लड़कियो के प्रति बुरी नियत रखना बना हत्या का कारण,तीन गिरफ्तार

लड़कियो के प्रति बुरी नियत रखना बना हत्या का कारण,तीन गिरफ्तार


सागर । गांव की महिलाओ और लड़कियों के प्रति गलत निगाह रखना। लड़को को अश्लील फोटो दिखाना  एक युवक की हत्या का कारण बन गया । घटना सागर जिले के गौरझामर थाना क्षेत्र की है । पुलिस ने इस अंधे कत्ल का खुलाशा कर लिया और तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विक्रम सिंह ने मीडिया के सामने इसका खुलाशा किया।
    गौरझामर के नया गांव में सुनार नदी में एक अज्ञात व्यक्ति का रस्सी से बंधा गला और हाथ पैर बंधे शव मिला था ।जिसकी  महका पिपरिया गांव के परमानंद  लोधी के रूप में शिनाख्त हुई। वह  तीजा की रात्रि से  घर वापस नहीं लौटा था । थाना गौरझामर में  302, 201 भादवि का प्रकरण पंजीबद्ध दर्ज किया और जांच पड़ताल में लग गई। जिसमे पता चला कि परमानंद रंगीन मिजाज का था। 
          मृतक परमानंद घटना की रात्रि को कथित प्रेमिका से मिलने ग्राम सालावाडा गया था। जो रात्रिलगभग 12.30 बजे गावं वापस लौटा था। परमानंद  महिलाओं और लडकियों पर बुरी नजर रखता था । वही गाव के युवा लडको को इस संबंध में फोटो इत्यादि दिखा कर
प्रभाव भी जमाया करता था। इसी स्वभाव की वजह से उसने गाव के पढ़ने वाले नाबालिग
छात्र की भाभी के प्रति डोरे डालने का प्रयास किया था एवं इसी प्रकार अन्य नाबालिक
आदिवासी युवक की भाजी के प्रति भी बुरी निगाह रखता था। गांव के लड़के उसकी इन आदतों से अत्यंत आक्रोशित थे।उन्होनें तीजा की रात्रि में मृतक परमानंद के सालाबाडा से लौटकर आने के बाद मोबाईल फोन से उसकी लोकेशन लेकर उसे सूने स्थान पर बैठकर बातो में लगाया एवं अचानक उस पर लाठियों से हमला कर उसका सिर फोड दिया जिससे वह अचेत हो गया। फिर सत्यपाल आदिवासी अन्य दोनों नाबालिक युवको ने उसे उठाकर सुनार नदी के किनारे ले गये जहां रस्सी से गला घोटकर उसकी हत्या कर लाश के हाथ पैर बाधकर वर्षा से उफनती हुई नदी के पानी फेक दिया। जो बहते बहते लगभग 4 किमी आगे ग्राम नया गाव में शव प्राप्त हुआ।
          इसकी विवेचना थाना प्रभारी आशाराम अहिरवार द्वारा की गई। आरोपियों से लकडी के डडे ,मृतक का पर्स एवं सोने  के तावीज जप्त किये गये है। इस वारदात में   दोनों नाबालिक युवकों के विरुद्व किशोर न्यायालय एव एक अन्य को सक्षम न्यायालय में पेश कियाजा रहा है। पुलिस विवेचना में थाना प्रभारी गौरझामार आशाराम अहिरवार, उ0नि0 मनोज,आरक्षक अभिषेक ,नीरज ,राघवेन्द्र एवं महिला आरक्षक पुजा चढार की  भूमिका सराहनीय रही।
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