,  डॉ. सुखदेव मिश्र,  प्रदीप राजोरिया, राजेश सैनी, लक्ष्मण सिंह, अनुराग प्यासी, नवीन भट्ट आदि उपस्थित थे।
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