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नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को 20 वर्ष की सजा

नाबालिग से दुष्कर्म के  आरोपी को 20 वर्ष  की सजा

सागर।  बलात्संग के मामले में न्यायालय विशेष न्यायाधीश/ नवम् अपर सत्र न्यायाधीश लैगिक अपराधों से बालकों को संरक्षण अधिनियम 2012 श्रीमति नीलू संजीव श्रृंगीऋषि की अदालत ने रूप सिंह पिता परम अहिरवार उम्र 21 वर्ष निवासी आमाखुर्द थाना केंन्ट जिला सागर को 20 वर्ष के सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड से दंडित किया गया।
जिला अभियोजन अधिकारी मामले की पैरवी कर्ता राजीव रूसिया द्वारा बताया गया कि उत्तरजीवि (नावालिग)  ने थाना केन्ट में आवेदन दिया कि दिनांक 06.12.218 को लगभग 11ः30 बजे उसकी मम्मी गाॅव में कंट्रोल रूम की दुकान पर गेहूॅ लेने गयी थी और पापा सागर गये थे। वह अपने खेत में बनी घास की टपरिया में भाजी काट रही थी। तभी आमाखुर्द का रहने वाला रूप सिंह आया और गलत काम करने की कहने लगा, मना करने पर भी उसने जबरदस्ती उसके साथ छेडखानी की और उसे पटक दिया और उसके साथ बलात्कार करने लगा। चिल्लाने पर उसका भाई आ गया जिसे देखकर रूपसिंह वहा से भाग गया। शांम को जब उसके मम्मी पापा घर आये तब उसकी घटना के बारे में बताया। तब उत्तरजीवि (नावालिग) ने थाना केन्ट में आरोपी के विरूद्ध घटना के संबंध में लिखित शिकायत आवेदन दिया। जिस पर से थाना केन्ट में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया।
विचारण उपरांत मामले में आयी साक्ष्य और अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर न्यायालय विशेष न्यायाधीश/ नवम् अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमति नीलू संजीव श्रृंगीऋषि (लैगिक अपराधों से बालकों को संरक्षण अधिनियम 2012) की अदालत ने अरोपी रूप सिंह पिता परम अहिरवार उम्र 21 वर्ष निवासी आमाखुर्द थाना केंन्ट जिला सागर को दोषी पाते हुए धारा 376(3) भादवि में 20 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1000 रूपये के अर्थदण्ड और धारा 450 भादवि में 10 वर्ष के सश्रम कारावास व 1000 रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया।
छेड़छाड़ करने वाले आरोपी को सजा
सागर/छेड़छाड़ करने वाले आरोपी को न्यायालय श्रीमान् विशेष न्यायाधीश, नवम् अपर सत्र  न्यायाधीश, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम- 2012 श्रीमती नीलू संजीव श्रृंगीऋषि की अदालत ने आरोपी गनेश अहिरवार पिता लच्छू उर्फ लक्ष्मण अहिरवार उम्र 25 वर्ष निवासी ग्राम पडा रसोई थाना राहतगढ को दोषी पाते हुए दो वर्ष के सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड से दंडित किया।

      अभियोजन की ओर से पैरवीकर्ता अधिकारी जिला अभियोजन अधिकारी श्री राजीव रूसिया ने बताया कि उत्तरजीवी (नाबालिग) रात्रि के समय छत पर अपनी बहन और भाई के साथ सो रही थी और उसके मम्मी पापा घर के आंगन में सो रहे थे तभी आरोपी गनेश अहिरवार  जो उसके मोहल्ले का रहने वाला है आया और उसके साथ बुरी नियत से छेड़छाड़ की और उसका मुंह दबाने लगा उसकी नींद खुल गई तो उसने देखा कि वह गनेश अहिरवार था। चिल्लाने पर उसकी बहन, भाई एवं मम्मी पापा आ गये, जिन्हें देखकर आरोपी वहां से भाग गया। घटना के बारे में उसने अपने  परिजनों को बताया। घटना की रिपोर्ट थाना राहतगढ में की गई। उत्तरजीवि की रिपोर्ट पर से मामला विवेचना में लिया गया विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया विचारण उपरांत मामले में आयी साक्ष्य के आधार पर श्रीमान् विशेष न्यायाधीश, नवम् अपर सत्र  न्यायाधीश, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम- 2012 श्रीमती नीलू संजीव श्रृंगीऋषि की अदालत ने आरोपी गनेश अहिरवार पिता लच्छू उर्फ लक्ष्मण अहिरवार उम्र 25 वर्ष निवासी ग्राम पडा रसोई थाना राहतगढ को दोषी पाते हुए धारा 457,354 भादवि में 02-02 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1000-1000 रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया।

  
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