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Heart Failure: से बढ़ रहा है मरने वालों का आंकड़ा

Heart Failure : Causes hike in death rate.


सागर । ए.पी.आई.की सागर शाखा ने  हार्ट  फेल्योर पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया।  कार्यक्रम के मुख्य वक्ता भोपाल गांधी मेडिकल कॉलेज से पधारे इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर आरके सिंह थे। उन्होंने हार्ट  फेल्योर की विभीषिका के बारे में विस्तार से बताया की एक सर्वे के अनुसार भारत में हार्ड फेलियर के कारण होने वाली मौतों का आंकड़ा बहुत ज्यादा है।
         कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ जी.के.दुबे ने बताया कि हार्ट फेल्योर या दिल की विफलता तब होती है जब हृदय शरीर की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त रूप से पंप करने में असमर्थ हो जाता है। सचिव डॉ प्रदीप चौहान ने बताया कि इस बीमारी के रोगी को साँस की तकलीफ, अत्यधिक थकान और पैरों में सूजन आ सकती है।डॉ अमिताभ जैन ने बताया कि हार्ट फेल्योर या दिल की विफलता हृदयाघात, उच्च रक्तचाप, अनियंत्रित धड़कन, अत्यधिक मद्यपान या किसी संक्रमण के कारण हो सकती है। डॉ अनुराग जैन ने बताया कि हार्ट फेल्योर और हार्ट अटैक तथा कार्डियक अरेस्ट में काफ़ी अंतर है। हृदयाघात में हृदय के उस हिस्से की मायोकार्डियल मांसपेशियां पूरी तरह से मर जाती हैं, जहाँ की रक्त ले जाने वाली कॉरोनरी धमनी 100% अवरुद्ध हो गई है। कार्डियक अरेस्ट में किसी भी अन्य कारण से ब्लड फ़्लो पूरी तरह से रुक जाता है। इनके विपरीत हार्ट फेल्योर में रोगी औषधियों के सहारे लंबे समय तक जीवित रह सकता है। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ आर के सिंह ने बताया कि आरनी ग्रुप की एक दवा सक्यूबिट्रिल एवं वेलसेटरान इस बीमारी में सबसे कारगर है। कार्यक्रम का संचालन ए.पी.आई. सचिव डॉ प्रदीप चौहान ने किया। आयोजन में भारी संख्या में चिकित्सक उपस्थित थे।
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