मध्यांचल ग्रामीण बैंक के सेवानिवृत्त कर्मचारियों का प्रदर्शन 21 अक्टूबर को सागर में ,13 जिलों से आएंगे

मध्यांचल ग्रामीण बैंक के  सेवानिवृत्त कर्मचारियों का प्रदर्शन 21 अक्टूबर को सागर में,13 जिलों से आएंगे 
सागर । मध्यांचल ग्रामीण बैंक के  सेवानिवृत्त कर्मचारियों द्वारा अपनी 20 सूत्रीय मांगों को लेकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन 21 अक्टूबर को प्रधान कार्यालय मध्यांचल ग्रामीण बैंक सागर के सामने किया जाएगा। इसमे 13 जिलों के अलावा देश/ प्रदेश के बैंक कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारी भी शामिल होंगे।मध्यांचल ग्रामीण बैंक सेवानिवृत्त समन्वय समिति ने आज मीडिया को यह जानकारी दी। संयोजक एस के चोरिसिया,एस एन द्विवेदी सतना, आर एस नायक,एस के टंडन,,ऋषभ जैन,एल के दुबे,के के पाठक, एल एन साहू ने यह जानकारी दी।
        रिटायर्ड कर्मचारियों के अनुसारमध्यांचल ग्रामीण बैंक, 1 नवंबर 2012 को स्टेट बैंक द्वारा प्रायोजित मध्य भारत ग्रामीण बैंक,इलाहाबाद बैंक द्वारा प्रायोजित शारदा ग्रामीण बैंक एवं यूनियन बैंक ऑफ इंडिया द्वारा प्रायोजित
रीवा सीधी ग्रामीण बैंक के समामेलन के उपरांत अस्तित्व में आया । समामेलन के तुरंत बाद से
प्रवर्तक बैंक भारतीय स्टेट बैंक द्वारा समामेलित बैंक के अधिकारियों कर्मचारियों के साथ
दुर्भावनापूर्ण कार्यवाही की जाती रही हैं इनमें चाहे वेतन या भत्ता हो, या अन्य देय सुविधाएं सभीमें काट छांट कर आधा अधूरा भुगतान करना स्टेट बैंक प्रबंधन की आदत में शुमार है इसी कड़ीमें 25 अप्रैल 2018 को दशकों की लड़ाई के बाद माननीय सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के उपरांतग्रामीण बैंकों में लागू पेंशन योजना के अंतर्गत मध्यांचल ग्रामीण बैंक पेंशन नियम 2018 बनायागया । किंतु मध्यांचल ग्रामीण बैंक प्रबंधन दद्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों तथाभारत सरकार एवं नाबार्ड के परिपत्रों व दिशा निर्देशों के साथ साथ समय-समय पर वीडियोकॉन्फ्रेंस के जरिए दिए गए मार्गदर्शन एवं निर्देशों को बलाए ताक रखकर पेंशन निर्धारण में विलंबपर विलंब करते हुए जून 2019 से पेंशन भुगतान प्रारम्भ किया गया, इस तरह आर्थिक क्षतिपहुंचाने का हर समय प्रयास किया गया है । इसी कड़ी में नीचे दिए गए विवरण विवरण केअनुसार माननीय सुप्रीम कोर्ट की मंशा को दरकिनार करते हुए अनावश्यक गतिरोध पैदा करते हुएसमस्याओं का सृजन किया गया है हमारी प्रमुख ज्वलंत समस्याएं जो आनी ही नहीं चाहिए थींबैंक द्वारा जानबूझकर निर्मित की गई है और बैंक प्रबंधन न तो कभी वार्ता के लिए तत्पर होता
है और ना हमारे मांग पत्रों ज्ञापनों पर कोई संज्ञान लेता है । परिणाम स्वरूप हमें आंदोलन कीराह पकड़ना हमारी मजबूरी बन गई है वरना 60 साल से 75 साल तक की उम्र के लोगों को
आंदोलन जैसे मार्ग नहीं भाते हैं ।
ये है मांगें 
1. माह अप्रेल 2018 से माह अप्रेल 2019 की बकाया पेंशन का भुगतान । इसे आज ही
समस्त सेवानिवृत्त साथियों के खातों में अंतरित किया जाये साथ ही विलंबित अवधि हेतु
18% की दर से ब्याज भुगतान किया जाये जैसा कि से. नि. साथियों के ब्रिज लोन पर
बैंक ने बसूल किया है ।
2. पेंशन सारांशीकरण से संबन्धित विस्तृत दिशा निर्देश शीघ्र जारी किये जायें जिसमें अधिकृतचिकित्सकों की सूची, आवेदन पत्र संलग्न हो ।
 3. जिन सेवायुक्तों की पेंशन का निर्धारण हड़ताल या अन्य कारण से की गई वेतन कटौती
के कारण कम किया गया है उसे पेंशन रेगुलेशन 2018 की धारा 36(4) के अनुसार
अद्यतन किया जाये ।
4. माह अप्रेल 2018 एवं इसके बाद सेवानिवृत्त साथियों से 58 से 60 वर्ष के दौरान की EPGo
से प्राप्त पेंशन की बसूली बंद की जाये एवं बसूल की गई राशि वापिस की जाये अन्यथा
इस कटौती के संबंध मे वित मंत्रालय भारत सरकार, नाबार्ड एवं EPFO के निर्देश यदि
कोई हैं तो उनकी की प्रति दी जाये ।
5. पेंशन भुगतान आदेश (PPO) समस्त आवश्यक जानकारी सहित जैसे कि अन्य बैंकों द्वाराजारी किये गये हैं, पुनः जारी किये जायें ।
6. इस्तीफा देने के कारण दिनांक 01-04-2018 को या उसके पश्चात सेवानिवृत्त हुये सेवायुक्तोंको पेंशन विनियम 2018 के नियम 27 के अनुसार पेंशन भुगतान की जाये ।
7. जिन सेवानिवृत्त साथियों से पीएफ़ बैंक अंशदान की राशि EPFO के अभिलेख में दर्शित
राशि से अधिक बसूली गई है उसे वापिस किया जाये ।
8. पेंशन विनियम 2018 के नियम 29 के अनुसार सेवा से पदच्युत, निष्काषित सेवायुक्तों को अनुकंपा पेंशन दी जाये ।
9. पेंशन से की जाने वाली आयकर की कटौती के पूर्व विनियोजन संबंधी जानकारी प्राप्त की
जाये इस हेतु प्रक्रिया तैयार की जाये ।
10. पेंशन गणना में हुई त्रुटियों के संबंध में प्राप्त अभ्यावेदनों का शीघ्र निबटारा किया जाये ।
11. पेंशन विनियम 2018 के नियम 39(1) के अनुसार एसे सेवानिवृत्त साथी जिनकी मृत्यु
प्रभावी दिनांक 01-04-2018 को या उसके पश्चात हुई है, उन्हें भी निर्धारित पेंशन
सारांशीकरण राशि का लाभ दिया जाये ।
12. रिजर्व बैंक एवं नाबार्ड के दिशा निर्देशों का उल्लंघन कर ब्रिज लोन पर 18% ब्याज बसूल
__किया गया है जबकि अन्य बैंकों में 9% से 12% के बीच ब्याजदर रखी गई थी।
13. पेंशन राशि में यदि कोई कटौती की जाती है तो समुचित कारण सहित सूचित किया जाये
14. पेंशन विनियम 2018 के नियम 24(ब) के अनुसार सीधी भर्ती में यदि किसी सेवायुक्त को
उच्चतर आयु सीमा में छूट दी गई है तो उनकी कुल सेवा अवधि की गणना में उक्तनियम के प्रावधानों के अनुसार छूट दी गई आयु के वर्षों को भी जोड़ा जाये ।

