केंद्र सरकार किसानों के मामले में भेदभाव बरत रही है: कांग्रेस प्रवक्ता
सागर । काँग्रेस के सम्भागीय प्रवक्ता संदीप सबलोक ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि किसानों और प्राकृतिक आपदा के मामले में एमपी सरकार के साथ भेदभाव कर रही है । प्रदेश की भाजपा अपनी केंद्र सरकार से मदद करने की बजाय कामकाज में अड़ंगे डाल रही है।
उन्होंने आज मीडिया से चर्चामे कहा कि
बीते दिनों मध्यप्रदेश ने अतिवर्षा एवं बाढ़ से भीषणतम प्राकृतिक आपदा का सामना किया है। इस आपदा से समूचे मप्र के 52 में से 39 जिलों की 284 तहसीलें प्रभावित हुई हैं।
सर्वाधिक नुकसान प्रदेश के अन्नदाता किसानों का हुआ है। लगभग 60.47 लाख हेक्टेयर की 16270 करोड़ रूपये की फसलें बर्बाद हुई हैं। लगभग एक लाख 20 हजार घरों को क्षति पहुंची है, 674 नागरिकों को अपने प्राण गवाने पड़े हैं, 11 हजार किलोमीटर से अधिक सड़कांे को नुकसान पहुंचा है। एक हजार से अधिक पुल-पुलिया को क्षतिग्रस्त हुई हैं, 19735 स्कूल-बिल्डिंगों को नुकसान पहुंचा है, 218 छात्रावासों, 230 स्वास्थ्य केंद्रों, 17106 आंगनवाड़ियों को इस भीषण प्राकृतिक आपदा से क्षति पहुंची है। केंद्र सरकार का दायित्व होता है कि वह राष्ट्रीय आपदा कोष से राज्य की सहायता करे। इसी के दृष्टिगत भाजपानीत केंद्र सरकार को विधिवत रूप से एक विस्तृत प्रतिवेदन दिया गया और केंद्र सरकार ने 6621.28 करोड़ रू. की मांग की गई।
मगर दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि मध्यप्रदेश सरकार द्वारा देश के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को राहत के लिए प्रतिवेदन सौंपने के बावजूद आज दिनांक तक केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय आपदा कोष (एनडीआरएफ) से एक भी पैसा नहीं दिया गया।
उन्होंने कहा की केंद्र की भाजपा सरकार ने प्राकृतिक आपदा के लिए भाजपा शासित कर्नाटक और बिहार को तुरंत राहत राशि प्रदान की, किंतु मध्यप्रदेश के साथ राजनैतिक द्वैष की भावना के साथ काम किया जा रहा है और प्रदेश भाजपा का नेतृत्व मप्र के नागरिकों के जख्मों पर मरहम लगाने की अपेक्षा नमक छिड़क रहा है। इस मौके पर अध्यक्ष रेखा चोधरी और डॉ दिनेश पटेरिया मौजूद थे।
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