नावालिग से दुष्कृत्य करने वाले को आजीवन कारावास
सागर। नावालिग को बहला-फुसला कर ले जाने एवं उसके साथ दुष्कृत्य करने वाले आरोपी को विशेष न्यायाधीश सुधांशु सक्सेना (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012) रहली जिला सागर की अदालत ने आजीवन कारावास एवं अर्थदण्ड से दंडित किया है।
जिला लोक अभियोजन के मीडिया प्रभारी ब्रजेश दीक्षित ने बताया कि दिनांक 03.03.2019 को नावालिग के पिता ने आरक्षी केन्द्र रहली में इस आशय की शिकायत दर्ज करायी की उसकी नावालिग पुत्री दिनांक 02.03.2019 को स्कूल जाने के लिए घर से निकली थी जो आज तक घर वापिस नही आई। नावालिग के पिता ने रहली पुलिस के समक्ष यह संदेह व्यक्त किया कि कोई उसकी नावालिग पुत्री को बहला-फुसला कर भगा ले गया है। रहली पुलिस द्वारा अज्ञात व्यक्ति के विरूद्ध मामला पंजीबद्ध किया गया तथा नावालिग की खोज प्रारंभ की गई। रहली थाना पुलिस द्वारा दिनांक 09.04.2019 को नावालिग को खोज निकाला गया तथा नावालिग को उसके माता-पिता के सुपुर्द कर दिया गया। नावालिग के कथनों से यह खुलासा हुआ कि आरोपी सरमन पिता हरिचरण अहिरवार उम्र 20 वर्ष निवासी ग्राम बलेह थाना रहली जिला सागर उसे बहला-फुसला कर शादी का झासा देकर ले गया तथा बार-बार उसके साथ बलात्संग किया। मामले की पूरी जाॅच होन के उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। जहां विचारण उपरांत विशेष न्यायाधीश सुधांशु सक्सेना (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012) रहली जिला सागर की अदालत ने आरोपी सरमन अहिरवार को दोषी करार देते हुए भादवि की धारा 363 में 5 वर्ष के सश्रम कारावास व 1000 रूपये का अर्थदण्ड, धारा 366 भादवि में 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000 रूपये जुर्माना तथा भादवि की धारा 376(2)(प)/पाॅक्सो एक्ट के तहत आजीवन सश्रम कारावास जिसका तात्पर्य शेष प्राकृत जीवनकाल के कारावास से है, दंडित किया एवं रूपये 5000 अर्थदण्ड से दंडित किया है। अभियोजन की ओर से मामले की पैरवी विशेष लोक अभियोजन अधिकारी लोकेश दुवे ने की।
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