कृषि विस्तार अधिकारी को भ्रष्टाचार के मामले में चार साल की सजा, दो हजार की ली थी रिश्वत
सागर। विशेष न्यायाधीश श्री रामविलास गुप्ता द्वारा भ्रष्टाचार अधिनियम 1988 के आरोपी बृजेन्द्र सिंह लहरिया को धारा 7,13,(1)डी , 13(2) मेें दिनांक 18.12.19 केा 4-4 वर्ष के कारावास एवं 10000-10000रूपये के जुर्माने से दंडित किया गया ।
अभियोजन मामला इस प्रकार है
विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम सागर ने अभियुक्त बृजेन्द्र सिंह लहरिया को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 में 4 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 10000रूपये के अर्थदण्ड एवं धारा 13(1)डी, सहपठित धारा 13(2) के तहत 4 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 10000 रूपये कुल 20000रूपये के अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। विशेष लोक अभियोजक, लोकायुक्त सागर श्री रामकुमार पटेल ने शासन की ओर से पैरवी की तथा तर्क प्रस्तुत किय
मामला यह है कि दिनांक 24.02.15 को आवेदक दुर्गा दास ने पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त सागर के समक्ष उपस्थित हो शिकायत की थी कि आवेदक खाद, बीज एवं दवाईयाॅ का लाईसेंस बनवाना चाहता था। जिसके एवज में आरोपी बृजेन्द्र सिंह लहरिया ने 2000 रूपये रिशवत की मांग की थी आवेदक उन्हें रिश्वत नहीं देना चाहता था। बल्कि रिश्वत देते हुए रंगे हाथ पकडवाना चाहता था।
आवेदक की उक्त शिकायत पर पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त सागर के द्वारा शिकायत का सत्यापन कराया गया। आरोपी की रिश्वत मांग वार्ता रिकार्ड की गई, आरोपी 2000रूपयेे लेने के लिये सहमत हुआ। आरोपी बृजेन्द्र सिंह लहरिया के द्वारा रिश्वत मांगना प्रमाडित होने पर अपराध पंजीबद्ध किया गया। और पुलिस अधीक्षक के कुशल निर्देशन में ट्रेप कार्यवाही आयोजित की गई दिनांक 24.02.2015 को आरोपी बृजेन्द्र सिह लहरिया आवेदक दुर्गा प्रसाद से 1500रूपये की रिश्वत राशि लेते हुए उप संचालक कृषि विकास विभाग सागर में रंगे हाथ पकडा गया।
लोकायुक्त पुलिस सागर द्वारा विवेचना द्वारा उक्त मामले का अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया। विचारण में आरोपी बृजेन्द्र सिंह लहरिया को प्रार्थी से रिश्वत की मांग करने एवं 1500 रूपये की रिश्वत लेने का दोषी पाते हुए आज दिनांक 18.12.19 को माननीय विशेष न्यायालय सागर के द्वारा दंडित किया गया।
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