Editor: Vinod Arya | 94244 37885

गोवर्धन , प्रकृति की पूजा है: आचार्य नवलेश दीक्षित

गोवर्धन , प्रकृति की पूजा है: आचार्य नवलेश दीक्षित
सागर। "चिन्ता करे बलाय हमारी, इस माया जंजाल की,बलिहारी बलिहारी बोलो, दशरथ नन्दन लाल की।"
भागवत कथा के पंचम दिवस में उत्कटा मताई मन्दिर में चल रही भागवतकथा प्रसंग में आचार्य नवलेश ने बताया कि जीवन में किसी भी प्रकार की चिन्ता यदि आपने की तो बिमारी के शिकार हो जायेगें ।उन्होंने  चिन्ता न करने की सलाह देते हुए कहा कि चिन्ता रोग की डाकिनी काट कलेजा खाय, साधु बिचारा का करे, कब तक कथा सनाये । कथा सुनने के बाद उदबेग, असन्तोष, निन्दा, आलस्य, प्रमाद समाप्त होना चाहिए, तभी कथा सुनने कालाभ हैं। आचार्य जी ने कथा प्रसंग में बाल कृष्ण की सभी लीलाओं का दर्शन कराया, माखन चोरी, को मन की चोरी बताया, गोवर्धन पूजा प्रकृति की पूजा है, जल का संरक्षण,वन सम्पदा का रक्षण, प्रकृति का सम्मान करना, यही जीवन का उद्देश्य
होना चाहिए।
कथा में स्मरण किया भगवन को
नरयावली विधायक प्रदीप लारिया, ब्राम्महण समाज के जिला अध्यक्ष देवी प्रसाद , भाजपा के अध्यक्ष प्रभुदयाल पटैल, मण्डल अध्यक्ष चैन सिंहठाकुर, महामंत्री सदन मण्डल सौरभ केशरवानी, अनिल दुबे, रामकृष्ण गर्ग,
कपिल मलैया  एवं सभी माताएं बहनो  ने भागवत कथा का स्मरण किया।
        कथा के मुख्य यजमान समाज सेवी शिवशंकर मिश्रा जी एवं समस्तमिश्रा परिवार एवं नगर वासी उपस्थित रहे है।
Share:

Related Posts:

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें

www.Teenbattinews.com