जिला अस्पताल के एसएनसीयू से बच्चा गायब! निजी अस्पताल के एसएनसीयू में मिला
-इलाज के दौरान बच्चा बदला,जमकर हंगामा ,लापरवाह नर्स निलंबित
नर्स ने इलाज कराने रेफर शिशु की जगह दूसरे का दिया बच्चा।
सागर । जिला अस्पताल में नवजात के बदलने की गंभीर लापरवाही की घटना सामने आई है। नर्स ने इलाज के रेफर किये गए नवजात की जगह दूसरे का बच्चा थमा दिया । जिसका इलाज होना था वह अस्पताल में ही भर्ती था । बच्चा बदले जाने की घटना से अस्पताल में जमकर हंगामा मचा। पुलिस ने बीचबचाव कर मामला सुलझाया। इस मामले में लापरवाह नर्स को निलंबित कर दिया है।
सागर जिला चिकित्सालय के महिला एवं शिशु चिकित्सालय डफरिन अस्पताल के एसएनसीयू में नर्स चांदनी श्रीवास की लापरवाही से एक दिन के नवजात ले बदलने का मामला सामने आया है ।जिसको लेकर परिजनों ने अस्पताल में हंगामा कर दिया।सागर जिले के गढ़ाकोटा की सुलोचना पति कमलेश लड़ियां को प्रसव के लिए शुक्रवार को डफरिन अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जिसे करीब साढ़े तीन किलो का बच्चा हुआ था। जिसे एसएनसीयू में भर्ती किया गया था। रविवार को सुबह बच्चे को स्तनपान के लिए परिजनों को दिया गया था और वापिस एसएनसीयू के बार्मर में रख दिया गया। दोपहर में जब बच्चे को स्तनपान कराने के लिए परिजनों ने अस्पताल के एसएनसीयू मौजूद नर्सों से मांगा तो नर्स ने नवजात देने से मना कर दिया ।
शाम होते होते बच्चे के परिजनों ने कई बार बच्चे को मांगा लेकिन ड्यूटी नर्स ने उन्हें बच्चा नहीं दिया और नर्स भी वहां से गायब हो गई ।इसके बाद परिजन इकट्ठा हो गए और बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज स्थित पुलिस चौकी जाकर बच्चा चोरी की शिकायत की। इसके बाद गोपालगंज थाना पुलिस और सीएसपी, थाना प्रभारी मौके पर पहुंचे जिसके बाद पता चला की अस्पताल में एक अन्य प्रसूता शबनम पति फिरोज खान के बच्चे की स्थिति गंभीर थी। जिसे इलाज के लिए एक निजी अस्पताल रेफर किया गया । जहां पर नर्स चांदनी श्रीवास ने गलती से सुलोचना का बच्चा शबनम के लिए दे दिया ।जिसका दिनभर निजी अस्पताल में इलाज चलता रहा बड़ी गंभीर स्थिति वाला बच्चा एसएनसीयू में ही नर्स की लापरवाही के चलते सामान्य बच्चे की तरह भर्ती रहा ।इस दौरान परिजनों के हंगामे के बाद जब मामला सामने निकलकर आया तो पुलिस के अधिकारियों की मौजूदगी में डॉक्टरों ने इस मामले में बारीकी से पड़ताल करते हुए परिजनों के आरोपों को सही पाया तथा बच्चा बदले जाने की बात को स्वीकारते हुए तत्काल लापरवाही बरतने वाली ड्यूटी नर्स चांदनी श्रीवास को निलंबित कर दिया है।
इस मामले में cmho डॉ एम एस सागर का कहना है कि दोनों बच्चे कमजोर थे। इसलिए उनको Sncu में रखा गया था । ये सही है जिस बच्चे को इलाज के लिए निजीअस्पताल परिजन ले जाना चाहते थे, वह बदल गया। लेकिन इलाज दोनो का जरूरी है। लापरवाह नर्स को निलंबित कर दिया है।
शबनम के पति फिरोज के अनुसार जिस शिशु का मैंने इलाज कराया उसमें 10 हजार का खर्चा आया वह कौन देगा। बड़ी मुश्किलों में निजी अस्पताल से बच्चा मिला। पीड़ित दोनो पक्ष अस्पताल की लापरवाही से परेशान थे। बच्चे के इलाज को लेकर। नवजात के पैर में लगे निशान, टैग और अंकित फुट प्रिंट व प्रसव के दस्तावेज से पहचाना है।
Vमौके पर पहुचेCsp आरडी भारद्वाज के अनुसार दोनो पक्षो को समझाईश और शिशुओं की जांच के बाद पहचान होने के बाद सुलझ गया है ।
पहले भी ऐसी लापरवाही सामने आ चुकी है
जवाब देंहटाएं