शुद्ध हृदय में ही भक्ति जागृत होती है:आचार्य ब्रजपाल शुक्ल कथा में पहुचे केबिनेट मन्त्री हर्ष यादव,पूर्व केंद्रीय मन्त्री अरुण यादव और अभिनेता मुकेश तिवारी

शुद्ध हृदय में ही भक्ति जागृत होती है:आचार्य ब्रजपाल शुक्ल
कथा में पहुचे केबिनेट मन्त्री हर्ष यादव,पूर्व केंद्रीय मन्त्री अरुण यादव और अभिनेता मुकेश तिवारी
सागर। सागर के ढाना  ग्राम में चलरही राम कथा के छठवे दिन कथा व्यास आचार्य ब्रजपाल शुक्ल ने व्यास पीठ से बताया किमहाराज जनक के यहां जगतजननी का सीता रूप में अवतरण तथा महाराज दशरथ के यहाँ चारों पुत्रों के रूप में जगत पिता का अवतरण दोनों राजाओं के शुद्ध हृदय का परिणाम है। 
इसलिए तुलसीदास जी ने लिखा
इन सम कोउ न भएउ जग माही।
है नही कतहु न होनेउ नाहीं।
महाराज जनक तथा महाराज दशरथ जैसे उस समय भी कोई नही था और न अभी है और न कभी होगा।कौशिल्या तथा जानकी जी की माता के शरीर कितने दिव्य होगें कि उनके गर्भ में दिव्य तेज का धारण करने की शक्ति थी एक योगी पुरुष का जन्म भी ग्रहस्थ के घर मे ही होता है।उन गृहस्थों का चित्त कितना शुद्ध होगा जिनके गर्भ से वशिष्ठ विश्वामित्र जैसे लोक यशस्वी महर्षियों का जन्म हुआ।
उन्होंने बताया कि भगवान के जन्म का तथा सन्तो के जन्म का आधार गृहस्थ ही है। सम्पूर्ण  संसार का आधार गृहस्थ है। इसलिए गृहस्थ स्त्री-पुरुष और पुरुष के हृदय की शुद्धता जितनी अधिक होगी उतने ही योगियों का संसार मे प्रादुर्भाव होगा।
हाड़ माँस चर्म के शरीर मे शरीर का महत्व नही शुद्ध हृदय का महत्व है। 
उन्होंने कहा कि दुष्चरित्र सन्तान से माता पिता ही नही अपितु सारा संसार दुःखी होता है।
भगवान राम तथा जानकी जी ने ही सम्पूर्ण संसार में महाराज जनक को तथा दशरथ जी को पूज्य बन दिया। जानकीजी की पतिव्रता भक्ति तथा श्रीराम जी का धर्माचरण इन दो गुणों ने संसार को सदाचार तथा पवित्रता का जो सन्देश दिया है वह सन्देश संसार का कोई धनवान बलवान विद्वान नही दे सकता।आचरण से ही यश की प्राप्ति होती है। दृढ़ता से ही धर्म का आचरण होता है।
जितेंद्रिय पुरुष ही धर्मात्मा होता है
श्री शुक्ल कहते है कि पति पत्नी की शुद्धता यश का आधार है। वह ही सच्चा मनुष्य उत्पन्न करने में समर्थ होते हैं।
आज कथा में ये रहे शामिल
श्री राम कथा में पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव, केबीनेट मंत्री हर्ष यादव,पूर्व मंत्री राजकुमार पटेल , फ़िल्म अभिनेता मुकेश तिवारी, हीरा सिंह  , अमित राम जी दुबे,अशोक श्रीवास्तव, कमलेश साहू  , रेखा चौधरी,सौरभ हजारी, सुरेश जाट , शिव शंकर पटेरिया ,महेंद्र यादव ,सुरेश जाट, सिंटू कटारे ,सुरेंद्र चौबे,शिव शर्मा ,राकेश राय शिवप्रसाद तिवारी,मुकुल पुरोहित, पप्पू फुसकेले,संदीप सबलोक,वीरेंद्र गौर,कमलेश बघेल, अंकित तिवारी,मनोज तिवारी,नितिन मिश्रा, नीरज मुखरया, चक्रेश जैन,रूपेश यादव, रत्नेश रावत,ज्योती पटेल, धर्मेंद्र राजपूत, विज्जु सबलोक ,पप्पू गुप्ता जितेंद्र रोहण,आदि ने कथा का श्रवण किया व आचार्य जी से आशीर्वाद ग्रहण किया।

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