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राजघाट बांध की ऊंचाई अब डेढ़ मीटर नहीं बल्कि 2 मीटर ही बढ़ेगी ,सीएम कमलनाथ ने दी सहमति

 राजघाट बांध की ऊंचाई अब डेढ़ मीटर नहीं बल्कि 2 मीटर ही बढ़ेगी ,सीएम कमलनाथ ने दी सहमति

सागर। राजघाट बांध की ऊंचाई अब डेढ़ मीटर नहीं बल्कि पूरे 2 मीटर ही बढ़ाई जाएगी। इस बात की सैद्धांतिक सहमति प्रदेश के मुख्यमंत्री  कमलनाथ  ने जिला कांग्रेस अध्यक्ष रेखा चौधरी पूर्व निगम अध्यक्ष त्रिलोकीनाथ कटारे और मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता डॉ संदीप सबलोक से चर्चा के बाद  दी है। इस संबंध में मुख्यमंत्री सचिवालय के निर्देश पर संबंधित कार्यवाही भी शुरू कर दी गई है। मुख्यमंत्री  कमलनाथ जी ने सागर की जनता के लिए दिवाली के गिफ्ट के रूप में यह एक बड़ी सौगात दी है।
         शहर-जिला कांग्रेस अध्यक्ष रेखा चौधरी,त्रिलोकी कटारे और संदीप सबलोक ने मीडिया को बताया कि  के कांग्रेसजनों ने राजघाट बांध की ऊंचाई बढ़ाने के लिए पिछली सरकार में लंबी लड़ाई लड़ी थी। प्रदेश में कमलनाथ  के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार स्थापित होने के बाद इस संबंध में नए सिरे से किए गए प्रयासों के बाद पिछले दिनों प्रदेश के मुख्य सचिव आर एस मोहंती ने अपने सागर प्रवास के दौरान राजघाट बांध की ऊंचाई बढ़ाने की घोषणा की थी। परंतु प्रारंभिक रूप से इसकी ऊंचाई डेढ़ मीटर बढ़ाने की बात सामने आई है।
        पूर्व निगम अध्यक्ष त्रिलोकीनाथ कटारे ने बताया कि   बांध की प्रारंभिक डीपीआर में यह पहले ही तय कर लिया गया था कि वर्ष 2011 में इसकी ऊंचाई को 2 मीटर बढ़ाया जाएगा। इस संबंध में बांध निर्माण के समय ऊंचाई बढ़ाने के लिए हाइड्रोलिक गेट लगाने को लेकर 2 मीटर ऊंची कॉलर पहले ही तैयार कर ली गई थी। ऐसे में इसकी ऊंचाई को डेढ़ मीटर बढ़ाना तकनीकी रूप से उचित नहीं होगा।
         प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता डॉ संदीप सबलोक ने मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ जी से चर्चा के दौरान कहा कि बांध की ऊंचाई बढ़ाने को लेकर जब सरकार इतनी बड़ी धनराशि खर्च कर ही रही है तो इसका पूरा लाभ भी सरकार और जनता को संपूर्णता से मिलना चाहिए। उन्होंने आग्रह किया कि निर्धारित डीपीआर के अनुसार ही इसकी ऊंचाई को 2 मीटर बढ़ाया जाना चाहिए। ताकि सिंचाई और पेयजल के रूप में पूरी जनता इसका फायदा लंबे समय तक उठा सके।
         मुख्यमंत्री कमलनाथ  ने बांध की ऊंचाई बढ़ाने को लेकर रखे गए तथ्यों को बड़े ही गंभीरता से सुना और उन पर अपनी सहमति जताते हुए अधीनस्थ स्टाफ को निर्देश देकर संबंधित जानकारियां मंगाने और योजना में परिवर्तन के लिए निर्देशित भी किया है।
       
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