वृद्ध की व्यथा। कभी पेंशन मिली ,तो कभी मृत बताया, कर दी बन्द,
सागर । एक बुजुर्ग की पेंशन सरकारी कागजो में उलझ गई है । बुजुर्ग को कभी पेंशन मिलती थी । लेकिन एक कागज में सरकारी लापरवाही ने मृत कर दिया । नतीजतन उसकी पेंशन बन्द हो गई। खास बात यह भी है कि समग्र आईडी में मृत होने पर भी एक महीने की पेंशन मिली और फिर बन्द हो गई। पीड़ित ने फिर से प्रशासन से गुहार लगाई है कि पेंशन दे दो मै जिंदा हूँ। इस मामले में प्रशासन ने जांच के आदेश दिये है।
मामला सागर जिले की जैसीनगर जनपद पंचायत का है । कटंगी पंचायत के बरखुआँ खुर्द के 64 वर्षीय टीकाराम लोधी का हैं । जिन्हें 25.5.2018 में प्रशासनिक अधिकारियों ने परिवार आईडी पर मृत घोषित कर दिया।लेकिन दिलचस बात तब शुरू हुई जब संबंधित अधिकारियों ने पुनः 17.6.2019 में वृद्धा पेंशन में टीकाराम का नाम जोड़कर वृध्दा पेंशन की राशि स्वीकृति कर दी। जिसकी एक माह की राशि 600 रुपये इनके बैंक खाते में जमा कर दी।
व्यथा यही खत्म नही हुई। एक बार फिर दिलचस्प मोड़ आया। जब 26 सितम्बर2019 को फिर से मृत बताकर फिर से पेंशन बंद कर दी।जबकि अधिकारियों द्वारा जिस व्यक्ति के साथ जिंदा करने और मारने का खेल खेला गया वह असल में जिंदा हैं और सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट कर खुद को कागजों में जिंदा कराने की गुहार कर रहा हैं ताकि उसकी वृध्दा पेंशन दोबारा मिल सके।
आवेदक टीकाराम लोधी ने सागर कलेक्टर से इसकी लिखित शिकायत दर्ज कराई हैं ।वही जैसीनगर जनपद सीईओ चेतना पाटिल का कहना हैं की मीडिया के द्वारा मुझे इस मामले की जानकारी मिली हैं, जिसकी जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने पर सम्बंधित कर्मचारियों पर कार्यवाही की जाएगी
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