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ब्रिटिश एम्बेसी एवं हाई कमीशन नई दिल्ली की चिवनिंग छात्रवृत्ति एवं फैलोशिप हेतु तीन दिवसीय प्रशिक्षण


ब्रिटिश एम्बेसी एवं हाई कमीशन नई दिल्ली की चिवनिंग छात्रवृत्ति एवं फैलोशिप हेतु तीन दिवसीय  प्रशिक्षण
सागर । डॉ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर के प्राणीशास्त्र विभाग में ब्रिटिश एंबेसी एवं हाई कमिशन नई दिल्ली के द्वारा चिवनिंग छात्रवृत्ति एवं फैलोशिप हेतु तीन दिवसीय  प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। 
          कार्यक्रम के दूसरे दिन विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रोफेसर आरपी तिवारी ब्रिटिश हाई कमीशन की ओर से पंकज जैन डायरेक्टर कैरियर प्लस सर्विस नई दिल्ली, डॉ तपस कुमार होम क्षेत्रीय निदेशक काजीरंगा विश्वविद्यालय असम, डॉ अश्वनी कुमार दुबे डीन फैकल्टी ऑफ साइंस ,श्री कृष्णा विश्वविद्यालय एवं एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर एनवायरमेंट एंड सोशल वेलफेयर सोसाइटी छतरपुर की गरिमामय उपस्थिति रही। 
       कार्यक्रम में पंकज जैन ने ब्रिटिश हाई कमीशन यूनाइटेड किंगडम के द्वारा स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर पर शिक्षा प्राप्त करने के लिए छात्र छात्राओं को छात्रवृत्ति की विस्तृत जानकारी दी उन्होंने बताया कि जो छात्र छात्राएं इंग्लैंड अमेरिका फ्रांस जर्मनी दुबई में पढ़ना चाहते हैं वह अपने पंजीयन ऑनलाइन कर इसका लाभ ले सकते हैं। तपस कुमार होम ने छात्र छात्राओं को अपने उद्बोधन में कहा कि विदेश में शिक्षा ग्रहण करने से बच्चों में गुणवत्ता आती है। डॉ अश्वनी कुमार दुबे ने उच्च शिक्षा में क्वालिटी इंश्योरेंस पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उच्च शिक्षा विभाग की संस्थाओं में गुणवत्ता लाने की आवश्यकता है विश्वविद्यालयों में समुचित लैब की व्यवस्था पुस्तकालय एवं शैक्षणिक माहौल तैयार करना अत्यंत आवश्यक है इसके अलावा प्रबंधन द्वारा आवश्यक सामग्री छात्र छात्राओं को आवश्यक शैक्षणिक सामग्री उपलब्ध कराना चाहिए ।कार्यक्रम की संयोजक डॉ दीपाली जाट ने सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका सम्मान किया कार्यक्रम का संचालन विश्वविद्यालय की छात्रा डॉली ने किया।          इस अवसर पर प्राणी शास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर जे डी आही, डॉ एस के जैन, प्रो व्ही शर्मा ,प्रो एम सिकदर, प्रो एस यादव डाॅ पायल महोबिया ,डॉ आर श्रीवास्तव ,डॉ एस के मिश्रा ,डॉ आर के कोरी सहित विश्वविद्यालय की सैकड़ों छात्र छात्राएं उपस्थित रहीं कार्यक्रम उपरांत अतिथियों ने प्राणी शास्त्र विभाग का म्यूजियम फाइन आर्ट एवं संगीत विभाग का भी अवलोकन किया।
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