"यंगेस्ट एक्टिबट्रेक्स्ट्रस राइटर" गूगल गर्ल शंजन थम्मा , 235देशों के नाम और राजधानी मुखाग्र बताती है, ढेरो जानकारी देती है शंजन
भोपाल।मुख्यमंत्री कमल नाथ ने प्रदेश की प्रतिभा तीन वर्षीय नन्हीं बालिका शंजन थम्मा के साथ आत्मीय पल बिताए। बहुमुखी प्रतिभा की धनी दस माह की उम्र में ही इस बालिका को दोनों हाथ से लिखने की कला के साथ ही वर्तमान में उसे दुनिया के 247 देशों में से 235 देशों के नाम और उनकी राजधानी मुखाग्र है। मुख्यमंत्री ने कहा "धन्य है हमारा प्रदेश की इतनी अद्वितीय प्रतिभा हमारे यहाँ हैं । ऐसी प्रतिभाओं का प्रदेश हित में प्रेरणा के रूप में उपयोग किया जाएगा।"
मुख्यमंत्री श्री नाथ जब मंत्रिमंडल की बैठक से लौटे तो मंत्रालय की 5वीं मंजिल में अपने कक्ष में वे षंजन से मिले। शंजन अपनी माँ श्रीमती मानसी थम्मा एवं नाना श्री रमेश चंद्र शर्मा के साथ आई थी। उज्जैन निवासी षंजन जैंसे ही कक्ष में दाखिल हुई मुख्यमंत्री ने गर्म जोशी के साथ उससे हाथ मिलाया। षंजन से उन्होंने सवाल किया और उसे कौन-कौन से मेडल प्राप्त हुए। मुख्यमंत्री ने उसकी एक-एक उपलब्धि को देखा। फूलों से लदा एक गुलदस्ता भी मुख्यमंत्री ने षंजन को दिया।
मुख्यमंत्री ने अपनी और से षंजन को एक प्रशंसा-पत्र भी सौंपा। मुख्यमंत्री ने लिखा "धन्य है हमारा प्रदेश जो आपकी जैंसी अद्वितीय प्रतिभा हमारे यहाँ है। "यंगेस्ट एक्टिवट्रेक्स्ट्रस राइटर" के रूप में वर्ल्ड रिकार्ड बनाने पर मेरी और प्रदेश की जनता की ओर से बधाई देता हूँ। आपकी प्रतिभा को निखारने के लिए माता-पिता ने जिस समर्पण के साथ जो सतत् प्रयास किए हैं, वे सराहनीय हैं। ऐसी प्रतिभाओं को संवारने और सहेजने की आवश्यकता है। आपकी सफलता माता-पिता की कोशिशों का परिणाम है, और एक उदाहरण भी। मेरी शुभकामनाएँ है कि आप हमेशा इसी तरह अपने देश-प्रदेश और माता-पिता का सम्मान इसी तरह से और बढ़ाते जाएं। आपके बेहतर भविष्य की कामना करता हूँ।"
10 माह की उम्र दोनो हाथ से लिखने लगी शंजन
मुख्यमंत्री को षंजन की माता मानसी ने बताया कि जब वह 10 माह की थी तभी से दोनों हाथ से लिखने के साथ ही 1 से 10 तक की गिनती इसे याद थी। साइंस, राजनीति और दुनिया के भूगोल की षंजन को गहरी समझ और जानकारी है। षंजन का पहला रिकार्ड 2 साल 11 माह में बना जब वह दोनों हाथों से लिखने लगी थी। दूसरा रिकार्ड इतनी ही कम उम्र में राष्ट्रीय गीत, राष्ट्रीय गान के साथ ही सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तान उसे पूरा याद होने के कारण बना। उसे वर्ल्ड ऑफ रिकार्ड इंडिया और एशिया बुक ऑफ रिकार्ड मिल चुका है। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज होने की अंतिम प्रक्रिया चल रही है। षंजन की अपनी खुद की 250 किताबों की लाइब्रेरी है। चंद्रयान 2 की लॉचिंग उसने पूरी रात देखी और कहा कि आगे हम इसमें सफल होंगे।
माँ साफ्टवेयर इंजीनयर और पिता एयरफोर्स में
शंजन तीन साल की है और वह नर्सरी में है लेकिन उसे नवीं कक्षा का पूरा ज्ञान है। षंजन की माँ सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं और पिता श्री श्रीधर थम्मा एयर फोर्स में कच्छ में पदस्थ हैं। षंजन की प्रतिभा को सहेजने और संवारने के लिए मां ने अपनी नौकरी छोड़ दी। वे बीएड कर रही हैं ताकि वे स्वंय उसकी अधिकृत शिक्षिका बन सके।
उज्जैन में रहती है नाना नानी के साथ
उज्जैन के परवाना नगर में नाना नानी और माँ के साथ संजना रहती है ।अंग्रेजी की वर्णमाला के साथ-साथ गणित के एक से पचास तक के अंक जब वह दोनों हाथों से एक साथ लिखना शुरू करती है तो देखने वाले दंग रह जाते हैं। शंजन के नाना रमेश चन्द्र शर्मा और नानी प्रमिला शर्मा बताते हैं कि उनकी बेटी और शंजन की मां मानसी श्रीधर का विवाह आंध्रप्रदेश में हुआ। दक्षिण भारत की मान्यता अनुसार जन्म के समय कुंडली में आये स्थानीय भाषा के अक्षर पर नाम रखने की प्रथा है। शंजन थम्मा का नामकरण भी वहीं पर हुआ। बालिका के पिता भारतीय वायुसेना में अधिकारी हैं। उनकी पदस्थापना दूर-दराज में होने पर शंजन थम्मा और उनकी मां मानसी यहां उज्जैन में रहते हैं।
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