15. मध्यांचल ग्रामीण बैंक के पूर्व घटक बैंक शारदा ग्रामीण बैंक, रीवा सीधी ग्रामीण बैंक एवं अन्य ग्रामीण बैंकों के
सेवायुक्तों के समान FPP का भुगतान समस्त सेवायुक्तों को किया जाये चंकि ग्रामीण बैंको में वेतन संरचना एकजैसी ही है।
16. माननीय उच्च न्यायालय एवं माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्णय अनसार उपदान संबंधी स्पष्ट निर्देश का विधिवतपालन अभी तक नहीं किया गया है। प्रत्येक प्रभावित सेवायुक्त को 10 वें वेतनमान के अनुसार गणना कर उपदानराशि न्यायालय के निर्देशानुसार भुगतान की जाये।
17. बैंक के पेंशन फंड ट्रस्ट में कम से कम दो सेवानिवृत्त साथियों को सदस्य बनाया जाये।
18. समस्त रिटायर्ड स्टॉफ एवं उनके परिवार के लिये बैंक बैंक द्वारा ग्रुप मेडिक्लेम पॉलिसी यथाशीघ्र प्रारम्भ कराई जाये
19. I नियम 16 में परिभाषित खंडित सेवा अवधि यदि 6 माह से कम है तो उसे छोड़ दिया जाना है जबकि 6 माह याअधिक की अवधि को 1 वर्ष के पूर्णांक में पेंशन अवधि में गणना में शामिल किए जाने के निर्देश को नजरअंदाज कर6
माह या अधिक अवधि की खंडित सेवाकाल को पेंशन पात्रता गणना में नहीं लिया गया है इसमें सुधार कर सभी
पेंशनरों के 6 माह या अधिक 1 वर्ष से कम खंडित सेवाकाल को 1 वर्ष में पूर्ण अंकित कर बड़े हुए सेवाकाल केअनुसार पेंशन की गणना सुनिश्चित की जाए परिवार पेंशन गणना में स्टेग्नेशन इंक्रीमेंट को मूल वेतन से पृथक करपेंशन का निर्धारण किया गया है जबकि स्टैग्नेशन इंक्रीमेंट मूल वेतन ही है और अर्हक वेतन का भाग है इसमें सुधारकर पेंशन की गणना सुनिश्चित की जाए।
20. नियम 27,28,29, 30 व 31 के अनुसार सेवा पदच्युत, terminated, removed, dismissed सेवायुक्तों को भी
पेंशन/निर्वाह भत्ता का भुगतान प्रारम्भ किया जाय।

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