"दस्तक युवा पीढ़ी की",नए कवियों को मिला मंच
सागर।राष्ट्रीय कवि संगम जिला इकाई सागर इकाई का "दस्तक युवा पीढ़ी की कार्यक्रम" हुआ संपन्न। कार्यक्रम अध्यक्ष पंडित हरिशंकर तिवारी एवं मुख्य अतिथि मधुसूदन सिलाकारी द्वारा सरस्वती पूजन किया संस्था के उपाध्यक्ष प्रभात कटारे ने सभी अतिथियों का माल्यार्पण कर स्वागत किया । संस्था के जिलाध्यक्ष कपिल चौबे द्वारा कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हम निरंतर नए एवम् युवा कवियों की तलाश कर उन्हें प्रशिक्षित और मंच प्रदान करने हेतु प्रयास करते रहे है जिसके तहत हमने अलख ,नए मिजाज़,काव्य वर्षा,आदि सफल कार्यक्रम आयोजित किए जिसमें अभी तक 75 से ज्यादा युवा एवम् नए कलमकार सामने आए इसी सिलसिले की नई कड़ी में यह "दस्तक नई पीढ़ी की" हमारा अगला कदम है।संरक्षक शायर अशोक मिजाज़ बद्र की उपस्थिति में 11 युवा कवियों ने साहित्यिक दस्तक दी ।
प्रथम कवि के रूप में विकाश सदाबहार इलाहाबाद :
मै तेरी चाहत में आज भी निखरता रहता हूं,
आकर तेरी दुनिया के ख्वाबों में बिखरता रहता हूं।एवम् सुश्री दीक्षा पटेल दमोह ने मां कुछ भी जाया जाने नही देती ,वो सहेजती है ,सभालती है ,ढकती है ,बाधती है उम्मीद के आखरि छोर तक देखा होगा न .......
श्री प्रशांत ढेंकले ने
हमे फिर हम से हटाया जा रहा है ,लिख कर गलत मिटाया जा रहा है। अमित कुशवाहा ने हमेशा सबकी फरमाइशें पूरी करे आसान नहीं है,
ये ज़िंदगी है जनाब चाय की दुकान नहीं है
आयुष दांगी नेदिल करता है सब कुछ बिखरा छोड़ के लौट जाता हूं उस मां की गोदी में उस आंचल में लोट जाता हूं ।
सुश्री शुभी विश्वारी छतरपुर ने ये है मेरी काल्पनिक लव स्टोरी।रेलवे का टेस्ट निकल गया तभी होगी पूरी ।श्री सत्यम अग्निहोत्री ने निश्चय की अनिश्चय कहने वाला कौन हूँ मैं. शिवांशु कमल नामदेव ने अपनी साहित्यिक रचनाएं
सुनाकर सब का दिल जीता
नलिन जैन ,श्वेता जैन,शोर्य चौबे,राघव रामकरण,अभिषेक ऋषि आदि ने काव्य पाठ किया ।अंत में संस्था के संरक्षक शायर अशोक मिजाज़ बद्र ने आज के माहोल को देखते हुए शेर पढ़ा तमाम उम्र हमे साथ साथ रहना है ,तो बात बात पे ये मनमुटाव आखिर क्यूं ?
कार्यक्रम का संचालन कपिल चौबे ने किया एवम् आभार संस्था के द्वितीय संरक्षक डॉ अशोक कुमार तिवारी ने किया ।इस अवसर पर पंडित संजय बाजपेई जी , रामप्रसाद विश्वकर्मा , प्रभु दयाल विल्थरिया सत्य नारायण मंगोलिया जी , रामनाथ यादव ,विजय चौबे आदि उपस्थित थे
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