ज्ञान विज्ञान की परम्परा से विकास की ओर बढ़ना है-.प्रो.विनोद कुमार गौर दीक्षांत समारोह:बुदेली पगड़ी मे छात्र, शिक्षक और अतिथिगण



ज्ञान विज्ञान की परम्परा से विकास की ओर बढ़ना है-.प्रो.विनोद कुमार गौर
दीक्षांत समारोह:बुदेली पगड़ी मे छात्र, शिक्षक और अतिथिगण
सागर ।डाॅ. हरीसिंह गौर विष्वविद्यालय सागर का 29वां दीक्षांत समारोह  आज अपने बुंदेली  परम्परा में दिखा।  गौर प्रांगण विष्वविद्यालय परिसर में आयोजित हुआ। दीक्षांत समारोह का  अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलित कर सरस्वती वंदना के साथ हुआ। कुलपति द्वारा अतिथियों का स्वागत किया गया एवं स्वागत भाषण व वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। 
 समारोह के मुख्य अतिथि मानद एमेरिट्स वैज्ञानिक प्रो. विनोद कुमार गौर ने कहा कि ज्ञान-विज्ञान की परम्परा और विकसित से विकास की ओर आगे बढ़ना है।आधनिक से आधुनिक वैज्ञानिक अविष्कार का मूल वेदों व संस्कृति में निहित है। प्राकृतिक संसाधनों और स्त्रोतों को सुरक्षित बनाए रखना आज के वैज्ञानिकों के लिए बड़ी चुनौती है। आज के युवाओं में सांस्कृतिक चेतना का आभाव चिंता का विषय है
विषिष्ठ अतिथि पद्मश्री डाॅ.रमेष चन्द्र षाह ने कहा कि षिक्षा सदैव जीवंत एवं ऊर्जावान होती है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विष्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रो. बलवंतराय षांतिलाल जानी ने अपने उद्धबोदन में कहा कि डाॅ. हरीसिंह गौर का योगदान अतुलनीय है। वह ठाकुर रविन्द्रनाथ टैगौर, पं.मदनमोहन मालवीय की परम्परा के साथी है। जिन्होंने श्रेष्ठ षिक्षण संस्थनों की आधार शिला रखी। प्रो. जानी ने कहा कि बुन्देली आनबान शान की परम्परा और प्रतीक के साथ हमको पगड़ी और शिक्षा का सम्मान करना है।
इनको मिले पदक और उपाधि
 कुलपति एवं अतिथियों द्वारा सत्र 2018-19 के स्नातक/सनाकोत्तर एवं पीएचडी उत्तीर्ण छात्रों को स्वर्ण पदक एवं उपाधि प्रदान की गई। दीक्षांत समारोह में इस वर्ष कुलपति, अधिष्ठाता एवं उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र छात्रों द्वारा भाषण एवं संवाद हिन्दी मातृ भाषा में दिया गया। समारोह में स्नातक/स्नातकोत्तर/पीएचडी के कुल 642 पंजीयन प्राप्त हुए थे। जिसमें से 511 उपाधि जिसमें 243 छात्र एवं 265 छात्राओं को उपाधि प्रदान की गई। कार्यक्रम में उपस्थित छात्रों ने भारतीय बुन्देलखण्ड पोशाक में अपनी उपाधि प्राप्त की।  विष्वविद्यालय द्वारा 131 उपाधियाॅं पोस्ट के माध्यम से छात्रों के घर पर भेजी गई। अतिथियों के उद्धबोधन के पश्चात विष्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी द्वारा स्मृति चिन्ह प्रदान किये गये। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। दीक्षांत समारोह में सत्र 2018-19 स्नातक/स्नातकोत्तर के अंतिम वर्ष के 46 छात्र जिसमें मानस षर्मा, प्रसून जैन, मोना चैहान, मानसी अग्रवाल, आदर्ष ठाकुर,निष्चल चैधरी, इचा घई, रविदास, कौषिकी, अमित दुबे, ज्योति षर्मा, अदिति, मानवी भटनागर,प्रियम गर्ग, अभिषेक, रूपक जैन, वर्षा सिंह, महिमा तिवारी, 
अभिनव, नवनीत कुमार, सुरेष, सुमन कुर्मी, पूजा यादव, मोहसाद, अनुज विष्वकर्मा, सौरभ कुमार, मोनाली यादव, मनीषा तिवारी, चारू प्रभाकर,प्रतिभा पाल, अंकिता, अखिलेष, प्रियेष कुमार, पारूल पटेल, सैफाली गुप्ता,सुरभी गुप्ता,प्रिया रानी, मनोज कुमार,ज्योत्सना, अमन राय, कृति गुप्ता,स्वाति मालवीय,डोली तिवारी, मधुश्री, प्रज्ञा आदि छात्रों को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। 
     एजुकेषन मल्टीमीडिया रिसर्च सेन्टर के द्वारा  दीक्षांत समारोह का लाइव प्रसारण किया गया। विष्वविद्यालय के समस्त अधिष्ठताओं ने उपाधि उद्धघोषणा की एवं कुलपति द्वारा सभी छात्रों को उपाधियाॅं प्रदान की। कार्यक्रम का संचालन कर्नल. राकेष मोहन जोषी एवं डाॅ. अवधेष तोमर ने किया। अंत में विष्वविद्यालय के कुलसचिव कर्नल राकेष मोहन जोषी ने आभार व्यक्त किया।
बुंदेली परिधान/पगड़ी आकर्षण का केंद्र
 दीक्षांत समारोह के गौरवशाली क्षण में गौर प्रांगण सहित पूरे परिसर में उत्साह की झलक देखने को मिली। यहां पर मेडल और उपाधी पाने वाले उत्साहित विद्यार्थी अपने-अपने परिजनों के साथ बुंदेली परिधान में नजर आए। गौर प्रांगण में सिर पर बुदेली पकड़ी लगाए हुए छात्र, शिक्षक और अतिथिगण आकर्षण का केंद्र रहे। कार्यक्रम की शुरूआत से पूर्व गौर प्रांगण में विद्यार्थियों ने सर गौर अमर रहें के नारे लगाए।
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